Dubai सरकार का ऐलान, जुमे की नमाज के लिए, स्कूलों में जल्दी होगी छुट्टी
यह बदलाव 9 जनवरी 2026 से लागू होगा, क्योंकि नमाज़ का समय 2 जनवरी से बदल रहा है, लेकिन स्कूलों को थोड़ा समय तैयारी के लिए दिया गया है। सोमवार से गुरुवार तक स्कूल के समय में कोई बदलाव नहीं होगा,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दुबई में हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है जो सभी प्राइवेट स्कूलों और छोटे बच्चों के शिक्षा केंद्रों को प्रभावित करेगा।
दुबई की शिक्षा नियामक संस्था, जिसे KHDA यानी Knowledge and Human Development Authority कहते हैं उसने घोषणा की है कि जनवरी 2026 से हर शुक्रवार को स्कूल का दिन सुबह 11:30 बजे से देर नहीं खत्म होगा। मतलब, सभी बच्चों को 11:30 बजे तक छुट्टी मिल जाएगी। यह बदलाव पूरे UAE में जुमे की नमाज़ के समय को एकसमान करने के लिए किया जा रहा है। पहले जुमे की नमाज़ दोपहर 1:15 से शुरू होती थी, लेकिन अब 2 जनवरी 2026 से यह 12:45 बजे शुरू होगी। इस वजह से मुस्लिम बच्चे, उनके परिवार और स्कूल के टीचर्स को घर पहुंचकर तैयार होकर मस्जिद जाने के लिए ज्यादा समय की जरूरत पड़ेगी।
जैसा की आप जानते हैं दुबई जैसे बड़े शहर में ट्रैफिक बहुत होता है, इसलिए घर से मस्जिद तक पहुंचने में समय लगता है, और इस नए नियम से सबको आराम से नमाज़ अदा करने का मौका मिलेगा। KHDA ने यह फैसला स्कूलों और शिक्षा संस्थाओं से बातचीत करके लिया है, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा असर न पड़े और उनकी भलाई सबसे ऊपर रहे। पहले से ही दुबई के प्राइवेट स्कूलों में शुक्रवार को आधा दिन होता था, यानी ज्यादातर स्कूल 12 बजे तक खत्म हो जाते थे, लेकिन अब इसे 30 मिनट पहले करके 11:30 बजे कर दिया गया है।
यह बदलाव 9 जनवरी 2026 से लागू होगा, क्योंकि नमाज़ का समय 2 जनवरी से बदल रहा है, लेकिन स्कूलों को थोड़ा समय तैयारी के लिए दिया गया है। सोमवार से गुरुवार तक स्कूल के समय में कोई बदलाव नहीं होगा, सिर्फ शुक्रवार प्रभावित है। KHDA ने स्कूलों को कहा है कि वे बच्चों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें, अगर कोई पैरेंट्स देर से आएं तो बच्चों की देखभाल करें, और पढ़ाई का कोर्स पूरा हो इसके लिए प्लानिंग करें।
कुछ स्कूलों में स्टैगर्ड डिसमिसल का विकल्प है, यानी अलग-अलग ग्रेड के बच्चों को अलग-अलग समय पर छोड़ा जा सकता है ताकि गेट पर भीड़ न हो और ट्रैफिक जाम न बने। इसके अलावा, ग्रेड 6 यानी साल 7 से ऊपर के बड़े बच्चों के लिए स्कूल ऑनलाइन क्लासेस का विकल्प दे सकते हैं, लेकिन इसके लिए पैरेंट्स से सहमति लेनी होगी और KHDA से अप्रूवल लेना पड़ेगा। यह विकल्प इसलिए दिया गया है ताकि बड़े बच्चों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित न हो और वे घर से ही लेसन पूरा कर सकें।
