यूपी विधान परिषद में 81 एमएलसी में से 26 पर क्रिमिनल केस
- एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा, भाजपा के एमएलसी सबसे ज्यादा अपराधी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 81 में से 26 सदस्यों (एमएलसी) पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। यानी 32 प्रतिशत सदस्य ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मुकदमे हैं। तीन सदस्यों पर हत्या से संबंधित, चार पर हत्या का प्रयास से संबंधित मामले दर्ज हैं। इनमें भाजपा के 22, सपा के तीन और एक निर्दलीय सदस्य शामिल हैं। कुल सदस्यों में 66 सदस्य करोड़पति हैं। इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने यूपी के विधान परिषद सदस्यों को लेकर सोमवार को रिपोर्ट जारी की है। इसमें सदस्यों की औसत संपत्ति 11.72 करोड़ रुपये बताई गई है। सबसे अमीर सदस्य 177 करोड़ की संपत्ति के साथ दिनेश कुमार गोयल हैं, जबकि सबसे कम संपत्ति भाजपा के सदस्य अनूप गुप्ता की मात्र 6.69 लाख रुपये है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 15 सदस्य ऐसे हैं जिनकी संपत्ति एक करोड़ से कम है। इनमें तीन ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने 20 लाख से भी कम संपत्ति दिखाई है। भाजपा के 66 में से 54, सपा के सात में से छह, अपना दल का एक और निर्दलीय में छह में से पांच सदस्य करोड़ पति हैं। इस समय परिषद में केवल पांच महिला सदस्य हैं। 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में इस समय दो सीटें रिक्त हैं। सात सदस्यों के शपथपत्र उपलब्ध नहीं है। वहीं 10 मनोनीत सदस्यों को शपथपत्र नहीं देना होता है। इलेक्शन वाच के राज्य समन्वयक संजय सिंह ने बताया कि 32 प्रतिशत सदस्य ऐसे हैं जिन पर मुकदमे दर्ज हैं। तीन सदस्यों पर हत्या से संबंधित, चार पर हत्या का प्रयास से संबंधित मामले दर्ज हैं। इनमें से भाजपा के 22, सपा के तीन और एक निर्दलीय सदस्य पर आपराधिक मामला दर्ज है।
रिक्त सीटों के लिए 11 अगस्त को उप चुनाव
यूपी विधान परिषद की दो रिक्त सीटों के लिए 11 अगस्त को उप चुनाव होगा। विधान परिषद में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन से एक सीट खाली हुई है, जबकि दूसरी विधायक निर्वाचित होने के बाद पूर्व एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे से रिक्त हुई है। इस उप चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है। सदस्यों की संख्या देखते हुए दोनों सीटों पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। विधान परिषद की दो रिक्त सीटों में से एक सीट समाजवादी पार्टी के दिवंगत सदस्य और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे अहमद हसन की बीती 20 फरवरी को हुई मौत के कारण खाली हुई थी। उनका कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक था। दूसरी सीट अलीगढ़ की बरौली सीट से विधायक चुने गए ठाकुर जयवीर सिंह द्वारा बीती 24 मार्च को विधान परिषद की सदस्यता से दिये गए इस्तीफे की वजह से रिक्त हुई थी। उनका कार्यकाल पांच मई 2024 तक था।
भाजपा के खाते में जाएगी दोनों सीटें
विधानसभा में सदस्य संख्या देखते हुए दोनों सीटों पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। विधान सभा के 403 विधायकों में से 255 विधायक भाजपा के हैं, जबकि भाजपा गठबंधन की 273 सीटें हैं। वहीं सपा की 111 सीटें हैं जबकि गठबंधन के सहयोगियों के साथ उसकी 125 सीटें हैं। एमएलसी उपचुनाव में जीत के लिए 202 विधायकों के मतों की ही जरूरत है। ऐसे में दोनों ही सीटों पर भाजपा जीत दर्ज कर लेगी। विधान परिषद में दलीय स्थिति देखें तो भाजपा के 73, सपा के 9, बसपा के 1, अपना दल के 1, निषाद पार्टी के 1, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 1, शिक्षक दल गैर राजनीतिक के 2, निर्दलीय समूह के 2 और 2 सदस्य निर्दलीय हैं।
एक घंटे तक यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में रहे स्वामी प्रसाद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एमएलसी और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से यूपी एसटीएफ ने पूछताछ की है। यूपी एसटीएफ ने स्वामी प्रसाद मौर्य से करीब एक घंटे तक पूछताछ की। माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य से यह पूछताछ उस ठगी के सिलसिले में हुई है, जिसमें उनके निजी सचिव रहे अरमान को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। दरअसल, कुछ दिनों पहले एसटीएफ ने स्वामी प्रसाद मौर्य के पीए यानी निजी सचिव रहे अरमान और उसके गिरोह के कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके ऊपर लोगों से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप है। एसटीएफ ने इनके कब्जे से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स की मार्कशीट, आधार कार्ड और कुछ फर्जी सरकारी दस्तावेज भी जब्त किए थे। बताया जा रहा है कि एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य से इसलिए पूछताछ कर रही थी, क्योंकि जब यह फर्जीवाड़ा सामने आया था, तब स्वामी प्रसाद मौर्य मंत्री थे और उसी दौरान उनके निजी सचिव का यह पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया था। बता दें कि स्वामी के निजी सचिव रहे अरमान पर आरोप है कि वह कथित तौर पर युवाओं को नौकरी देने के नाम पर धन उगाही करता है। अरमान के साथ तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
पार्थ चटर्जी को तुरंत बर्खास्त करे बंगाल सरकार
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर जमकर सियासत हो रही है। भाजपा समेत दूसरे दलों के नेता ममता सरकार पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। उन्होंने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर पार्थ चटर्जी को तुरंत मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पार्थ चटर्जी 2014 से लेकर 2021 तक राज्य के शिक्षा मंत्री रहें। उनके मंत्री रहते शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ, ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तुरंत ही उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर देना चाहिए। दरअसल, बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही ईडी को ममता सरकार के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी के घर छापा मारा था।
इस दौरान ईडी को शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े कई अहम सुराग हाथ लगे। इसके बाद ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी पर शिकंजा कसा। जब उनके यहां ईडी ने छापेमारी की तो घर से 21.20 करोड़ रुपए कैश और 79 लाख रुपये मूल्य का सोना बरामद किया गया। शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी ने राज्य के उद्योग व संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया है। भर्ती घोटाले में कई घंटों तक चली छापेमारी और 26 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया है। पार्थ चटर्जी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी हैं। वे ममता सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। बता दें कि पार्थ चटर्जी को तीन अगस्त तक ईडी की हिरासत का आदेश दिया गया है। कलकत्ता अदालत ने भी गिरफ्तार दोनों आरोपियों का हर 48 घंटे में मेडिकल चेकअप कराने के आदेश दिए। कोर्ट ने ईडी को रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच अर्पिता से पूछताछ नहीं करने का भी आदेश दिया है।