स्कूलों के मर्जर पर मचा बवाल, डिंपल ने पूछे 7 तीखे सवाल
मैनपुरी में 943 स्कूलों के मर्जर पर मचा बवाल... डिंपल यादव ने डीएम से पूछे 7 तीखे सवाल... क्या सरकार को लेना पड़ेगा यू-टर्न?

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश की सियासत में स्कूल मर्जर को लेकर घमासान मचा हुआ है….. हर तरह योगी सरकार के फैसले का विरोध हो रहा है…… प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी है….. और शिक्षकों की भर्ती पिछले सात- आठ सालों से नहीं की जा रही है….. जिसको देखते हुए सरकार टीचरों की भर्ती न करके….. सरकारी स्कूलों को एक दूसरे में मर्ज करने का आदेश जारी कर दिया था….. और आदेश में कहा गया था कि जिस स्कूल में पचास से कम बच्चे दर्ज हैं….. उस विद्यालय को दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों में मर्ज कर दिया जाएगा….. इस आदेश का पालन करते हुए अब तमाम स्कूलों पर ताला लग चुका है….. और वो स्कूल मर्ज कर दिए गये हैं……
योगी सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा है….. बता दें कि इस आदेश के बाद प्रदेश के 27 हजार विद्यालय मर्ज किए जा रहे हैं….. जिसका भारी असर गरीब जनता पर पड़ रहा है….. क्योंकि सरकारी स्कूल में गरीब, मजदूर, किसान के बच्चे पढ़ने जाते हैं…… वहीं विद्य़ालय मर्ज होने के बाद इस गरीबों के बच्चों की पढ़ाई बंद हो जाएगी….. वहीं योगी के इस आदेश से साफ पता चलता है कि सरकार आम जनता के बच्चों को अनपढ़ बनाना चाह रही है…… अगर बच्चे पढ़ लिख जाएंगे तो सरकार से सवाल करेंगे….. वहीं इस आदेश के आने के बाद से प्राइवेट विद्यालयों की संख्या बढ़ेगी…… और प्राइवेट विद्यालय मनमानी फीस वसूल करेंगे…… जिससे गरीब बच्चे शिक्षा से बंचित रह जाएंगे…… वैसे भी सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चे ही पढ़ने जाते हैं…… किसी नेता मंत्री विधायक का बेटा नहीं…… नेता, मंत्री और विधायक के बेटे कॉन्वेंट में पढ़ने जाते है….. उनके लिए सरकार कोई नियम क्यों नहीं बना रही है…… सारा जुल्म गरीबों पर ही क्यों किया जा रहा है…. यह सबसे बड़ा सवाल है……
इसी कड़ी में मैनपुरी जिले में 943 स्कूलों के मर्जर के फैसले ने एक बड़े विवाद को जन्म दिया है……. सपा सांसद डिंपल यादव ने इस मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ सरकार को कठघरे में खड़ा किया है…… और उन्होंने मैनपुरी के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस फैसले के पीछे की प्रक्रिया……. और इसके प्रभावों पर सात तीखे सवाल पूछे हैं……. डिंपल का कहना है कि यह फैसला हजारों बच्चों और उनके परिवारों के भविष्य को प्रभावित करेगा……. और इसे लागू करने से पहले अभिभावकों की सहमति नहीं ली गई……. इस मुद्दे ने न केवल स्थानीय स्तर पर हलचल मचाई है……. बल्कि बीजेपी सरकार के लिए भी सियासी संकट खड़ा कर दिया है…….. क्या सरकार को अपने इस फैसले पर यू-टर्न लेना पड़ेगा……
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में प्राथमिक और कंपोजिट स्कूलों के मर्जर का एक बड़ा फैसला लिया…….. इसके तहत उन स्कूलों को मर्ज करने का आदेश दिया गया……. जहां छात्रों की संख्या 50 से कम है……. मैनपुरी जिले में कुल 1,909 प्राथमिक और कंपोजिट स्कूल हैं……. जिनमें से 943 स्कूलों को इस नीति के तहत चिह्नित किया गया है…… इनमें से 341 स्कूलों को बंद करने…….. मर्ज करने या अन्य स्कूलों के साथ पेयर करने के आदेश पहले ही जारी हो चुके हैं……. सरकार का तर्क है कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने से संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा……… शिक्षकों की कमी दूर होगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा……
हालांकि इस फैसले का स्थानीय स्तर पर भारी विरोध हो रहा है…… मैनपुरी के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अभिभावकों और शिक्षकों का कहना है कि स्कूलों के मर्जर से बच्चों को पढ़ाई के लिए दूर-दराज के स्कूलों में जाना पड़ेगा……. जिससे उनकी शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ेगा……. खासकर लड़कियों की शिक्षा पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है…… क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा और दूरी की समस्या पहले से ही एक बड़ा मुद्दा है…… इसी कड़ी में मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने जिलाधिकारी को एक पत्र लिखकर इस मर्जर नीति पर कड़ा विरोध जताया…… और उन्होंने अपने पत्र में सात तीखे सवाल उठाए…… जिन्होंने न केवल प्रशासन को बल्कि बीजेपी सरकार को भी असहज कर दिया…….