दुबई में हजारों प्राइवेट स्कूल हैं, जहां अलग-अलग देशों के बच्चे पढ़ते हैं, और यहां की आबादी बहुत विविध है। लाखों लोग भारत, पाकिस्तान, फिलीपींस, यूरोप और अन्य जगहों से आकर रहते हैं, लेकिन UAE एक इस्लामिक देश है, इसलिए धार्मिक परंपराओं का बहुत सम्मान किया जाता है। जुमे की नमाज़ मुसलमानों के लिए सप्ताह की सबसे महत्वपूर्ण नमाज़ होती है, जिसमें मस्जिद में जाकर खुत्बा यानी उपदेश सुनना और फिर सामूहिक नमाज़ पढ़ना जरूरी माना जाता है।
यह नमाज़ सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक है। इस नए बदलाव से मुस्लिम परिवारों को बहुत फायदा होगा, क्योंकि बच्चे स्कूल से जल्दी घर आएंगे, तैयार होंगे और परिवार के साथ मस्जिद जा सकेंगे। पैरेंट्स के लिए भी वीकेंड की शुरुआत जल्दी हो जाएगी, वे बच्चों के साथ ज्यादा समय बिता सकेंगे, खेल सकते हैं या फैमिली आउटिंग प्लान कर सकते हैं। लेकिन कुछ पैरेंट्स को शुरुआत में दिक्कत हो सकती है,
जैसे पिकअप का समय बदलना, स्कूल बस का शेड्यूल एडजस्ट करना या कामकाजी पैरेंट्स को ऑफिस से जल्दी छुट्टी लेनी पड़ सकती है। स्कूल बस कंपनियां भी अपना टाइमटेबल बदलेंगी ताकि बच्चे समय पर घर पहुंचें। यह फैसला 2022 के उस बड़े बदलाव की याद दिलाता है जब UAE ने वर्किंग वीक बदलकर सोमवार से शुक्रवार किया था और सैटरडे-संडे वीकेंड बनाया था। उस समय भी शुक्रवार को आधा दिन कर दिया गया था ताकि नमाज़ के लिए समय मिले। अब यह दूसरा एडजस्टमेंट है जो दिखाता है कि दुबई सरकार लोगों की धार्मिक जरूरतों का कितना ख्याल रखती है।
नमाज़ के समय को बदलने का कारण भी वैज्ञानिक और सामाजिक स्टडी पर आधारित है। पहले नमाज़ का समय मौसम के अनुसार बदलता रहता था, लेकिन अब इसे फिक्स करके 12:45 बजे कर दिया गया है ताकि पूरे साल एकसमान रहे और लोगों की जिंदगी में आसानी हो। General Authority for Islamic Affairs and Endowments ने यह फैसला लिया है, जो पूरे UAE में लागू है। दुबई तेजी से बढ़ता शहर है, जहां ट्रैफिक और दूरी की समस्या आम है, इसलिए 30 मिनट का यह अंतर बहुत मायने रखता है।
कई परिवार दूर क्षेत्रों जैसे दुबई साउथ, अल बार्शा या जेबेल अली में रहते हैं, और स्कूल शहर के दूसरे हिस्से में हो सकता है, इसलिए जल्दी छुट्टी से वे आराम से घर पहुंचकर नमाज़ की तैयारी कर सकेंगे। छोटे बच्चों के लिए यह बदलाव खास तौर पर अच्छा है, क्योंकि वे थक जाते हैं और जल्दी घर आकर आराम कर सकते हैं।
