यूपी में दोहरी कानून व्यवस्था, भाजपा सरकार की खुली पोल!

प्रदेश में जिस तरह से भाजपा सरकार अपनी मनमानी कर रही है ऐसा शायद ही किसी और के राज में हुआ हो। खैर सत्ता में बनी भाजपा भले ही सत्ता की हनक जमाने के लिए दूसरे दलों को आरोपों तले दबाने की पूरी कोशिश की जा रही हो लेकिन विपक्ष उतनी ही तेजी से साथ सत्ताधारी दल भाजपा को घेर रहा है। लेकिन हालात ऐसे बन गए हैं प्रदेश में कानून व्यवस्था भी दोहरी हो गई है। यहां एक तरफ सत्ता पक्ष के खिलाफ बोलने पर जेल हो जाती है सजा दी जाती है तो वहीँ विपक्षी नेताओं के खिलाफ बोलने पर या कोई भी गतिवधि करने पर तारीफों के पुल बांधे जाते हैं। खैर अभी हालिया मामले की बात की जाए तो एक तरफ जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव और ओवैसी की तस्वीर पर आग लगाने और योगी की तस्वीर पर दूध से नहलाने वालों पर सोशल मीडिया के माध्यम से जमकर तारीफ की गई। जबकि कायदे से उनपर कार्यवाई की जानी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

हाँ कार्यवाई तो हुई लेकिन उनपर नहीं उन्होंने अखिलेश यादव की तस्वीर पर आग लगाई थी। बल्कि कार्यवाई उसपर हुई जिसने सीएम योगी के खिलाफ सॉइल मीडिया पर बोला था। आलम ये हुआ कि पूरे थानों की पुलिस लगा दी गई और उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गौ। अच्छा वैसे देखा जाए तो अगर मुख्यमंत्री गलत बयानबाजी की गई तो गिरफ्तारी होनी भी चाहिए लेकिन उसका क्या जिसने विपक्षी नेताओं की तस्वीरों को आग के हवाले किया। दरसल पूरे मामले की अगर बात की जाए तो उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ आपत्तिजनक हरकत करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गुस्सा जताया. उन्होंने पोस्ट करने वाले आरोपी युवक के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है. उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ न केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, बल्कि गौ रक्षक पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं. उनके अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ऐसे में मुरादाबाद सिविल लाइन पुलिस ने तहरीर मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है. इस घटना को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखा जा रहा है. उन्होंने 24 घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की . ऐसा न होने पर उन्होंने सड़क पर उतरने क धमकी दी है. पुलिस ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया है. आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर टीम का गठन कर दिया गया है. उसकी तलाश की जा रही है. मामले में बीजेपी युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष अभिषेक चौबे ने मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए जेल भेजने की मांग की है. फिलहाल पुलिस ने आरोपी फ़िरोज़ खान के खिलाफ बीएनएस की धारा 196, 299, 352 एवं सूचना प्रोद्यौगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 66 में मुकदमा दर्ज किया है. बीजेपी नेता का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री गौरक्षा पीठ के पिठाधिश्वर भी हैं. क्या कोई पिठाधिश्वर के फोटो से छेड़छाड़ करेगा और हम सहते रहेंगे. ऐसे में हम चाहते हैं कि युवक पर सख्त कार्रवाई हो और उसे जेल भेजा जाए.

खैर इस घटना को लेकर तो पुलिस प्रशासन एक्टिव मोड में आ गई है और आरोपी की तलाश करने लगी है लेकिन वहीं दूसरी तरफ अभी हाल ही में जो अखिलेश यादव और ओवैस की तस्वीर जलाई गई उसके लेकर शासन-प्रशासन गूंगा बना बैठा है। लेकिन इस मामले को सपा नेताओं ने गंभीरता से उठाया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सपा नेता IP सिंह ने लिखा कि आत्मनिर्भर पुलिस मौन यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री देश के तीसरे सबसे बड़े दल के नेताअखिलेश यादव जी की फोटो खुलेआम आग के हवाले की जा रही है। इसका संज्ञान गृह सचिव और DGP कब लेंगे? योगी को दूध या गंगाजल से नहलाओ किसी को आपत्ति नहीं। लेकिन जब सरकार भाजपा की हो और सरकार के समर्थन में ही ये सब हो रहा हो तो भला कौन क्या बोल पाएगा इनका।
अब बात जब चली ही है तो आपको एक पुरानी घटना याद दिला दूँ। अभी कुछ साल पहले सपाइयों ने सीएम योगी के मुँह में चिलम लगाकर पुतले को फूंक दिया था जिसके बाद सपाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अनुज यादव समेत 12 कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया गया है । सभी पर धारा 147, 188, 269, 341, 66, 7 और 6 के अलावा 124 ए राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है। उन्हें सीजेएम कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया है। जिसे सपा जिलाध्यक्ष ने भाजपा की हताशा और तानाशाही बताया है। बता दें कि सपा जिला अध्यक्ष अनुज यादव के नेतृत्व में एक दर्जन सपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ट्रैफिक चौराहा कर्वी में पुतला दहन किया था जिसको लेकर सदर कोतवाली कर्वी में नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी और रातों-रात सभी की गिरफ्तारी कर ली गई थी।
आरोप में सभी नामजद आरोपियों को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार किए गए सपा कार्यकर्ताओं की पैरवी करने वाले वकीलों ने लगाई गई धाराओं को लेकर कोर्ट में बहस किया लेकिन पुलिस द्वारा एफ आई आर के बाद बढ़ाई गई एक और धारा 124a राजद्रोह लगाए जाने पर आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है और सभी को जिला कारागार भेजा गया है। और उन सभी कार्यकर्ताओं को जेल काटनी पड़ी। लेकिन अभी जो कृत भाजपाइयों ने किया इसे लेकर सरकार समेत प्रशासन भी खोमश है।

ऐसा हो भी क्यों इन सब गालिविधयों का एक कारण है भाजपा नेताओं की जुबान और उनके द्वारा दिए जा रहे भड़काऊ भाषण। अभी हलियाँ बयानों की बात की जाए तो महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर सियासी पारा हाई है वहीं इसी बीच विधानसभा में महाकुंभ को लेकर टिप्पणी करने पर अखिलेश यादव ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. इतना ही नहीं उन्होंने इतना तक कह दिया कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसे वो मिला, गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली. वहीं सीएम योगी के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के नेता भड़क उठे हैं.

इस बयान को लेकर सियासी पारा सातवें आसमान पर है। ऐसे में यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडे ने सीएम योगी गिद्ध- सूअर वाले बयान पर कहा कि वो होश में नहीं हैं. सपा नेता ने कहा कि पता नहीं ऐसी भाषा का प्रयोग करते हैं गजब है, क्या बोला जाए, उनकी भाषा बिगड़ी है. इसके अलावा सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने सरकार की तुलना कुंभ में व्यवस्था ना संभाल पाने वालों की तुलना गिद्धों और सूअरों से की. CM के जवाब में सपा विधायक ने गिद्धों और सूअरों से सरकार की तुलना कर डाली. उन्होंने कहा कि हम लोग धर्म को मानते हैं और बीजेपी पाखंड करती है.सोचने वाली बात ये है कि जहां विपक्ष के जरा स भी बोलने पर जेल भेजा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ भाजपाइयों को संरक्षण दिया जा रहा है। फिलहाल के लिए इस खबर में इतना ही और आप क्या सोचते हैं भाजपा के इस दोहरे चरित्र के बारे में हमे कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताएं धन्यवाद।

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