चुनाव हमारा हक, भीख नहीं मांग रहे

  • उमर बोले- मुख्य चुनाव आयुक्तकहें कि नहीं करा सकते हैं चुनाव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयोग को लोगों को यह बताने की हिम्मत जुटानी चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं। श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में उमर ने कहा, मैंने बार-बार कहा है कि हम कोई भूखे-नंगे नहीं हैं कि हम घुटनों पर उतरकर भीख भीख मांगेंगे। इलेक्शन हमारा हक है।
उन्होंने कहा कि अगर जम्मू कश्मीर के लोगों का हक छीनना चाहते हैं और इससे तसल्ली मिलती है तो करें। हमारा भी आत्मसम्मान है। हम घुटने नहीं टेकेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने पिछले दौरे के दौरान स्वीकार किया था कि जम्मू-कश्मीर में एक वैक्यूम (खालीपन) है। अगर मुख्य चुनाव आयुक्त को उस वक्त वैक्यूम नजर आया तो वो वैक्यूम क्यों नहीं भर रहा है। हिम्मत से कहें कि हमारे ऊपर दबाव है और हम चुनाव नहीं करा सकते। उमर ने कहा कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है।
वहीं जी-20 करा कर हालातों के ऊपर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जम्मू कश्मीर की असलियत यहां रहने वाले जानते हैं। एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में जहां हमें 5 मिनट लगते थे, वहां आज 40 मिनट लगते हैं। लोग रो रहे हैं, बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं, कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंच पाता। मरीज एम्बुलेंस में दम तोड़ देता है।
उधर कांग्रस ने कहा कि अगर अन्य राज्यों में हर पांच साल बाद चुनाव में वोट देने का अधिकार है, तो यहां भी मिलना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष वानी ने कहा कि हम फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ है। अब, हम आम मुद्दों पर एक साथ खड़े हैं। हालांकि, कांग्रेस का घोषणापत्र एनसी और पीडीपी से पूरी तरह अलग है, इसलिए सहयोग नहीं हो सकता है।

कुछ वर्षों में हालात हुए खराब

वहीं, सेना कमांडर (चिनार कोर के जीओसी) के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि कश्मीर में भीतरी इलाकों से सेना की वापसी का समय सही नहीं है, अब्दुल्ला ने कहा कि वह जनरल से सहमत हैं, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में स्थिति खराब हुई है। हम भी कह रहे हैं कि हालात ठीक नहीं हैं। जनरल भी यही कह रहे हैं।

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