योगी सरकार को नींद से उठाने को जगी अदालत

महिला सिपाही के साथ निर्मम वारदात ध्वस्त हुआ यूपी में कानून का राज

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने रात में अपने घर में की सुनवाई, आज सीजे कोर्ट में बहस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कानून व्यवस्था पर बड़े-बड़े दावे करने वाली योगी सरकार की पुलिस ही अब दबंगों की शिकार बन जा रही है। उससे भी शर्मनाक यह कि सरकार इतनी बड़ी वारदात के बाद भी सोई रही। उसको नींद से जगाने के लिए हाईकोर्ट को रात में जागना पड़ा। दरअसल अयोध्या जा रही सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ दरिंदगी हुई थी जिस पर अदालत ने स्वत संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को फटकारते हुए कोर्ट से उससे जवाब तलब किया है।
उत्तर प्रदेश में अयोध्या जा रही सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ दरिंदगी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका कायम की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर गहरी नाराजगी जताई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो लेकर रविवार को छुट्टी के दिन रात के वक्त सुनवाई की है। मामले में चीफ जस्टिस के आवास पर बैठी स्पेशल बेंच ने सुनवाई करते हुए रेलवे और यूपी सरकार जवाब तलब किया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मामले में दायर याचिका पर एक बार फिर से आज दोपहर 12 बजे सुनवाई करेगा। फिलहाल कल रात हुई सुनवाई के दौरान जांच से जुड़े किसी सीनियर अफसर को भी आज हाईकोर्ट में पेश होने को कहा है। जो इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा हाईकोर्ट को देगा। इसके साथ ही राज्य सरकार को इस मामले में अब तक आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी हो पाई या नहीं इस मामले में जानकारी देनी होगी।। रात आठ बजे मुख्य न्यायाधीश के आवास पर अदालत लगाई गई। दोपहर करीब सवा तीन बजे इस मामले से जुड़ा एक संदेश मुख्य न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर के व्हाट्सएप आया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले का संज्ञान लेते हुए रात आठ बजे अपने आवास पर अदालत लगाने का फरमान जारी कर दिया।

ट्रेन में खून से लथपथ थी महिला सिपाही

निर्मम हालत में ट्रेन में मिली महिला सिपाही की पहचान प्रयागराज जिले के सोरांव क्षेत्र की निवासिनी के रूप में हुई है। वह 1998 बैच की महिला सिपाही है। वह सुल्तानपुर में तैनात है। सावन मेला की ड्यूटी करने वह अयोध्या आ रही थी। इस दौरान उसके साथ बर्बर घटना घटी। जानकारी मिलने पर रेलवे पुलिस उसे इलाज के लिए पहले अयोध्या के श्रीराम चिकित्सालय ले गई और फिर बिगड़ी हालत के कारण उसे लखनऊ के ट्रामा सेंटर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक महिला सिपाही के साथ घटना क्या और कैसे घटी इसका खुलासा उसके होश में आने के बाद ही होगा।

हाईकोर्ट को भेजी गई थी पत्र याचिका

हाईकोर्ट में राज्य सरकार के शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने बताया कि इस मामले को लेकर अधिवक्ता राम कौशिक ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र याचिका प्रेषित की थी। कोर्ट ने पत्र याचिका का संज्ञान लिया है। रेलवे और अयोध्या के पुलिस अधिकारियों को पूरी जानकारी के साथ बुलाया गया है।

