बीजेपी राज में नशे का बोलबाला, 52 लाख की MD ड्रग्स बरामद, जिम्मेदार कौन?

Ahmedabad क्राइम ब्रांच ने 52 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की जब्त करते हुए दो आरोपियों को पकड़ा है... इसमें एक महिला भी शामिल है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे के पास एएमटीएस बस स्टॉप पर एक सनसनीखेज कार्रवाई में मध्यप्रदेश के दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया……. पकड़े गए आरोपियों की पहचान अजय प्रजापति और आनंदी डामर के रूप में हुई है……. जो मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के निवासी हैं…… इनके पास से 525 ग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स, जिसकी अनुमानित कीमत 52.50 लाख रुपये है…… के साथ-साथ दो मोबाइल फोन…… पैन कार्ड और आधार कार्ड भी जब्त किए गए…… वहीं यह घटना एक बार फिर गुजरात में बढ़ते नशे के कारोबार और बीजेपी सरकार की नाकामी को उजागर करती है……

गुजरात क्राइम ब्रांच को रविवार को पुख्ता सूचना मिली थी कि मध्यप्रदेश के मंदसौर से दो व्यक्ति एमडी ड्रग्स लेकर अहमदाबाद पहुंच रहे हैं……. सूचना के मुताबिक यह ड्रग्स अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर डिलीवरी के लिए लाया जा रहा था…….. जहां एक ऑटो रिक्शा चालक शाहरुख इसे लेने आने वाला था……. इस सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच ने एक्सप्रेसवे के पास निगरानी शुरू की……. जैसे ही दोनों संदिग्ध नारोल मार्ग पर फुट ओवर ब्रिज के पास एएमटीएस बस स्टॉप के समीप पहुंचे…….. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें धर दबोचा…….. तलाशी के दौरान उनके पास से 525 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद हुआ…… यह ड्रग्स न केवल अहमदाबाद बल्कि पूरे गुजरात…… और आसपास के राज्यों में नशे की लत को बढ़ावा देने के लिए लाया गया था…..

आपको बता दें कि यह घटना गुजरात में ड्रग्स तस्करी के बढ़ते खतरे को दर्शाती है…… जो बीजेपी सरकार की नाकामी….. और लापरवाही को उजागर करती है….. गुजरात जिसे बीजेपी ने विकास का मॉडल……. और “वाइब्रेंट गुजरात” के रूप में प्रचारित किया है……. आज नशे के कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है……… यह पहली बार नहीं है जब गुजरात में ड्रग्स की इतनी बड़ी खेप पकड़ी गई हो…….. पिछले कुछ वर्षों में गुजरात पुलिस और अन्य एजेंसियों ने कई बार भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त किए हैं…….. 2024 में ही अंकलेश्वर में 427 किलोग्राम संदिग्ध नशीले पदार्थ……. और 518 किलोग्राम कोकेन की बरामदगी हुई थी……. जिसकी कीमत हजारों करोड़ रुपये थी……. इसके बावजूद ड्रग्स का यह काला कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा…….

बीजेपी सरकार जो खुद को कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के मामले में मजबूत बताती है…….. बार-बार ड्रग्स तस्करी के मामलों में विफल साबित हो रही है…… सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स गुजरात में कैसे पहुंच रहा है……. क्या राज्य की सीमाओं पर निगरानी इतनी कमजोर है कि तस्कर बिना किसी डर के मध्यप्रदेश, राजस्थान और यहां तक कि विदेशों से ड्रग्स ला रहे हैं……… 2021 में मुंद्रा पोर्ट पर 3,000 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती……. जिसकी कीमत 20,000 करोड़ रुपये थी……. ने भी बीजेपी सरकार की पोल खोल दी थी……

गुजरात में ड्रग्स तस्करी का यह ताजा मामला केवल एक घटना नहीं……. बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा है……. मेफेड्रोन, जिसे आमतौर पर “एमडी” या “म्याऊ-म्याऊ” के नाम से जाना जाता है……… एक खतरनाक सिंथेटिक ड्रग है…… जो युवाओं में नशे की लत को बढ़ावा देता है……. यह ड्रग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नष्ट करता है…….. बल्कि सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को भी कमजोर करता है…….. अहमदाबाद जैसे शहर, जो गुजरात का आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र है……. वहां अब नशे के कारोबारियों के लिए एक बड़ा बाजार बन गया है……

पिछले कुछ वर्षों में गुजरात में ड्रग्स की तस्करी और बिक्री के कई मामले सामने आए हैं……. 2022 में वडोदरा और अंकलेश्वर में 700 किलोग्राम मेफेड्रोन की जब्ती……. जिसकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये थी……. ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था……. इसके अलावा, 2023 में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और डीआरआई ने संभाजी नगर में 23 किलोग्राम कोकेन और 9.3 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया था…… जिसकी कीमत 250 करोड़ रुपये थी……. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि गुजरात में ड्रग्स तस्करी का नेटवर्क कितना मजबूत और संगठित हो चुका है…..

बीजेपी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर ड्रग्स तस्करी को रोकने में क्यों नाकाम रही है……. क्या यह सरकार की नाकामी है या कुछ बड़े मगरमच्छों को बचाने की साजिश……… 2021 में मुंद्रा पोर्ट पर हुई 20,000 करोड़ की हेरोइन जब्ती के बाद विपक्षी दलों…….. विशेष रूप से कांग्रेस, ने बीजेपी पर तीखे हमले किए थे…… कांग्रेस विधायक जेनिबेन ठाकोर ने गुजरात विधानसभा में सवाल उठाया था कि क्या सरकार मुंद्रा पोर्ट पर संचालन करने वालों को गिरफ्तार करेगी…… लेकिन बीजेपी के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने इसका कोई ठोस जवाब नहीं दिया……

बीजेपी सरकार का दावा है कि उसने पिछले दो वर्षों में 5,956 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किए……. और 48 विदेशी नागरिकों सहित कई तस्करों को गिरफ्तार किया……. लेकिन सवाल यह है कि अगर सरकार इतनी सतर्क है……… तो ड्रग्स का यह कारोबार क्यों बढ़ रहा है……. क्या यह केवल छोटे तस्करों को पकड़ने का खेल है…… जबकि बड़े माफिया खुले घूम रहे हैं…….. गुजरात में ड्रग्स तस्करी के मामले न केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित हैं…… बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल रहे हैं……… जैसा कि देवभूमि-द्वारका जिले में ड्रग्स की बिक्री……. और खपत के मामलों से स्पष्ट है…..

गुजरात के युवा देश का भविष्य हैं……. ड्रग्स की चपेट में तेजी से आ रहे हैं…….. अहमदाबाद जैसे शहरों में कॉलेज छात्रों और कॉरपोरेट कर्मचारियों को ड्रग्स का निशाना बनाया जा रहा है……. ड्रग्स तस्कर अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स का सहारा ले रहे हैं…….. जिससे नशे का यह जाल और खतरनाक हो गया है……. बीजेपी सरकार की नाकामी के कारण युवा पीढ़ी नशे की लत में डूब रही है……… जिसका असर न केवल उनके स्वास्थ्य, बल्कि उनके करियर और परिवारों पर भी पड़ रहा है…..

वहीं यह समय है कि बीजेपी सरकार अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से ले……. और ड्रग्स तस्करी के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए…….. केवल छोटे तस्करों को पकड़ने से काम नहीं चलेगा…….. बड़े माफियाओं और उनके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को निशाना बनाना होगा…….. सरकार को चाहिए कि वह सीमा सुरक्षा को और मजबूत करे……. खुफिया तंत्र को बेहतर बनाए…… और नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए……

 

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