कर्नाटक में कठिन BJP की राह, कांग्रेस के हमलों ने उड़ाई मोदी की नींद

बेंगलुरु। लोकसभा चुनाव अब बिल्कुल सिर पर हैं। 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है। ऐसे में सियासी सरगर्मी पूरे देश में बढ़ी हुई है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीकों से लोगों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि जनता उनके वादों से प्रभावित होकर उन्हें वोट करे और वो देश की सत्ता पर राज कर सकें। एक ओर पिछले एक दशक से देश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी जीत की हैट्रिक लगाकर लगातार तीसरी बार सत्ता के सिंघासन पर विराजमान होना चाह रही है। भाजपा इस बार सिर्फ जीत ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक जीत चाह रही है। इसलिए वो 400 पार के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है। तो वहीं सिर्फ अपने आप भी 370 तक पहुंचना चाह रही है। इसके लिए भाजपा काफी मेहनत भी कर रही है और साम दाम दंड भेद सब अपना रही है। हालांकि, भाजपा ने जो लक्ष्य रखा है उसे पाना इतना आसान नहीं है। खासकर साउथ में शानदार प्रदर्शन किए बिना तो बिल्कुल भी नहीं।

बस यही वजह है कि भाजपा का ये लक्ष्य काफी दूर नजर आता है। क्योंकि साउथ में शानदार प्रदर्शन कर पाना या ज्यादा सीटें जीतना बीजेपी के लिए आसान काम नहीं है। बल्कि काफी ज्यादा मुश्किल टास्क है। क्योंकि साउथ में भाजपा अभी ढंग से खड़ी तक नहीं हो पाई है। ऐसे में वहां उम्दा प्रदर्शन करना या ज्यादा सीटें जीतना बीजेपी व पीएम मोदी के लिए टेढ़ी खीर होगी। क्योंकि पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर भारत में तो भाजपा को काफी मजबूत कर दिया है। और बीजेपी को सत्ता में लाकर खड़ा कर दिया है। लेकिन साउथ में पीएम मोदी भी भाजपा की नैय्या पार लगाने में अभी तक नाकामयाब ही रहे हैं। यही वजह है कि साउथ में भाजपा के लिए अच्छा प्रदर्शन कर पाना अभी भी एक टेढ़ी खीर ही बना हुआ है।

साउथ में भाजपा की जो कुछ उम्मीदें हैं वो कर्नाटक से ही हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कर्नाटक में ही 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन पिछले साल 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए इस बार लोकसभा चुनावों में भी 2019 वाले प्रदर्शन की उम्मीदें करना बेईमानी होगी। वहीं भाजपा के अंदर मची अंतरकलह और बगावत भी इस चुनाव में भाजपा की उम्मीदों को झटका दे रही है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के लिए कर्नाटक में एक बड़ा वोट बैंक माने जाने वाला लिंगायत समुदाय भी इस बार भाजपा से नाराज है और खुलकर खिलाफत पर उतर आया है। यही वजह है कि कर्नाटक में इस बार भाजपा की हालत आए दिन और भी खराब होती जा रही है।

वहीं जितना-जितना लोकसभा चुनाव करीब आता जा रहा है उतना ही नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर हमला भी तेज होता जा रहा है। राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप व सियासी बयानवाजी का दौर लगातार जारी है। इसी क्रम में अब कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने केंद्र सरकार व भाजपा को आड़े हाथों लिया। है। उन्होंने कांग्रेस की जीत पर विश्वास व्यक्त करते हुए दावा किया कि आम आदमी को केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार से कुछ भी हासिल नहीं हुआ। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री ने कहा कि पिछले चुनावों से इस बार का चुनाव अलग है। हम देख सकते हैं कि लोगों की सोच में बदलाव आया है। उनके फैसले लेने के संदर्भ में बदलाव आया है। अब वे कांग्रेस की ओर अधिक देख रहे हैं। तुमकुर निर्वाचन क्षेत्र में हम जीतने जा रहे हैं।