घोसी में वोटरों को धमका रहे हैं थानेदार व सीओ : शिवपाल

आईजी से मिले सपा नेता बोले- बेईमानी से उपचुनाव जीतना चाहती है भाजपा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के मऊ की घोसी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए कल 5 सिंतबर को मतदान होना है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने सत्ता पक्ष पर चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया है, सपा नेता ने इस संबंध में आईजी रेंज से मुलाकात की और आरोप लगाया कि थानेदार और सीओ मोहल्लों में जाकर मतदाताओं को धमका रहे हैं, बीजेपी बेईमानी से चुनाव जीतना चाहती है, मतदाताओं को वोटिंग से न रोका जाए।
सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि हमें कई तरह की शिकायतें मिल रही है, थानेदार और सीओ मोहल्लों में जाकर वोटरों को धमका रहे हैं, वो वोटरों को रोक रहे हैं, हम चाहते हैं कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हों, मतदाताओं में टेरर न फैलाया जाए, इस तरह से वोटिंग कम होगी, उन्होंने कहा कि यहां पर सरकार का प्रेशर है कि कम से कम मतदान हो. अल्पसंख्यक और मुस्लिम मतदाताओं का काम वोट पड़े, इस तरह से निष्पक्ष चुनाव नहीं हो पाएंगे, सपा नेता ने कहा कि वो इस संबंध में चुनाव आयोग से भी मिलने जा रहे हैं, उनसे भी शिकायत करेंगे।

बीजेपी को हार से लग रहा डर

शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी को हार से डर लग रहा है तभी तो वो बेईमानी से चुनाव जीतना चाहते हैं, हम यहां इसलिए आए हैं कि अगर कहीं भी सपा नेताओं को परेशान किया जाएगा तो हम ऐसा नहीं होने देंगे, जो सपा के कार्यकर्ता है बूथ पर हैं और जो भी वोट को न रोका जाए, इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया और कहा कि डिप्टी सीएम तो खुद होटलों में बैठकर यही काम कर रहे हैं, घोसी से मऊ तक होटल में बैठकर लोगों को पैसा भी बांटा गया है और पैसे बांटने के साथ कोटा डीलर, प्रधान, सभासद को बुलाकर धमकाया भी है.।

विशेष सत्र को लेकर ’इंडिया‘ कल बनाएगी रणनीति

कांग्रेस नेताओं के साथ सोनिया गांधी करेंगी अहम बैठक

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए.) पार्टियों ने अपनी मुंबई बैठक के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव 2024 संयुक्त रूप से लडऩे के अपने संकल्प की घोषणा की। इस कदम का उद्देश्य एक संयुक्त मोर्चा प्रस्तुत करना और सार्वजनिक चिंता के मुद्दों को प्राथमिकता देना है।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद के विशेष सत्र की रणनीति पर चर्चा करने के लिए 5 सितंबर को कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक की अध्यक्षता करने वाली हैं। सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है। संसद के विशेष सत्र पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, कल हम संसदीय रणनीति समूह की बैठक बुला रहे हैं और कांग्रेस अध्यक्ष समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक भी बुला रहे हैं। हम संसद सत्र के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे। आपको बता दें कि संसद के विशेष सत्र को लेकर राजनीति तेज है।

इस सत्र का कोई औचित्य नहीं : अधीर

कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमें अभी तक इस पर कोई जानकारी नहीं मिली है। संसद उनकी (केंद्र) अपनी मर्जी से चल रही है। जब शीतकालीन सत्र होना ही था तो इस सत्र को बुलाने की क्या आपात स्थिति थी?

भाकपा ने की राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनॉय विश्वम ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान प्रश्नकाल और शून्य काल नहीं होने को लेकर चिंता जताई। उन्होंने राष्ट्रपति से मामले में हस्तक्षेप करने और ‘संविधान का सरंक्षण, सुरक्षा और रक्षा करने’’ की अपील की। राज्यसभा सदस्य ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि संविधान के तहत परिकल्पित नियंत्रण एवं संतुलन की प्रणाली ‘बड़े खतरे’ में है। भाकपा सांसद ने दावा किया, ‘‘विशेष सत्र के साथ, सरकार यह संदेश देना चाहती है कि ‘संसद में बहुमत ने उसे संसदीय प्रणाली को पूरी तरह से खत्म करने में सक्षम बना दिया है।

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