डीएम की बेटी के पेट में उठा दर्द तो खुला अल्ट्रासाउंड कक्ष, सरकारी अस्पताल का बड़ा कांड
डीएम की बेटी के पेट में उठा दर्द तो खुला अल्ट्रासाउंड कक्ष... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः यूपी में बांदा में जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है……. अबकी बार ऐसा मामला सामने आया है…… जो आपको खबरदार करने के लिए काफी है…… आपको बता दें कि जिला अस्पताल का अल्ट्रासाउंड कक्ष जिसमें कई हफ्तों से ताला लटका हुआ था……. सरकारी डॉक्टर रेडियोलॉजिस्ट न होने की स्थिति में मरीजों को बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दे रहे हैं…….. जिससे मरीज मोटी रकम देकर प्राइवेट सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराने को मजबूर हैं…… इसी क्रम में अब ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है….. जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है…….
जी हां आपको बता दें कि जिले की डीएम अपनी बीमार बेटी को लेकर जिला अस्पताल पहुचीं……. जहां डाक्टरो ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी……. वहीं अब मजे की बात यह है कि डीएम की बेटी का अल्ट्रासाउंड करने के लिए रेडियोलॉजिस्ट न होने का रोना रोने वाले सीएमएस ने अल्ट्रासाउंड कक्ष का ताला खोला……. और खुद अपनी टीम के साथ अल्ट्रासाउंड भी किया……. उसके फौरन बाद तुरंत उस कक्ष में फिर ताला जड़ दिया गया…… और मरीजों को प्राइवेट जगह अल्ट्रासाउंड कराने के लिए भेजने का सिलसिला शुरू कर दिया गया……
वहीं यह तस्वीरें बताने के लिए काफी हैं कि सीएम योगी लगातार आम जनता से जुड़ी समस्याओं को लेकर अफसरों को कठोर निर्देश देते हैं……… वहीं उन्ही के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी उन्ही के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं……. योगी सरकार आम जनता के स्वास्थ्य को लेकर तमाम दावे करती है…… लेकिन ये सभी दावे फेल हो रहे हैं…… सरकार की लचीली व्यव्सथा और सरकारी डाक्टरों की मनमानी से गरीब मरीजों को बाहर से दवाएं और जांच करानी पड़ रही है…..
आपको बता दें कि जिस अस्पताल में मरीजों को रेडियोलॉजिस्ट न होने की बात कहकर बाहर जांच कराने के लिए मजबूर किया जा रहा है….. वहीं पर जिलाधिकारी के आने पर उनकी बेटी का अल्ट्रासाउंड खुद सीएमएस……. पूर्व में रेडियोलॉजिस्ट अपनी टीम के साथ तुरंत अल्ट्रासाउंड करते हैं…… जिससे साफ पता चलता है कि अफसर योगी के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ा रहें हैं……. और योगी के आदेशों की अवहेलना करते हैं…..
आपको बता दें कि जिलाधिकारी की बेटी के पेट में दर्द उठा तो सीएमएस इलाज के लिए तुरंत जुट गए……. पिछले 10 दिनों से जिला अस्पताल में बंद चल रही अल्ट्रासाउंड सेवा जिलाधिकारी की बेटी के लिए खोली गई……. रेडियोलॉजिस्ट व प्रभारी सीएमएस डॉ. किशुन कुमार ने जिलाधिकारी की बेटी की तबीयत खराब होने पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके गुप्ता की सलाह पर गुरुवार को सुबह अल्ट्रासाउंड किया……. इसके बाद अल्ट्रासाउंड कक्ष में फिर ताला लगा दिया गया……
बता दें कि जिलाधिकारी जे.रीभा की बेटी को गुरुवार की सुबह पेट दर्द की शिकायत हुई……. जिलाधिकारी बेटी को लेकर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके गुप्ता की ओपीडी में पहुंची…….. वहां बेटी को दिखाने के बाद डॉ. आरके गुप्ता ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी……. इस पर जिलाधिकारी बेटी को साथ लेकर पैथोलॉजी में बने अल्ट्रासाउंड कक्ष पर पहुंची……. यहां सीएमएस प्रभारी रेडियोलॉजिस्ट डॉ. किशुन कुमार ने अल्ट्रासाउंड का ताला खोलकर जिलाधिकारी की बेटी का अल्ट्रासाउंड किया…….
इस दौरान तमाम महिलाएं जो अल्ट्रासाउंड कराने आईं थीं……… वह कक्ष की ओर लपकी……. लेकिन सीएमएस ने फिर से अल्ट्रासाउंड में ताला लगा दिया……. इसको लेकर मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों का कहना था कि जिलाधिकारी की बेटी के लिए अल्ट्रासाउंड कक्ष खोला गया……. जबकि प्रतिदिन 70 मरीज लौट रहे हैं उसका क्या होगा…… जिसके बाद प्रभारी सरीएमएस ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि जिलाधिकारी की बेटी को पेट दर्द की शिकायत थी……… बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह पर अल्ट्रासाउंड किया गया है…… चूंकि उनके सीएमएस के पद पर बैठने के बाद से अल्ट्रासाउंड सेवा बंद हो गई थी…… इसके लिए शासन और उच्चाधिकारियों को रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए पत्र लिखा गया है…….
आपको बता दें कि जिला अस्पताल में वर्तमान में एक ही रेडियोलॉजिस्ट डॉ. किशुन कुमार तैनात हैं……… 30 जून को डॉ. किशुन कुमार को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बांदा जिला अस्पताल में सीएमएस का पदभार दिया गया है…….. सीएमएस पद पर बैठने के बाद डॉ. किशुन कुमार ने अल्ट्रासाउंड करना बंद कर दिया है…….. वहीं यह सेवा पिछले 10 दिनों से ठप पड़ी है……. बता दें कि जिला अस्पताल में 30 जून से पहले प्रतिदिन तकरीबन 70 से 80 लोगों के अल्ट्रासांउड किए जाते थे……. वर्तमान में यह सेवा जिला अस्पताल में ठप पड़ी है……
पैथोलॉजी विभाग में खुले अल्ट्रासाउंड कक्ष में पिछले 10 दिनों से ताला पड़ा है…….. प्रतिदिन 70 से 80 मरीज बिना अल्ट्रासाउंड कराए लौटने में मजबूर है……. एक अल्ट्रासाउंड कराने में प्राइवेट में तकरीबन 500 से 1000 रुपये का खर्च आता है……. निजी केंद्रों पर लूट मची है……. आम मरीजों इसको लेकर भटक रहे जबकि जिलाधिकारी की बेटी का आसानी से अल्ट्रासाउंड हो गया……. इस संबंध में सीएमएस पद पर बैठे रेडियोलॉजिस्ट डॉ. किशुन कुमार का कहना है कि प्रशासनिक पद पर रहते हुए वह अल्ट्रासाउंड नहीं कर पाएंगे……. इसके लिए उन्होंने नए रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए शासन को लिखी पढ़ी की है…..



