NDA में तकरार बरकरार, महायुति का कैसे होगा बेड़ापार?

महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना में फूट पड़ गई है.... बता दें कि शिवसेना के वरिष्ठ नेता शिशिर शिंदे ने मुख्यमंत्री... और पार्टी नेता एकनाथ शिंदे से अपनी ही पार्टी के सांसद गजानन किर्तिकर को निकालने की मांग की है....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं…. और जनता के बीच पहुंच कर नेता तरह-तरह के वादे कर रहे हैं…. इस बीच महाराष्ट्र में पांच चरण में सभी अड़तालीस सीटों पर मतदान संपन्न हो चुके है…. देश के पीएम मोदी, अमित शाद समेत भाजपा के तमाम दिग्गज नेता दिन रात एक करके वोटरों को साधने में जुटे हैं…. इस बीच राज्य में सत्ताधारी शिवसेना में फूट पड़ गई है…. बता दें कि शिवसेना के वरिष्ठ नेता शिशिर शिंदे ने मुख्यमंत्री… और पार्टी नेता एकनाथ शिंदे से अपनी ही पार्टी के सांसद गजानन किर्तिकर को निकालने की मांग की है…. वहीं किर्तिकर पर आरोप है कि उन्होंने वोटिंग के दिन पार्टी की भावनाओं को आहत पहुंचाई थी…. बता दें चुनाव संपन्न होने बाद महाराष्ट्र में महायुति की में मची कलह से बीजेपी की चिंता और बढ़ गई है… और एकनाथ शिंदे की मुश्किलें बढ़ गई है… बता दें अजित पवार सीएम शिंदे समेत सभी नेताओं की धड़कने बढ़ गई है… महाराष्ट्र हार रही बीजेपी के सामने अब एक और बड़ी चुनौती आ गई है…

दरअसल, शिवसेना शिंदे गुट के सांसद गजानन किर्तिकर के बेटे अमोल किर्तिकर शिवसेना ठाकरे गुट के नेता हैं…. वह मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से लोकसभा चुनाव मैदान में हैं…. बता दें कि सोमवार को मुंबई की सभी छह सीटों पर भी वोटिंग हुई थी…. इसी दौरान गजानन किर्तिकर और उनकी पत्नी ने बेटे के पक्ष में एक बयान दिया था…. इस पर शिशिर शिंदे नाराज हो गए हैं…. और उन्होंने कहा कि गजानन किर्तिकर मातोश्री के आगे लेटने को व्याकुल हैं…. उन्होंने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे हमारे नेता हैं…. और उनको कड़ा कदम उठाना चाहिए… जिससे कि सभी को सबक मिले…. अमोल किर्तिकर उनके बेटे हैं और आप उनके समर्थन में बोल सकते हैं…. लेकिन आपने हमारे नेता को क्यों अपमानित किया…. जिसको लेकर उन्होंने कहा कि गजानन किर्तिकर को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए…. जिससे कि पार्टी को नुकसान हो…. और लोगों में कंफ्यूजन पैदा हो…. उन्होंने कहा कि सीएम शिंदे ने उनके बेटे को एमएलसी बनाने… और पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया था…. इस पर अमोल किर्तिकर ने कहा था कि उन्होंने इसे खारिज कर दिया था…. उन्हें नहीं लगता कि उन्होंने ऐसा करके किसी तरह से कोई अनुशासन तोड़ा था….

आपको बता दें कि गजानन किर्तिकर मु्ंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से दो बार सांसद चुने गए हैं… औऱ वह दो हजार चौदह और दो हजार उन्नीस में विजयी हुए थे…. वहीं शिवसेना में दोफाड़ होने के बाद वह शिंदे के साथ आ गए…. जबकि उनके बेटे शिवसेना ठाकरे गुट के साथ बने रहे…. फिर मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से वह शिवसेना ठाकरे गुट से उम्मीदवार बन गए…. इस चुनाव में शिवसेना शिंदे गुट ने गजानन को टिकट नहीं दिया…. और उसने रविंद्र वैकर को अपना उम्मीदवार बनाया है…. जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया… बता दें कि चुनाव संपन्न होने के बाद महायुति में मची कलह कब तक चलती रहेगी… आपको बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के ठीक एक दिन बाद…. एनडीए के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच अंदरूनी कलह सामने आई…. बता दें मावल लोकसभा क्षेत्र से सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के उम्मीदवार श्रीरंग बारणे ने आरोप लगाया है कि… अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने गठबंधन पार्टी के हिस्से के रूप में उनके लिए प्रचार नहीं किया…. जिससे महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई हो गया है…

वहीं इसके जवाब में एनसीपी विधायक सुनील शेलके ने कहा कि श्रीरंग बारणे को अपनी विफलता छिपाने के लिए हमारी पार्टी के पदाधिकारियों पर आरोप नहीं लगाया चाहिए…. या उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए…. आपको बता दें कि सभी आरोपों को खारिज करते हुए शेलके ने कहा कि बारणे को इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि मतदाताओं में उनके खिलाफ असंतोष था…. हालांकि, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि राकांपा अजित पवार खेमे ने उनके लिए कड़ी मेहनत की है….इसी तरह, मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रूप से उद्धव ठाकरे खेमे का पक्ष लेने को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे खेमे के नेताओं में नाराजगी देखी जा रही है…. शिवसेना के उप नेता शिशिर शिंदे ने पार्टी के प्रमुख नेता और सीएम एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर मांग की है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद गजानन कीर्तिकर को पार्टी विरोधी बयान देने के लिए तुरंत शिवसेना से निष्कासित किया जाना चाहिए….