आपको बता दें कि डिंपल ने अपने पत्र में पूछा कि स्कूलों को मर्ज करने का निर्णय लेने से पहले किन मापदंडों को आधार बनाया गया…… क्या यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी…… क्या मर्जर से प्रभावित होने वाले स्कूलों के अभिभावकों से लिखित सहमति ली गई…… यदि नहीं, तो यह फैसला कितना जायज है……. मर्जर के बाद बच्चों को कितनी दूरी तक स्कूल जाने के लिए यात्रा करनी पड़ेगी……. क्या इसका बच्चों की पढ़ाई पर असर नहीं पड़ेगा…… मर्जर के बाद शिक्षकों का स्थानांतरण….. और उनकी नियुक्ति कैसे सुनिश्चित की जाएगी…… ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की दूरी और बुनियादी सुविधाओं की कमी को देखते हुए……. क्या इस फैसले का आकलन किया गया……. क्या सरकार ने इस बात पर विचार किया कि मर्जर से लड़कियों की शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा……. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है……. स्कूलों को बंद करने या मर्ज करने के बजाय…….. क्या सरकार ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में संसाधन बढ़ाने जैसे वैकल्पिक उपायों पर विचार किया……
वहीं डिंपल यादव ने अपने पत्र में यह भी कहा कि इस फैसले से हजारों बच्चों और उनके परिवारों का भविष्य प्रभावित होगा…….. और उन्होंने मांग की कि सरकार इस नीति को लागू करने से पहले सभी हितधारकों से चर्चा करे और उनकी सहमति ले…… मैनपुरी के ग्रामीण क्षेत्रों में इस फैसले के खिलाफ अभिभावकों और शिक्षकों में भारी आक्रोश है…….. कई अभिभावकों का कहना है कि उनके गांव में पहले से ही स्कूलों की संख्या कम है…… और अब मर्जर के कारण बच्चों को 3-5 किलोमीटर दूर तक पैदल या साइकिल से स्कूल जाना पड़ेगा……. वहीं शिक्षकों का भी कहना है कि मर्जर से उनकी नौकरी और स्थानांतरण की प्रक्रिया पर असर पड़ेगा…….
डिंपल यादव के पत्र और स्थानीय स्तर पर बढ़ते विरोध ने बीजेपी सरकार को बैकफुट पर ला दिया है…….. सूत्रों के अनुसार, मैनपुरी में इस मुद्दे ने सियासी रंग ले लिया है……. और समाजवादी पार्टी इसे एक बड़े मुद्दे के रूप में उठाने की तैयारी में है…… डिंपल यादव ने पहले भी कई मौकों पर बीजेपी सरकार पर शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर हमला बोला है……. इस बार स्कूल मर्जर का मुद्दा उनके लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है……. खासकर मैनपुरी जैसे क्षेत्र में जिसे समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है……
आपको बता दें कि डिंपल यादव के पत्र और स्थानीय स्तर पर बढ़ते विरोध ने बीजेपी के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है…… मैनपुरी में सपा का मजबूत आधार और डिंपल यादव की लोकप्रियता इस मुद्दे को और जटिल बना रही है……. कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती……. तो यह 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए नुकसानदायक हो सकता है…… सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इस मुद्दे पर चर्चा शुरू कर दी है……. कुछ नेता मर्जर की प्रक्रिया को धीमा करने या स्थानीय स्तर पर और परामर्श करने की सलाह दे रहे हैं……. वहीं, कुछ का कहना है कि सरकार अपने फैसले पर अटल रहेगी…… क्योंकि यह नीति पूरे प्रदेश में लागू की जा रही है……



