रुपए के सामने डॉलर हुआ नतमस्तक, एशिया में कभी नहीं दिखी ऐसी ताकत

नई दिल्ली। भारतीय रुपया लगातार तीसरे दिन डॉलर को पटखनी देता हुआ दिखाई दे रहा है. एशिया की दूसरी करेंसीज के मुकाबले में रुपए ने हाल के दिनों के दिनों में डॉलर के सामने ज्यादा मजबूती दिखाई है. मंगलवार से शुरू हुआ ये सिलसिला गुरुवार को भी देखने को मिल रहा है. बुधवार को कारोबारी दिन में ज्यादातर समय रुपए में तेजी देखने को मिली. लेकिन बाजार बंद होने से रुपए में गिरावट भी देखी गई. वो एक अलग बात है. जानकारों का मानना है कि आरबीआई के हस्तक्षेप और भारत में महंगाई के आंकड़ों में कमी आने और अमेरिका में भी महंगाई आंकड़े उम्मीद से ज्यादा होने की वजह से रुपए में डॉलर के मुकाबले में तेजी देखी जा रही है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में ये तेजी जारी रह सकती है.
खास बात तो ये है कि एशिया की दूसरी करेंसी फिर चाहे वो चीन हो या फिर जापान. डॉलर के सामने अभी तक वैसी हिम्मत नहीं दिखा सके हैं, जिस तरह से भारतीय रुपए ने दिखाई है. मंगलवार को भारतीय रुपए में करीब एक फीसदी की तेजी देखने को मिली थी जो दो साल की सबसे लंबी छलांग थी. बुधवार को भी रुपए में डॉलर के मुकाबले में 27 पैसे ज्यादा की मजबूती देखने को मिली थी. गुरुवार को भी रुपए में डॉलर के मुकाबले में 14 पैसे ज्यादा का इजाफा देखने को मिल रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में डॉलर के भारतीय रुपया किस लेवल पर कारोबार करता हुआ दिखाई दे रहा है.
अमेरिकी डॉलर में नरमी और विदेशों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे चढक़र 86.81 पर पहुंच गया. फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि स्थानीय यूनिट, जो विदेशी फंड की अंतहीन निकासी के कारण दबाव में थी, को बुधवार को सरकार द्वारा जारी उम्मीद से बेहतर महंगाई आंकड़ों के कारण घरेलू इक्विटी बाजारों में कुछ सुधार के कारण समर्थन मिला.
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी में, रुपया 86.82 पर मजबूत खुला और शुरुआती कारोबार के दौरान ग्रीनबैक के मुकाबले पिछले बंद से 14 पैसे की बढ़त के साथ 86.81 पर पहुंच गया. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में 16 पैसे की गिरावट देखने को मिली और 86.95 पर बंद हुआ. मंगलवार को पिछले सत्र में, रुपया 66 पैसे मजबूत हुआ था, जो 3 मार्च, 2023 के बाद से अधिकतम एक दिन की बढ़त दर्ज करते हुए ग्रीनबैक के मुकाबले 86.79 पर बंद हुआ था.
इस बीच, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स मूें गिरावट देखने को मिल रही है. डॉलर एक्सचेंज 0.22 फीसदी की गिरावट के साथ 107.59 पर कारोबार कर रहा है. आंकड़ों को देखें तो डॉलर इंडेक्स बीते एक महीने में 1.20 फीसदी की गिरावट देख चुका है.जबकि मौजूदा साल में डॉलर इंडेक्स में 0.77 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जबकि एक बरस में डॉलर इंडेक्स में 3.21 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जानकारों की मानें तो अभी करेंसी मार्केट काफी अनस्टेबल है. आने वाले दिनों में डॉलर और रुपए के बीच खींचतान जारी रह सकती है. उसका प्रमुख कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्रेड वॉर है. जिसकी वजह से पूरी दुनिया की अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.
विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी आंकड़ों में उम्मीद से अधिक महंगाई दर्शाए जाने के बाद डॉलर कमजोर हुआ, जिससे फेडरल रिजर्व द्वारा तत्काल मौद्रिक नरमी की उम्मीदें धूमिल हो गईं. ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1 प्रतिशत गिरकर 74.43 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 441 अंकों की तेजी के साथ 76,597.42 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 136 अंकों की तेजी के साथ 23,181.45 अंकों पर दिखाई दी. एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध आधार पर 4,969.30 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची.

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