वहीं इसे लेकर KHDA ने स्कूलों से कहा है कि वे पैरेंट्स से बात करें और कोई समस्या हो तो सॉल्व करें। कुछ स्कूल पहले से ही 11:30 बजे खत्म हो जाते थे, उनके लिए कोई बदलाव नहीं, लेकिन जो 12 बजे तक चलते थे, उन्हें एडजस्ट करना पड़ेगा। पढ़ाई के घंटों को कम न करने के लिए स्कूल सोमवार से गुरुवार ज्यादा इफेक्टिव क्लासेस ले सकते हैं या ब्रेक कम कर सकते हैं। कुल मिलाकर, यह फैसला बच्चों, पैरेंट्स और टीचर्स की सुविधा के लिए है। दुबई जैसे मॉडर्न और मल्टीकल्चरल शहर में धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना एक उदाहरण है कि कैसे प्रोग्रेस और ट्रेडिशन साथ-साथ चल सकते हैं।
यहां गैर-मुस्लिम परिवार भी हैं, उनके लिए शुक्रवार जल्दी छुट्टी का मतलब लंबा वीकेंड है, जो सबको खुशी देगा। पैरेंट्स को सलाह है कि वे अपने स्कूल से कन्फर्म करें कि उनका एग्जैक्ट डिसमिसल टाइम क्या होगा, क्योंकि कुछ स्कूल 11 बजे या उससे पहले भी खत्म कर सकते हैं। स्कूल बस यूज करने वाले पैरेंट्स को नया शेड्यूल चेक करना चाहिए। यह बदलाव समाज में एकता बढ़ाएगा, क्योंकि सब एक साथ नमाज़ के समय को फॉलो करेंगे। दुबई हमेशा ऐसे फैसले लेता है जो लोगों की जिंदगी आसान बनाते हैं, जैसे पहले वर्क वीक चेंज या अब यह। बच्चों के लिए शुक्रवार अब और मजेदार हो जाएगा, क्योंकि छुट्टी जल्दी मिलेगी, वे खेल सकते हैं, होमवर्क कर सकते हैं या परिवार के साथ समय बिता सकते हैं।
वहीं टीचर्स को भी शुक्रवार को आराम मिलेगा और वे वीकेंड अच्छे से एंजॉय कर सकेंगे। अगर बड़े बच्चे ऑनलाइन क्लासेस चुनते हैं तो उनकी पढ़ाई कंटिन्यू रहेगी बिना स्कूल आने की टेंशन के। कुछ पैरेंट्स इस ऑनलाइन ऑप्शन से खुश हैं, क्योंकि इससे ट्रैफिक से बचत होगी, लेकिन कुछ चाहते हैं कि बच्चे स्कूल ही आएं ताकि रूटीन बना रहे। KHDA ने यह फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है, सर्वे करके और फीडबैक लेकर। पहले दिसंबर 2025 में ही KHDA ने स्कूलों से सर्वे किया था कि यह चेंज कैसे लागू करें, और अब फाइनल अनाउंसमेंट आ गई है।
अन्य अमीरात जैसे अबू धाबी में भी इसी तरह के बदलाव आने की उम्मीद है, लेकिन दुबई ने पहले गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। दुबई में 200 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं, अलग-अलग करिकुलम जैसे ब्रिटिश, अमेरिकन, IB, इंडियन आदि, और यह नियम सब पर लागू है। अर्ली चाइल्डहुड सेंटर्स यानी नर्सरी और KG वाले भी शामिल हैं। यह दिखाता है कि दुबई शिक्षा को कितना महत्व देता है लेकिन धार्मिक और पारिवारिक जीवन को भी बैलेंस करता है।
ऐसे में आने वाले समय में शायद और ऐसे बदलाव आएं जो लोगों की फीडबैक पर आधारित हों। अगर आप दुबई में रहते हैं और बच्चे स्कूल जाते हैं, तो यह खबर आपके लिए अच्छी है, क्योंकि वीकेंड लंबा हो जाएगा। कुल मिलाकर, यह एक पॉजिटिव स्टेप है जो UAE की प्रोग्रेसिव सोच को दिखाता है, जहां मॉडर्न लाइफ और इस्लामिक वैल्यूज साथ चलती हैं। उम्मीद है कि जनवरी 2026 से सब सुचारू रूप से चलेगा और बच्चे, पैरेंट्स सब खुश रहेंगे।