लोग महसूस करते हैं कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। यह विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी की भावना हो सकती है। आम नागरिकों के जीवन को सामान्य बनाने के लिए कुछ भी नहीं हो रहा है। मुझे लगता है कि पूरे देश में यही परिदृश्य होगा। मंत्री ने आगे कहा कि एक आम आदमी महसूस करता है कि उसके लिए कुछ नहीं किया गया है। इसलिए स्वाभाविक रूप से वह इसका जवाब देगा। पीएम मोदी के 10 वर्षों के शासन के बाद, मुझे लगता है कि आम आदमी को कुछ भी नहीं मिला है। परमेश्वर ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के माध्यम से 6500 लोगों को रोजगार देने के वादे को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि रोजगार का वादा पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि एचएएल हेलीकॉप्टर फैक्ट्री की परिकल्पना डॉ. मनमोहन सिंह के समय में की गई थी। जब एके एंटनी रक्षा मंत्री थे। बाद में सरकार बदली और पीएम मोदी सत्ता में आए। पीएम मोदी ने आकर शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने एलान किया कि 18 महीने में वह यहा पहला हेलीकॉप्टर लॉन्च करेंगे।

गृह मंत्री ने आगे कहा कि मोदी के एलान को पांच साल बीत गए हैं। हम अब भी इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने 6500 लोगों को स्थानीय रोजगार देने का वादा किया था, मुझे नहीं लगता कि ऐसा हुआ। आघे सत्तारूढ़ भाजपा नीत सरकार पर हर चीज का राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाते हुए कर्नाटक के मंत्री ने कहा कि उन्होंने अब तक जो कुछ भी किया है, उसमें उन्होंने राजनीतिक लाभ लिया है। वे अपने आप को देखते हैं, उनका दृष्टिकोण राजनीति की ओर है। मेरा मतलब है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आप जानते हैं कि एक राष्ट्र के रूप में, एक प्रधानमंत्री के रूप में, एक सरकार के रूप में, जो सत्ता में है। आप जानते हैं, उस देश को विकसित होते देखना आपका कर्तव्य है। कर्नाटक के मंत्री ने कहा कि आपको समाज का विकास देखना चाहिए यदि आपने लोगों से वादा किया है तो यह आपका मौलिक कर्तव्य है। यहां कोई विशेषता नहीं है। लेकिन हमारी चिंता यह है, आप जानते हैं, यह किस तरह से है। यही हमारी चिंता है।

वहीं भाजपा की ओर से पलटवार करते हुए कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिस तरह से काम कर रही है, ऐसा लग रहा है कि वो लोकसभा चुनाव के बारे में भूल गई है। येदियुरप्पा ने कहा कि राहुल गांधी का नेतृत्व पूरी तरह विफल रहा है। पूर्व सीएम ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार केवल केंद्र सरकार के अनुदान के बारे में बात कर रही है, लेकिन अपना कुछ काम नहीं बता रही है। येदियुरप्पा ने कहा कि हम इस चुनाव को पीएम नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों के आधार पर लड़ रहे हैं।

भाजपा नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस ने बिना किसी आंकड़े के कहा कि मोदी सरकार ने 2 करोड़ नौकरियां पैदा करना का वादा नहीं निभाया लेकिन सच तो यह है कि देश में 7 करोड़ नौकरियां पैदा हुई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीनों में सिद्धारमैया सरकार ने कितनी नौकरियां पैदा की हैं, ये भी कांग्रेस बताए। सरकार ने 10 महीने में एक भी नौकरी नहीं निकाली है। येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस या तो गलत आरोप लगाने में व्यस्त है या पीएम मोदी को गाली देने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि देश की जनता इससे कांग्रेस को कोई वोट नहीं देगी, क्योंकि वो असल मुद्दों से भटक गई है।

एक ओर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा को झटके पर झटके लग रहे हैं। पार्टी के अंदर मची बगावत भाजपा के लाख प्रयास के बाद भी रुकने का नाम ही न हीं ले रही है। और न ही शांत हो रही है। यही वजह है कि भाजपा कर्नाटक में आए दिन कमजोर होती जा रही है। फिलहाल अब देखना ये है कि चुनाव में इसका कितना असर भाजपा को होगा और क्या खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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