गीता जयंती के दिन करें ये उपाय, इन मंत्रो का करें जाप
4PM न्यूज़ नेटवर्क: हिंदू धर्म के अनुसार गीता जयंती एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवद् गीता के उपदेशों को याद करने और मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है। इसी दिन महाभारत के युद्ध के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवत गीता का उपदेश दिया था। गीता में जीवन के दर्शन, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का विस्तृत वर्णन है। गीता जयंती के दिन गीता के ज्ञान का प्रकाश फैलाया जाता है। गीता में जीवन के हर पहलू पर प्रकाश डाला गया है। गीता में कर्मयोग का महत्व भी बताया गया है। इस पर्व का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह हमें जीवन की समस्याओं का समाधान बताता है और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है। इस साल गीता जयंती 11 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी। हर साल मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है, जिसे मोक्षदा एकादशी भी कहा जाता है।
गीता जयंती की तिथि
- एकादशी तिथि का प्रारंभ- 11 दिसंबर 2024 को सुबह 3 बजकर 42 मिनट से,
- एकादशी तिथि का समापन- 12 दिसंबर 2024 को सुबह 1 बजकर 09 मिनट तक रहेगा,
- उदयातिथि के अनुसार, गीता जयंती 11 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।
गीता जयंती पर शुभ योग
- वैदिक पंचांग के मुताबिक, गीता जयंती के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं।
- इस दिन वरीयान, रवि और बद्रवास योग का निर्माण होने जा रहा है।
- धार्मिक मान्यता के मुताबिक इन शुभ योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को मन के मुराद पूरे होते हैं।
जानिए गीता जयंती का महत्त्व
- इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें।
- आप उनकी मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं, धूप दें और फूल चढ़ाएं’।
- गीता जयंती के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना सबसे महत्वपूर्ण और पुण्यदायी कार्य माना जाता है।
- गीता के ज्ञान से जीवन में कई समस्याओं का समाधान मिलता है और आत्मज्ञान प्राप्त होता है।
- गीता जयंती के दिन व्रत रखने से मन को शांत किया जा सकता है और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
- इस दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने वाला है।