दलित का बेटा दिल्ली का मेयर बनने वाला था, तो इन्होंने साजिश करके चुनाव रोक दिया आम आदमी पार्टी का भाजपा पर हमला
नई दिल्ली। दिल्ली में 26 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनाव को स्थगित कर दिया गया। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं किया है। इसके पीछे उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की ओर से भेजी गई फाइल पर मुख्यमंत्री की राय नहीं होने का हवाला दिया है। ऐसे में एमसीडी ने मेयर चुनाव स्थगित कर दिया। जिसके बाद से आम आमदी पार्टी लगातार एलजी और भाजपा को घेरने में लगी है।
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा वाले देश में दलितों और पिछड़ों को आगे बढ़ते हुए नहीं देख पा रहे हैं। ये लोग दलितों को रोकने की साजिश रच रहे हैं। दिल्ली एमसीडी में इस बार दलित समाज का मेयर बनना था, लेकिन इन्होंने चुनाव रद्द करके अपनी दलित विरोधी मानिसकता और संविधान को खत्म करने का एक और प्रमाण दिया है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि बाबा साहब ने संविधान में अधिकार दिया है कि एमसीडी के मेयर पद पर एक बार दलित समाज का व्यक्ति बैठकर सेवा करेगा। भाजपा से यह देखा नहीं गया और इन्होंने चुनाव ही रद्द कर दिए। इस बार इनके दलित और संविधान विरोधी इस काम में मोहरा बने भाजपा के एलजी साहब। आज जब दलित का बेटा दिल्ली का मेयर बनने वाला था तो इन्होंने साजिश करके मेयर का चुनाव रोक दिया।
इससे पहले उपराज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने वाली फाइल लौटाते हुए मुख्यमंत्री के जेल में बंद होने व आप का नाम लिए बिना उनकी ओर से पीठासीन अधिकारी नियुक्त नहीं करने के संबंध में लगाए जा रहे आरोपों की चर्चा की।
उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में एक विचाराधीन कैदी के रूप में न्यायिक हिरासत में हैं और वह सांविधानिक रूप से अपने कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकते। इस स्थिति में उन्होंने गहन विचार करने के बाद कानून और संविधान के प्रावधान की पवित्रता को बनाए रखने के मद्देनजर पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में निर्णय लिया है। फाइल में मुख्यमंत्री की राय उपलब्ध नहीं है। लिहाजा, संबंधित मंत्री बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की राय के अभाव में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए वे अपनी शक्ति का इस्तेमाल करना उचित नहीं समझते। इस कारण मेयर और डिप्टी मेयर का प्रस्तावित चुनाव स्थगित कर दिया जाया। उपराज्यपाल ने निर्देश दिए कि नए मेयर का चुनाव न होने की स्थिति में एमसीडी का कामकाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। वर्तमान मेयर व डिप्टी मेयर अपने उत्तराधिकारी के चुनाव तक पद पर बने रहेंगे।