क्लिनिकल डिप्रेशन से जूझ रहे थे क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा
र्व खिलाड़ी रोबिन उथप्पा ने हाल ही में खुलकर बताया कि वे डिप्रेशन और आत्महत्या के ख्यालों से जूझ चुके हैं....
4PM न्यूज़ नेटवर्क : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी रोबिन उथप्पा ने हाल ही में खुलकर बताया कि वे डिप्रेशन और आत्महत्या के ख्यालों से जूझ चुके हैं.उन्होंने कहा कि उनके जीवन का सबसे कठिन मुकाबला क्रिकेट के मैदान पर नहीं, बल्कि उनके मन के अंदर था
रोबिन ने बताया कि 2011 में उन्हें पहली बार क्लिनिकल डिप्रेश का अनुभव हुआ. लेकिन उस समय उन्हें यह समझ नहीं आया कि उनके साथ क्या हो रहा है.
उन्होंने बताया कि डिप्रेशन से लड़ने का पहला कदम यह है कि आप स्वीकार करें कि कुछ गलत हो रहा है. जब तक हम यह नहीं मानते कि हमें मदद की जरूरत है, तब तक इस समस्या से निकलना मुश्किल होता है.
क्लिनिकल डिप्रेशन एक मानसिक रोग है, जिसमें व्यक्ति लगातार उदास और निराश महसूस करता है. यह उदासी और निराशा कुछ दिनों या हफ्तों तक नहीं, बल्कि महीनों या सालों तक चल सकती है. इसमें व्यक्ति को किसी भी चीज में खुशी या रुचि नहीं मिलती, चाहे वह पहले पसंदीदा चीजें ही क्यों न हो. इसका असर व्यक्ति के सोचने, महसूस करने और काम करने की क्षमता पर पड़ता है.
उपाय
यदि आपको लगता है कि आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलें.
नियमित व्यायाम करें, संतुलित आहार लें, और पर्याप्त नींद लें.
किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें, या किसी समर्थन समूह का हिस्सा बनें.
अपनी भावनाओं और विचारों को लिखें, इससे मानसिक तनाव कम करने में मदद मिलती है.