डॉ. सनोबर ने छात्रों को छतर मंजिल के इतिहास से कराया परिचित
सनोबर की पुस्तक छतर मंजिल: ए पैलेस बाय द रिवर का विमोचन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लामार्टिनियर कॉलेज लखनऊ के फाउंडर्स डे पर आयोजित व्याख्यान में महाराजा बिजली पासी राजकीय महाविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. सनोबर हैदर ने छतर मंजिल के इतिहास से छात्रों को परिचित कराया। इस मौके पर उनकी लिखी पुस्तक छतर मंजिल: ए पैलेस बाय द रिवर का विमोचन भी किया गया।
डॉ सनोबर हैदर ने लखनऊ के स्थापत्य कला के बेजोड़ स्मारकों छतर मंजिल एवं फरहत बक्श के महत्व और विरासत की जानकारी छात्रों और शिक्षकों को दी। उन्होंने ऐतिहासिक इमारत के निर्माण, उसके महत्व, इसके केंद्रीय औषधि शोध संस्थान के रूप में दशकों तक इस्तेमाल होने से हुए नुकसान, 2013 में पुन: इसके संरक्षित स्मारक घोषित होने व जीर्णोंद्धार के बारे में बताया। उन्होंने क्लॉड मार्टिन द्वारा निर्मित फरहत बक्श, जिसे चैटू डी क्लॉड मार्टिन के नाम से भी जाना जाता था और जहां पर क्लॉड मार्टिन ने अंतिम श्वांस ली थी, की विशिष्टताओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस भवन के विशिष्टताओं को देखते हुए अवध के तत्कालीन नवाब सआदत अली खान बीमार होने पर इस महल में रहे एवं स्वस्थ हुए थे, ने इसका नाम फरहत बक्श अर्थात खुशी देने वाली कोठी रखा था। डॉ. सनोबर हैदर कि पुस्तक का विमोचन कॉलेज के प्राचार्य कार्लाइल मैफरलैण्ड द्वारा न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) विष्णु सहाय एवं सैकड़ों छात्रों एवं शिक्षकगणों की उपस्थिति में किया।