स्मोकिंग न करने वालों को भी हो रहा लंग्स कैंसर, नई स्टडी में हुए चौंकाने वाले खुलासे
देश में लगातार लंग कैंसर के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। कैंसर से होने वाली मौत के मामले में सबसे ज्यादा रोगी लंग कैंसर के हैं...
4PM न्यूज़ नेटवर्क: देश में लगातार लंग्स कैंसर के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। कैंसर से होने वाली मौत के मामले में सबसे ज्यादा रोगी लंग्स कैंसर के हैं। वहीं इस बीमारी को लेकर एक नई स्टडी सामने आई है जो बताती है कि कम उम्र के लोग इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। हैरान कर देने वाली बात ये है कि इन मरीजों में ज्यादातर नॉन स्मोकर्स हैं यानी जो धूम्रपान नहीं करते हैं। इसका मतलब ये है कि सिगरेट-बीड़ी न पीने वालों को भी लंग कैंसर हो रहा है। रिसर्च में पाया गया कि भारत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी फेफड़ों के कैंसर की चपेट में आ रहे हैं, जो स्मोकिंग नहीं करते हैं। एयर पॉल्यूशन भी लंग्स कैंसर की एक बड़ी वजह है।
युवाओं में बढ़ रहा कैंसर का खतरा
रिसर्च के दौरान अलग-अलग तरह के अध्ययन में पाया गया है कि किस तरह एयर पॉल्यूशन और अन्य पर्यावरणीय कारण फेफड़ों के कैंसर को बढ़ा रहा है। द लैंसेट के इक्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में पब्लिश एक रिसर्च में दक्षिण-पूर्व एशिया में उपलब्ध आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद पाया गया कि भारत में फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे ज्यादातर लोग सिगरेट-बीड़ी या किसी तरह की स्मोकिंग नहीं करते हैं।
दरअसल, इस स्टडी में 2022 की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट का हवाला देते हुए रिसर्चर ने बताया कि दुनिया के 40 सबसे प्रदूषित शहरों में से 37 दक्षिण एशिया के ही हैं। इनमें 4 अकेले भारत में हैं। इससे साबित होता है कि धुम्रपान करने से लंग्स कैंसर का खतरा दोगुना होता है, जो लोग स्मोकिंग नहीं करते, उनमें खराब हवा और कई पर्यावरणीय कारण कैंसर पैदा कर रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2022 में 81 जलवायु से जुड़ी आपदाएं देखने को मिली है। ऐसे में एशिया में जिन देशों को प्राकृतिक आपदाओं ने ज्यादा प्रभावित किया, उनमें चीन, भारत, इंडोनेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड शामिल हैं। इन देशों में साल 2020 में फेफड़ों के कैंसर के नए मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं, जो 9.65 लाख से ज्यादा हैं। कैंसर जैसी बीमारी को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है लेकिन लंग कैंसर को लेकर विशेष तौर पर सावधान रहने की जरूरत है।