आपको बता दे कि शिशिर शिंदे ने अपने पत्र में लिखा कि शिवसेना नेता… और पूर्व सांसद गजानन कीर्तिकर…और उनकी पत्नी ने राज्य में पांचवें चरण के मतदान के दिन पार्टी विरोधी बयान देकर विपक्षी उद्धव ठाकरे गुट का पक्ष लिया… औऱ उन्होंने पार्टी के मुख्य नेता से अनुरोध किया है कि मातोश्री के सामने जो नतमस्तक हैं…. उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए…. उन्होंने कहा कि गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को ठाकरे गुट ने उत्तर-पश्चिम मुंबई लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है…. अमोल अपने पिता गजानन कीर्तिकर के ऑफिस का इस्तेमाल कर रहे हैं…. वहीं चुनाव संपन्न होने के बाद अपनों की वगावत से महायुति में काफी टेंशन देखने को मिल रही है…

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद सियासी दल अब 4 जून का इंतजार कर रहे हैं…. वहीं चार जून को चुनाव नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आने का अनुमान है…. जिसे देखते हुए आने वाले दिनों में सभी राजनीतिक दलों ने प्रमुख नेताओं के साथ बैठक बुलाई है….. ताकि सीटें ज्यादा या कम मिलने के बाद रणनीति बनाई जा सके… बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव ऐसे में समय में हुआ…. जब शिवसेना और एनसीपी टूट गईं… और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने दल-बदल किया…. बीजेपी ताकतवर बनकर उभरी…. वहीं एनडीए के घटक दल बीजेपी, शिंदे सेना और अजित पवार की एनसीपी को ज्यादा सीटें मिलीं….. तो निश्चित ही इन सभी दलों के नेताओं के कॉलर टाइट होंगे…. वहीं अगर ऐसा नहीं हुआ, तो इन सभी का राजनीति भविष्य खतरे में पड़ सकता है…. दूसरी ओर, महा विकास आघाडी के घटक दल उद्धव सेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी का भविष्य भी दांव पर लगा है…. और पार्टी में पहले से ही व्याप्त अंदरूनी कलह से और खलबली मची हुई है…. सभी नेता अपनी साख बचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं….

बता दें कि दो हजार उन्नीस का लोकसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था… जिसमें  बीजेपी ने तेइस सीटें जीती थीं…. और शिवसेना ने अट्ठारह सीटों पर बाजी मारी थी… और इस बार बीजेपी अट्ठाइस सीटों पर चुनाव लड़ रही है… अगर शिंदे सेना की सीटें कम आईं… तो बीजेपी निश्चित ही सीएम शिंदे को विलेन ठहराएगी…. अगर ज्यादा सीटें जीती…. तो श्रेय देवेंद्र फडणवीस लूट ले जाएंगे…. बीजेपी की खुद की सीटें कम आने पर फडणवीस के विरोधी सक्रिय हो जाएंगे… और आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी डगर कठिन हो जाएगी…. दिल्ली में भी फडणवीस का राजनीति वजन कम होगा…. बता दें कि फडणवीस के राजनीति करियर के लिए यह लोकसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है….

वहीं अगर एनसीपी में अगर अजित पवार की कम सीटें आईं…. तो उनकी पार्टी में बड़ी फूट से इनकार नहीं किया जा सकता है… वहीं, शरद पवार की सीटें कम आईं, तो उनकी पार्टी को छोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ जाएगी…. दोनों की प्रतिष्ठा बारामती सीट पर लगी है….. आपको बता दें कि सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार बारामती सीट से उम्मीदवार हैं… एनसीपी के लिए चुनाव नतीजे बहुत मायने रखते हैं…. शरद की पार्टी दस सीटों पर चुनाव लड़ रही है…. जबकि अजित पवार की पार्टी को सिर्फ चार सीटें मिली हैं…. वहीं इस लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे को बड़ा फायदा होता नजर आ रहा है…. बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना अब उद्धव बाला साहेब ठाकरे की पार्टी है…. पार्टी किसी के भी साथ गठबंधन कर सकती है… उद्धव सेना की सीटें ज्यादा आईं…. तो बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती होगी…. और अगर कम सीटें आईं…. भी ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि उसके सामने कई दरवाजे खुल जाएंगे…. उद्धव की पार्टी में बालासाहेब के साथ-साथ उद्धव जुड़ा है… इसलिए उनके सामने कई सारे राजनीति दरवाजे हैं….. लोकसभा चुनाव के महज पांच महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होंगे…. लोकसभा चुनाव के नतीजे विधानसभा को प्रभावित करेंगे….. इसलिए महाराष्ट्र के सभी सियासी दलों के लिए लोकसभा के नतीजे महत्वपूर्ण हैं….

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के संपन्न होते ही महाराष्ट्र में जारी अंतर्कलह का कितना असर होगा… यह तो आने वाला वक्त तय करेंगा… वहीं चुनाव संपन्न होने के बाद से सभी नेताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरे दिखाई देने लगी है… और सभी नेताओं में संसय बरकरार है… और सभी घटक दल अपनी-अपनी साख बचाने के लिए परेशान नजर आ रहे है… और अपनी साख बचाने की गुणा गणित में लगे हुए है… वहीं इन सभी हलचलों पर चार जून को विराम लग जाएगा… और सभी अटकलों से पर्दा हट जाएगा…

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