एकनाथ शिंदे नहीं बनेंगे सीएम, बीजेपी के आगे कर दिया सरेंडर!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं..... और चार दिन गुजर गए हैं.... लेकिन, सत्तारूढ़ महायुति नए मुख्यमंत्री का चेहरा फाइनल नहीं कर पाई है....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं….. और चार दिन गुजर गए हैं…. लेकिन, सत्तारूढ़ महायुति नए मुख्यमंत्री का चेहरा फाइनल नहीं कर पाई है…. अलांयस के तीनों सहयोगी दलों में सत्ता का संतुलन बनाए रखने के लिए लगातार मंथन चल रहा है…. वहीं अलायंस के नेता बड़ी जीत से उत्साहित हैं….. इसलिए इस बार ज्यादा जल्दबाजी के मूड में नहीं हैं…. बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि सरकार बनने के बाद किसी भी अलांयस में सबसे ज्यादा खींचतान हैवीवेट मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर होती है….. इसलिए पहले पोर्टफोलियो फाइनल किए जाने चाहिए….. उसके बाद सीएम फेस घोषित किया जाएगा…. यानी एनडीए, पहले विवादों की जड़ें खत्म करना चाहता है…. उसके बाद सरकार के चेहरे को उजागर करने में विश्वास रख रहा है…. बता दें कि शिंदे गुट एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने की मांग को लेकर अड़ा है… और आरएसएस ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने के लिए कह चुका है… जिसको लेकर बीजेपी आलाकमान कशमश की स्थिति में नजर आ रहे हैं…. आपको बता दें कि आरएसएस महाराष्ट्र से गुजरात लॉवी को खत्म करना चाहता है… पहले की तरह अब मोदी और शाह के पास निर्णय लेने का अधिकार नहीं हैं… जिसके चलते सीएम पद को लेकर चेहरा चुनना मोदी-शाह के लिए आसान नहीं है….
आपको बता दें कि अन्य राज्यों में चाहे वो मध्य प्रदेश हो या फिर राजस्थान चुनाव जीतने के बाद ही मोदी और शाह मिलकर अपने हिसाब से अपनी बात मामने वालों को सीएम पद पर आसीन कर दिए है… जिसके नामों को लेकर कोई सोंच भी नहीं सकता था… और अचानक से नए चेहरों को जनता के सामने ला दिया जाता था… लेकिन महाराष्ट्र में मोदी और शाह की नहीं चल रही है…. लेकिन बीजेपी आलाकमान शिंदे को सीएम बनाने के लिए सहमत नहीं है… बीजेपी अपने चाहने वाले को सीएम बनाने के मूड में थी… क़्योंकि दो हजार उन्नीस के चुनाव के बाद से पहली बार एक सौ बत्तीस सीटों पर बीजेपी ने चुनाव जीता है..,,, जिसको देखते हुए मोदी और शाह अपनी पसंददीदा को सीएम बनाने की जुगत में थे.,… वहीं दो हजार बाइस में बीजेपी ने जिस तरह खेल करके दो पार्टियों को तोड़कर शिंदे को सीएम बनाकर महाराष्ट्र पर कब्जा कर लिया था.,.. लेकिन इस बार एक सौ बत्तीस सीट जीतने के बाद भी मोदी और शाह चाह कर भी सीएम उम्मीदवार को फाइनल नहीं कर पा रहें हैं…. आपको बता दें कि अजित पवार पहले से ही सीएम रेस से बाहर हैं… ऐसे में सीएम पद की लड़ाई देवेंद्र फडणवीस औऱ एक नाथ शिंदे के बीच में हैं… जिसको लेकर शिंदे गुट तैयार नहीं है… शिंदे गुट एकनाथ शिंदे को ही सीएम बनाने की मांग कर रहा है…. जिसको लेकर पेच फंस गया है… और बीजेपी आलाकमाव निर्णय नहीं ले पा रहें है….
जानकारी के मुताबिक बीजेपी पार्टी किसी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहती है….. इसलिए मुख्यमंत्री के चयन में खास सतर्कता बरत रही है….. मंत्रालयों के बंटवारे में क्षेत्रीय संतुलन से लेकर जातीय समीकरणों को भी ध्यान में रखा जाएगा…. यही वजह है कि तत्काल सीएम चेहरे का ऐलान किए जाने की अपेक्षा मंत्रिमंडल गठन को प्राथमिकता दी जा रही है… आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल छब्बीस नवंबर को समाप्त हो गया है….. एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है…. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने नया सीएम बनने तक कार्यवाहक की जिम्मेदारी सौंप दी है…. अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि महायुति में अगले मुख्यमंत्री के निर्णय में देरी कर सकती है…. क्योंकि सब कुछ बीजेपी के हाथों में नहीं है… बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन ने प्रचंड जीत हासिल की है…. महायुति में बीजेपी के सबसे ज्यादा एक सौ बत्तीस उम्मीदवारों ने चुनाव जीता….. शिवसेना ने सत्तावन और एनसीपी ने इकतालीस सीटों पर जीत हासिल की….. JSS को दो और RSJP को एक सीट पर जीत मिली….. बीजेपी ने इस बार चुनाव में एक सौ उनचास उम्मीदवार उतारे थे…. जबकि शिवसेना ने इक्यासी और एनसीपी ने उनसठ प्रत्याशियों को टिकट दिया था….
