शपथ से पहले ही मध्य प्रदेश के सीएम विपक्ष के निशाने पर आए
- कांग्रेस बोली-भ्रष्टाचार में डूबें हैं मोहन यादव
- जदयू व अन्य विपक्षी दलों ने अभद्र भाषा वाले सीएम के वीडियो जारी किए
- जयराम बोले- क्या यही है पीएम मोदी की गारंटी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री अभी शपथ नहीं ले पाएं हैं पर उनपर आरोपों की झड़ी लग गई है। उनके पुराने बयानों व वीडियो के माध्यम से कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों ने उनपर जमकर हमला बोला है। उनके ऊपर हमले के बहाने मोदी भी निशाने पर आ गए हैं। यहीं नहीं बिहार में जदयू भी उन पर हमलावर है। जैसा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव को चुनकर पूरे देश को हैरान कर दिया है। मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित करने के एक दिन बाद, कांग्रेस ने मंगलवार (12 दिसंबर) को बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कि मोहन यादव पर कई गंभीर आरोप हैं। कांग्रेस के राष्टï्रीय महासचिव जयराम रमेश ने मोहन यादव के खिलाफ बड़े पैमाने पर हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्होंने उज्जैन मास्टर प्लान पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या यही राज्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी है। उधर विश्लेषकों का मानना है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के बहाने बीजेपी यूपी, बिहार, हरियाणा के यादव बाहुल्य क्षेत्रों को लोक सभा चुनावों में साधने की योजना बना रही है।
वीडियो में गाली गलौज करते नजर आ रहे हैं भावी सीएम : जयराम
जयराम रमेश ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स ( पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर कहा,चुनाव नतीजों के आठ दिन बाद बीजेपी ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना, एक ऐसा व्यक्ति जिसके खिलाफ उज्जैन मास्टरप्लान में बड़े पैमाने पर हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप हैं। उन्होंने कहा, सिंहस्थ के लिए आरक्षित 872 एकड़ जमीन में से भू-उपयोग बदलकर जमीन अलग कर दी गई। उनके कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हैं, इनमें वह गाली-गलौज करते, धमकी देते और आपत्तिजनक बयान देते नजर आ रहे हैं। रमेश ने प्रधानमंत्री के मोदी की गारंटी वाले बयान पर उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, क्या यह मध्य प्रदेश के लिए मोदी की गारंटी है? रमेश ने अपने दावों के समर्थन में एक न्यूज क्लिपिंग भी शेयर की है। आपको बता दें कि बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई ने सोमवार को मोहन यादव को राज्य का अगला मुख्यमंत्री घोषित किया है। निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद यह घोषणा की। यह निर्णय राज्य की राजधानी में पार्टी की विधायी बैठक के बाद आया।58 वर्षीय मोहन यादव तीन बार से विधायक रहे हैं, इस बार उन्होंने उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता। यादव ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2013 में जीता और 2023 सहित लगातार तीन चुनावों में विजयी रहे, अब उनके मुख्यमंत्री के तौर पर चुने जाने के बाद बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जदयू ने भी उनके पुराने वीडियो के जरिए निशाना साधा है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कल होगा शपथग्रहण
- दोनों जगह पीएम मोदी होंगे शामिल
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 13 दिसंबर बुधवार शपथग्रहण होगा और दोनों कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। मध्य प्रदेश में सुबह 11.30 बजे से मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। तीन बार के विधायक रहे मोहन यादव को मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री चुना गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ के नव नियुक्त मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दोपहर चार बजे साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित कायक्रम में शपथ ग्रहण करेंगे। मध्य प्रदेश और छत्तीगढ़ दोनों जगह शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर चल रही है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल होने जा रहे हैं।
विपक्ष के पेट में क्यों हो रहा दर्द : भाजपा
विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आने के एक हफ्ते बाद आखिरकार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव के रूप में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया। इसके बाद बीजेपी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर हमला किया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को समाज ने नहीं बल्कि पिताओं ने मुख्यमंत्री बनाया है। गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा, मध्य प्रदेश के उस समाज को बधाई जिस समाज को काफी समय से वंचित रखा गया था। प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बहुत बड़ा संदेश दिया है, जिसको लोग समझ नहीं पाए हैं। बीजेपी सांसद ने आगे कहा, ये नाम किसी ने नहीं सोचा था जो आज चर्चा का विषय बन गया है। लोग गूगल पर उनके बारे में सर्च कर रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने भी जमकर हमला करते हुए कहा, बीजेपी कैडर बेस संगठन है जहां पर किसी भी कार्यकर्ता को दायित्व सौंपा जा सकता है, ये कोई एक परिवार का दल नहीं है, किसी जाति का समूह नहीं है, जो जाति आधारित दल हैं उन सभी के पेट में दर्द हो रहा है। चाहे छत्तीसगढ़ हो या मध्य प्रदेश दोनों ही जगह पर सामान्य कार्यकर्ता को दायित्व सौंपा गया है और इससे विपक्षी दलों के पेट में जरूर दर्द हो रहा है।
राजनाथ जयपुर पहुंचे, आज मिल सकता है सीएम
- शाम को विधायक दल की बैठक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान में नए मुख्यमंत्री की घोषणा आज को हो सकती। आज शाम चार बजे भाजपा विधायक दल की बैठक जयपुर स्थित प्रदेश मुख्यालय में होगी। विधायकों को सुबह ग्यारह बजे के बाद प्रदेश मुख्यालय बुलाया गया है। वसुंधरा राजे के साथ बालकनाथ योगी गजेंद्र सिंह शेखावत दीया कुमारी जैसे नेताओं के नाम सीएम पद की रेस में आगे चल रहे हैं।दोपहर 1:30 बजे से बीजेपी के सभी नव-निर्वाचित विधायकों का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा।
भाजपा विधायक दल की बैठक शाम 4 बजे प्रदेश कार्यालय में होगी। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा ने सीएम का एलान कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या राजस्थान में भी नए चेहरे को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जाएगी। जयपुर के लिए राजनाथ सिंह रवाना हो चुके हैं। बता दें कि राज्य में वसुंधरा राजे के साथ बालकनाथ योगी, गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी, अश्विनी वैष्णव के नाम सीएम पद की रेस में हैं।
जो फैसला होगा वो सामूहिक होगा : जोगेश्वर
विधायक दल की बैठक से पहले जोगेश्वर गर्ग ने कहा जो फैसला नहीं मानेगा वो अपराधी होगा। सीएम पद को लेकर जो भी निर्णय होगा वो सामूहिक होगा।1 वहीं वसुंधरा और विधायकों की मुलाकात जारी है। उधर बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि, राजनीति संभावनाओं का खेल है, हमारे विधायक आज शाम तय करेंगे कि सीएम कौन होगा। यह राजस्थान के लिए ऐतिहासिक दिन है। राजस्थान बीजेपी प्रमुख सीपी जोशी ने विधायक दल की बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि शाम 5 बजे के बाद सीएम पद को लेकर सब कुछ साफ हो जाएगा और मैं इस रेस में नहीं हूं। वसुंधरा राजे के आवास पर विधायक काली चरण सर्राफ, बाबू सिंह राठौर और विधायक गोपाल शर्मा पहुंचे। राजनाथ सिंह समेत तीनों पर्यवेक्षक जयपुर की होटल ललित में ठहरेंगे। दोपहर के भोजन के बाद विधायकों और बड़े नेताओं से मिलेंगे।
अभी और बढ़ेंगी महुआ की मुश्किलें, अब घर भी छिनेगा
- संसद की आवास समिति का बंगला खाली करने का निर्देश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर लोकसभा से निष्कासित किए जाने के कुछ दिनों बाद, संसद की आवास समिति ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर टीएमसी नेता को अपना आधिकारिक बंगला खाली करने का निर्देश देने के लिए कहा।
जानकारी के मुताबिक महुआ मोइत्रा को 30 दिन में सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भेजा गया है। मोइत्रा को 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था, जब सदन ने अपनी आचार समिति की रिपोर्ट को अपनाया था, जिसमें उन्हें संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक व्यवसायी से उपहार और अवैध संतुष्टि स्वीकार करने का दोषी ठहराया गया था। दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर शिकायत पर शुरू की गई आचार समिति की जांच में मोइत्रा को अनैतिक आचरण और अपनी लोकसभा वेबसाइट लॉगिन क्रेडेंशियल अनधिकृत व्यक्तियों के साथ साझा करके सदन की अवमानना का दोषी पाया गया।