यूपी की बिजली व्यवस्था पहले से बेहतर, विरोधी कर रहे दुष्प्रचार : शर्मा

  • ऊर्जा मंत्री बोले, बिजली का उत्पादन और खपत दोनों ही बढ़े

लखनऊ। प्रदेश के ऊर्जा और नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने मथुरा का दौरा किया। उन्होंने यहां मसानी स्थित मुकुंद विहार में भाजपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया। ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था को पहले से बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि बिजली का उत्पादन और खपत दोनों ही बढ़े हैं। अभी तक के इतिहास में यूपी के बिजली घरों की जितनी विद्युत क्षमता बढ़ी, इतनी पहले कभी नहीं बढ़ी। सफाईकर्मियों पर अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि सुबह पांच बजे उठकर सफाई करना आसान नहीं होता। हमारे मेयर, पार्षद और विधायक भी सफाई कार्य में लगे हैं। उन्होंने मोदी के 20 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते उन पर लिखी किताब मोदी एट दी रेट ट्वेंटी ड्रीम्स मीट डिलीवरी नाम के बारे में बताया। इससे पूर्व ऊर्जा मंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। ऊर्जा मंत्री ने रिफाइनरी गेस्ट हाउस में मथुरा-वृंदावन नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियो पर बजने वाले जनहित संदेश की नए ऑडियो ट्यून को लॉन्च किया। इस मौके पर हरी झंडी दिखाकर 10 गाड़ियो को रवाना किया गया। नगर आयुक्त अनुनय झा से कहा कि वह साफ-सफाई और पेयजल व्यवस्था को पहले समय के मुकाबले अच्छा बनाने की कवायद करें। नगर आयुक्त ने कहा कि अगले तीन दिन में नगर निगम की सभी गाड़ियों पर यह ट्यून बजना शुरू हो जाएगी। भाजपा के प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री के समक्ष बाकलपुर निवासी बादाम सिंह की पत्नी सुमन को ध्वस्त किए जाने को लेकर फफक-फफककर रो पड़ी। उसका आरोप था कि नगर निगम के अधिकारियों ने रुपये लेने के बाद भी उसके आशियाने को ढहा दिया। महिला का कहना था कि गांव में पट्टे की जमीन पर उसने अपना मकान बनवाया था, जिसे पिछले दिनों नगर निगम ने अवैध बताकर ढहा दिया गया। उसका पूरा परिवार बेघर हो गया है। मंत्री ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है। नगर विकास और ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा वृंदावन भी पहुंचे। यहां उन्होंने ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन किए। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ब्रज की रज मस्तक पर लगना सौभाग्य की बात है।

अगली सरकार सपा की ही बनेगी : इकबाल महमूद

लखनऊ। संभल के सपा विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री इकबाल महमूद ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्टï्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को बुझा हुआ कोयला बताया है। साथ ही उनकी छवि और पार्टी को लेकर तंज किया है। सपा विधायक ने कहा कि राजभर की पार्टी की हालत सभी जानते हैं। वह सपा से बगावत इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वह अपने बेटे को एमएलसी बनाने की मांग कर रहे थे। जब बात नहीं मानी गई तो पार्टी से अलग होने के लिए पत्र लिख दिया। सपा विधायक ने कहा कि राजभर तो खुद मुख्तार अंसारी के परिवार की वजह से विधायक बनते हैं। उनका अपना कोई वजूद नहीं है। अगर मुख्तार अंसारी के परिवार का समर्थन न हो तो वह विधायक ही नहीं बन सकते। वह आगे बोले कि मैं नहीं समझता कि मायावती इन्हें अपना समर्थन देंगी। इन्हें लौटकर बीजेपी में ही जाना है। इनकी भाजपा नेताओं से लगातार बात हो रही है। ये (ओपी राजभर) बातें करते हैं और जहां जाते हैं धोखा देते हैं। यह बात बीजेपी भी समझ गई गई और हम भी समझ गए हैं। इनके पास कुछ नहीं है। यह बुझे हुए कोयले की तरह हैं।

शिवपाल यादव को लेकर किए गए बयान पर पूर्व मंत्री बोले- मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है। उन्होंने कहा कि सपा आज भी यूपी की नंबर एक की पार्टी है। सपा का वोटर आज पूरी तरह से सपा से जुड़ा है। मधुमक्खी के छत्ते की तरह वह सपा से जुड़ा हुआ है। भाजपा चाहती है कि मुसलमानों का बंटवारा हो जाए तो इसका फायदा उसे मिलेगा। इकबाल महमूद ने कहा कि विधानसभा-2022 के चुनाव में भाजपा ने देख लिया है कि उनकी सीटें कितनी कम हुईं हैं। उनको जो फीडबैक मिला है, उसमें कहा है कि मुसलमानों का एकजुट होना आपके लिए खतरनाक है। अगली सरकार सपा की ही बनेगी। महंगाई, फीस, बेरोजगार के मुद्ïदे पर भाजपा हारेगी।

शहरों में निकाय की दुकानें का बढ़ेगा किराया

लखनऊ। शहरों में निकाय की दुकानें कौड़ियों पर लेकर लाखों कमाने वालों से अब बाजार दर पर किराया वसूला जाएगा। वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड ने शासन को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि ऐसी संपत्तियों का किराया बढ़ाकर निकायों की माली हालत ठीक की जा सकती है। बड़े शहरों में नगर निगमों और अन्य निकायों की अपनी आवासीय, व्यवसायिक के साथ छोटी-बड़ी दुकानें भी हैं। इन संपत्तियों की देखरेख और किराया वसूली के लिए रेंट विभाग भी है। अधिकतर शहरों में प्राइम लोकेशन पर दुकानें और आवास हैं। उदाहरण के लिए लखनऊ की बात करें तो रिवर बैंक कालोनी सबसे पॉश इलाके में है, लेकिन देखा जाए तो इन संपत्तियों से नाम मात्र का किराया आता है। निकाय इन संपत्तियों की वास्तविक जानकारी भी देने से बचते हैं। इसके पीछे लंबा खेल बताया जाता है। वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड ने प्रदेश भर के निकायों से उनके किराए पर चल रही संपत्तियों और उससे होने वाले आय के बारे में जानकारी मांगी है। कुछ निकायों ने तो जानकारी उपलब्ध करा दी है, लेकिन अधिकतर नहीं दे रहे हैं।

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