जानकारी के मुताबिक, नतीजे आए चार दिन बीत गए हैं….. लेकिन सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे पर सहमति नहीं बन पाई है….. बीजेपी के एक नेता ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व को मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे का नाम घोषित करने की कोई जल्दी नहीं है…. हमने निर्णायक जनादेश हासिल कर लिया है… और अब प्राथमिकता सरकार गठन के लिए एक व्यापक योजना पर काम करने की है…. पहले मंत्री पद को अंतिम रूप देना है…. और हैवीवेट मंत्रालयों का बंटवारा करना है…. अलायंस में मंत्रालयों का बंटवारा सबसे अहम होता है…. यही मनमुटाव और विवाद की वजह बनते है…. बीजेपी के एक अन्य नेता ने रायगढ़ जिले के शिवसेना विधायक महेंद्र थोरावे के मामले का हवाला दिया….. दरअसल, थोरावे ने स्थानीय राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण एनसीपी की अदिति तटकरे को जिला संरक्षक मंत्री की जिम्मेदारी दिए जाने का विरोध किया था…. और उन्होंने कहा कि हम अब ऐसे मुद्दों का विवाद नहीं बनने देना चाहते हैं…. और इसका स्थानीय समाधान करना चाहते हैं…. इसके लिए जरूरी होगा कि अलायंस में शामिल पार्टियां एक साथ बैठें…. और आगे बढ़ने से पहले विवादित मसलों पर समाधान खोजें और सहमति बनाएं….
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में दो सौ अट्ठासी सदस्य हैं….. ऐसे में कैबिनेट और राज्य मंत्री दोनों में अधिकतम तैंतालीस मंत्री हो सकते हैं…. कुल छत्तीस जिले हैं….. ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए यह जरूरी हो जाता है कि प्रत्येक जिले को प्रतिनिधित्व मिले….. पार्टी के एक नेता ने कहा कि संसदीय सत्र शुरू हो गया है…. केंद्रीय नेतृत्व उसमें काफी व्यस्त है…. उसके बावजूद वो महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं और सहयोगी दलों के साथ बैठकें कर रहा है…. साथ ही संसद में फ्लोर मैनेजमेंट भी संभाल रहा है…. जहां तक सीएम फेस की घोषणा का सवाल है तो बीजेपी हाईकमान केंद्रीय पर्यवेक्षकों की टीम को मुंबई भेज रहा है….. ये टीम सबसे पहले सहयोगी दलों के नेताओं से मिलेगी…. उसके बाद विधायकों से रायशुमारी करेगी…. अंत में कैबिनेट फॉर्मूले को अंतिम रूप देगी…. आपसी सहमति से विधायक दल के नेता की घोषणा की जाएगी… वहीं महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना से एकनाथ शिंदे के नाम की चर्चा चल रही है…. अजित पवार पहले ही सीएम रेस से पीछे हट गए हैं…. और उन्होंने फडणवीस को पहली पसंद के तौर पर संकेत दिए हैं….
चूंकि, फडणवीस चुनावी अभियान में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरा थे….. बीजेपी की रिकॉर्ड के जीत का श्रेय भी उनके हिस्से में जा रहा है…. यही वजह है कि वे सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं…. वहीं, शिवसेना नेताओं का तर्क है कि एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम बनाया जाए…. गठबंधन में तीसरी पार्टी अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है…. NCP ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं…. पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने हाल ही में कहा है कि फडणवीस उन्हें स्वीकार्य हैं…. नवनिर्वाचित विधायकों समेत कई बीजेपी नेताओं ने भी मांग उठाई है कि फडणवीस को अगला मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए…. सीएम पद और मंत्री पद के बंटवारे पर शिवसेना सूत्रों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान ने वेट एंड वॉच की स्थिति अपना ली है…. महाराष्ट्र के लिए बीजेपी ने अब तक पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं किए हैं…. ऐसे में बीजेपी विधायक दल की बैठक पर तारीख और समय तय नहीं हुआ है…. महायुति में सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला तय होने के बाद मंत्री पद तय होंगे….
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है….. बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति से अगला मुख्यमंत्री कौन होगा…. अभी इस पर सस्पेंस बरकार है…. इस बीच शिवसेना ने दो टूक कह दिया है कि एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे…. शिवसेना का कहना है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे…. शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया…. इस बात को देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी मानते हैं…. इसलिए शिंदे मुख्यमंत्री बनने के योग्य हैं…. और उन्होंने कहा कि ये हमारी मांग है कि जो चेहरा सामने आया है…. उसे प्राथमिकता देनी चाहिए. बीजेपी अगर हमारी डिमांड पूरी करती है… तो लोगों में अच्छा मैसेज जाएगा…. वहीं अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनते है तो आने वाले चुनावों में हमें फायदा होगा…. शिंदे की वजह से ही चुनाव में महायुति को फायदा हुआ है….
बता दें कि एकनाथ शिंदे को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि शिवसेना कह चुकी है कि हम अठावले को गंभीरता से नहीं लेते…. और उन्होंने कहा कि वो रामदास अठावले हैं…. हम उनको सीरियस नहीं लेते, वो केंद्र के नेता हैं, केंद्र की राजनीति करें…. महाराष्ट्र की राजनीति कैसे करनी है वो हम अच्छे से जानते हैं…. जो लोग हमें गद्दार कहते है, वो अब घर मे बैठेंगे…. मुझे नहीं लगता एकनाथ शिंदे उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकारेंगे…. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को एकनाथ शिंदे ने राजभवन पहुंचकर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था…. और उन्होंने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की मौजूदगी में अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था…. बता दें कि MVA में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) शामिल है…. विधानसभा चुनाव में इस खेमे को बड़ा झटका लगा है…. दो सौ अट्ठासी सदस्यीय वाली विधानसभा में गठबंधन सिर्फ छियालीस सीटें ही जीत सकी है…. इसके विपरीत बीजेपी की अगुवाई में महायुति गठबंधन दो सौ तीस सीटें जीतने में कामयाब रही है…. महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी शामिल है….