भाजपा की सुपर स्टार प्रचारक की तरह काम कर रही ईडी व सीबीआई : कांग्रेस
- जांच एजेंसियों के इस्तेमाल पर गरमाई सियासत
- विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से भी लगाई गुहार
- कार्रवाई पर लगाई जाए तुरंत रोक
- बीजेपी ने कहा- सिर्फ राजनीति कर रहा है विपक्ष
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ईडी और सीबीआई द्वारा विपक्षी नेताओं की धडपकड़ पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने बीजपी की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन राज्यों में चुनाव हो रहें हैं वहां पर ईडी व सीबीआई उनके लिए स्टार चुनाव प्रचारक की भूमिका निभा रहे जबकि मोदी व शाह का नंबर बाद में आता है। वहीं ईडी ने बिहार में बड़ी कार्रवाई की है वहां पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी को गिरफ्तार किया गया जिसके बाद से बिहार में बीजेपी पर राजद हमलावर हो गई है। वहीं एक मामले में ईडी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फटकार भी लगी है। शराब घोटाले मामले में बिजनेसमैन की गिरफ्तारी पर 20 नवंबर को कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को बुलाया है। वहीं इस मामले में विपक्ष ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इन एजेंसियों पर रोक लगाए।
आपको बता दें कि कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को चुनावी राज्यों में ईडी की लगातार छापेमारी पर रोक लगाने की मांग चुनाव आयोग से की है। महादेव ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी कार्रवाई कर रही ह। कांग्रेस का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते चुनाव के बीच इस तरीके से ये सब किया जा रहा है। उधर भाजपा ने कहा कि विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है।
एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा : जयराम रमेश
राजस्थान विधानसभा चुनाव के बीच उदयपुर पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी और भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई भाजपा के दो सुपर स्टार प्रचारक हैं। जबकि स्टार प्रचार गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ हैं। जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी ने भाजपा के सुपर स्टार प्रचारक ईडी और सीबीआई को कांग्रेस सरकार के खिलाफ उतारा है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में ऐसा हो रहा है। एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है। बतादें कि गुरुवार को पीएम मोदी ने उदयुपर में एक जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कन्हैयालाल की हत्या को आतंकी घटना बताते हुए इसे राजस्थान सरकार पर बड़ा दाग बता दिया। साथ ही मोदी ने राजस्थान में बड़े मगरमच्छों को भी पकडऩे की बात कही। इन दोनों ही आरोप का जयराम रमेश ने जवाब दिया। कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी की फोटो दिखाकर उन्होंने पूछा कि ये किस पार्टी का मगरमच्छ है।
लालू के करीबी बिजनेसमैन कात्याल गिरफ्तार
एके इंफोसिस्टम के प्रमोटर बिजनेसमैन अमित कात्याल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले गिरफ्तार कर लिया है। कत्याल, लालू यादव के परिवार के कथित सहयोगी हैं, कत्याल और एके इंफोसिस्टम जमीन घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में हैं। सीबीआई ने घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। नौकरी के बदले जमीन घोटाले में ईडी ने आरोप लगाया था कि अपराध की कुल आय 600 करोड़ रुपये है। एके इंफोसिस्टम का दफ्तर लालू यादव परिवार के एनएफसी स्थित आवास से चल रहा है, ईडी ने मार्च में एक बयान में कहा था, संपत्ति को कागज पर मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है, लेकिन इसका उपयोग विशेष रूप से तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि कात्याल को स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां ईडी पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी। सूत्रों के मुताबिक, कात्याल करीब दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहा था। दिल्ली हाई कार्ट ने हाल में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
कन्हैयालाल के आरोपियों में एक भाजपाई
कांग्रेस नेता रमेश ने कहा – कन्हैयालाल के आरोपियों को चार घंटे में पकड़ लिया गया था। एक आरोपी भाजपा कार्यकर्ता है। प्रधानमंत्री ने उदयपुर में इसका जिक्र किया तो इसलिए मैं यह फोटो लेकर आया हूं।
सुप्रीम कोर्ट का ईडी को नोटिस
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में एक धनशोधन मामले में गिरफ्तार किये गये व्यापारी अभिषेक बोइनपल्ली की एक याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा। बोइनपल्ली ने ईडी द्वारा की गयी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए उसे 20 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बोइनपल्ली की याचिका पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी की वैधता को बोइनपल्ली द्वारा दी गयी चुनौती को खारिज कर दिया था। बोइनपल्ली ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम की धारा 19 के गैर अनुपालन के आधार पर उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। यह धारा गिरफ्तारी की प्रक्रिया से संबंधित है। बोइनपल्ली की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय के हाल के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि ईडी को आरोपी को गिरफ्तारी की वजह लिखित रूप से बताना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख पर वह इस मामले पर बोइनपल्ली की जमानत अर्जी के साथ विचार करेगी, जिसमें 11 अगस्त को नोटिस जारी किया गया था।