डायल-112 की महिला कर्मियों का प्रदर्शन जारी, पांच नामजद समेत 200 के खिलाफ एफआईआर

लखनऊ। अपराध की शिकायतें सुनने वाली डायल-122 की महिला कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले दिन दिनों से सडक़ पर प्रदर्शन कर रही हैं। जिसपर कोई भी सुनवाई नहीं हो रहा है। धरना-प्रदर्शन कर रही महिला कर्मचारियों के खिलाफ थाना सुशान्त गोल्फ सिटी में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने पांच नामजद महिला कर्मियों हर्षिता कश्यप,पूजा सिंह, रीना शर्मा,मंजू सोनी, शशि समेत 200 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इसी बीच एडीजी अशोक कुमार को हटा दिया गया है। उन्हें पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से अटैच किया है। अब डायल-112 की जिम्मेदारी नीरा रावत को सौंपी गई है। नीरा रावत वुमेन हेल्पलाइन 1090 की एडीजी रह चुकी हैं।
वहीं दूसरी तरफ लखनऊ और गाजियाबाद में खुले आसमान के नीचे लड़कियों का धरना-प्रदर्शन जारी है। लड़कियां भीषण ठंड में कंपकंपाती रहीं। लखनऊ में ईको गार्डन में पुलिस के साथ पीएसी भी तैनात कर दी गई है।
बीते सोमवार को यूपी में इमरजेंसी नंबर 112 में संविदा पर काम कर रही महिलाएं अपने वेतन में बढ़ोतरी और नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर दफ्तर के बाहर ही धरने पर बैठीं हैं। आउटसोर्सिंग के जरिए डायल 112 में काम कर इन महिलाओं की मांग है कि उनकी सैलरी को 12000 से बढ़ाकर 18000 रुपये किया जाए। इसके साथ ही पीएफ भी काटा जाए।
महिला संविदाकर्मियों ने राजधानी लखनऊ में पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। आउटसोर्सिंग कंपनी का कांट्रेक्ट खत्म हो गया है। जिसके बाद नई कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। लेकिन कंपनी कई महिलाओं को निकालने की तैयारी कर रही है। जबकि महिला कर्मचारियों को नई कंपनी ने नियुक्ति पत्र नहीं दिया है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें नियुक्ति पत्र दिए जाने की जगह नई भर्ती भी शुरू कर दी गई है। जिसके बाद धरने पर बैठी महिला संविदाकर्मियों ने कंपनी के ष्टश्वह्र और ज़िम्मेदार लोगों को बुलाने की मांग कर दी। लेकिन बाद में उन्हें जबरन पुलिस मुख्यालय से हटाकर ईको गार्डन भेज दिया गया। जहां महिलाओं का प्रदर्शन जारी है।
बता दें कि यूपी डायल 112 में आउटसोर्स में करीब 600 महिलाएं काम काम करती हैं। जिसमें से तकरीबन 100 महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही हैं।

 

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