निष्पक्ष हो देश के संसाधनों का वितरण: राहुल गांधी

  • नेता प्रतिपक्ष ने बताया आईआईटी छात्रों को भाजपा और कांग्रेस में अंतर
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली हमारे बच्चों की कल्पना को पनपने नहीं दे रही

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के छात्रों के एक समूह के साथ बातचीत की। उन्होंने बातचीत के इस वीडियो को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर साझा किया है। आईआईटी मद्रास के छात्रों से बात करते हुए राहुल ने बताया कि कांग्रेस और भाजपा में क्या अंतर है। उन्होंने छात्रों से कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि संसाधनों का वितरण अधिक निष्पक्ष होना चाहिए और विकास व्यापक और समावेशी होना चाहिए। जबकि भाजपा ट्रिपल-डाउन विकास पर अधिक आक्रामक है।
कांग्रेस सांसद ने कहा,मैं जिस चीज को आगे बढ़ाना चाहता हूं, वह है भौतिक उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढऩा। मेरे लिए, वास्तविक नवाचार उसी क्षेत्र से आता है। अनुसंधान और विकास में आप जितना पैसा लगाना चाहते हैं, लगाएं, अगर आप वास्तव में उस चीज का उत्पादन नहीं कर रहे हैं, तो यह सिर्फ एक बजट होगा। राहुल ने कहा, वे (भाजपा) आर्थिक दृष्टि से ट्रिपल-डाउन में विश्वास करते हैं। सामाजिक मोर्चे पर, हमें लगता है कि समाज जितना अधिक सामंजस्यपूर्ण होगा, लोग जितने कम लड़ेंगे, देश के लिए उतना ही बेहतर होगा। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें देश की शिक्षा प्रणाली के साथ गंभीर समस्याएं हैं। उन्होंने कहा, आप शायद मुझसे सहमत न हों। मुझे लगता है कि यह बहुत प्रतिबंधात्मक और ऊपर से नीचे की प्रणाली है। यह बहुत संकीर्ण है। मुझे नहीं लगता कि हमारी शिक्षा प्रणाली हमारे बच्चों की कल्पना को पनपने देती है। उधर हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य में संविधान बचाओ रैलियां और पदयात्राएं करने का निर्णय लिया है। गुटों में बंटी कांग्रेस यह रैलियां 26 जनवरी तक प्रदेश के सभी ब्लाक अथवा विधानसभा स्तर पर आयोजित करेगी।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट की ओर से इन रैलियों व पदयात्राओं के आयोजन का कार्यक्रम घोषित किया गया है।

भारत के लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देनी चाहिए

यह पूछे जाने पर कि उच्च शिक्षा को कैसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए, राहुल गांधी ने कहा कि एक देश को अपने लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देनी चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा,मुझे नहीं लगता कि हमारे लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देने का सबसे अच्छा तरीका सब कुछ निजीकृत करना है। सच कहूं तो, जब आप किसी तरह का वित्तीय प्रोत्साहन लाते हैं, तो आप वास्तव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं देते हैं। मैंने कई बार कहा है कि हमारे देश में सबसे अच्छे संस्थान सरकारी संस्थान हैं, आपका संस्थान भी उनमें से एक है। मैं सरकारों द्वारा शिक्षा पर बहुत अधिक धन खर्च करने के पक्ष में हूं।

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