सर्वदलीय डेलीगेशन में हर पार्टी को शामिल करना चाहिए था- संजय राउत

संजय राउत ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर नाराजगी जताई है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इस मुद्दे पर भी राजनीति कर रही है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः केंद्र सरकार ने पाकिस्तान और वंहा पलने वाले आतंकवाद का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भंड़ाफोड़ करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल (डेलीगेशन) का गठन किया है। इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद विभिन्न देशों का दौरा करेंगे और पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों और उसकी नापाक हरकतों को वैश्विक समुदाय के सामने उजागर करेंगे।

हालांकि, इस प्रतिनिधिमंडल में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के किसी भी सांसद को शामिल नहीं किया गया है, जिससे पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत नाराज हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर भी राजनीति कर रही है।

प्रेस कांफ्रेंस के जरिए संजय राउत ने दावा किया, “बीजेपी इस मामले में भी राजनीति कर रही है, यह ठीक नहीं है. आपको विपक्ष का समर्थन भी चाहिए और आप इस मामले में विपक्ष को तोड़ना भी चाहते हैं. यह बहुत ही गलत बात है. विपक्ष ने केवल एक मांग की थी कि कश्मीर और ऑपरेशन सिंदूर पर एक विशेष सत्र रखें, लेकिन सरकार ने वह नहीं किया. उस सत्र के बाद आपको डेलीगेशन भेजना चाहिए था, लेकिन आप अपनी मर्जी के सांसदों को भेज रहे हैं. शिवसेना यूबीटी के लोकसभा में 9 सदस्य हैं, हमसे किसी ने पूछा ही नहीं.”

संजय राउत का यह भी कहना है, “सबसे पहले सरकार को प्रतिनिधिमंडल भेजने की जरूरत नहीं थी. आप ही बताएं इसकी क्या जरूरत थी? स्पेशल सेशन के बाद ही उन्हें यह फैसला लेना चाहिए था. त्रिणमूल कांग्रेस के 34 सदस्य हैं, समाजवादी पार्टी के 40 सदस्य हैं. लालू प्रसाद यादव की पार्टी के 4-5 मेंबर्स भी हैं. आप ऑल पार्टी डेलीगेशन की बात करते हैं तो आपको हर पार्टी से सांसदों को लेना चाहिए था.”

संजय राउत ने दूसरी मांग बताते हुए कहा, “सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर में लेकर जाना चाहिए. न आप विशेष सत्र ले रहे हैं, न ही डेलीगेशन को कश्मीर लेकर जा रहे हैं, लेकिन सांसदों को विदेश घुमा रहे हैं. ये लोग वहां जाकर क्या करेंगे? इस मुद्दे का आप अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं? इजराइल और गाजा का युद्ध चल रहा है, वहां के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमारे यहां या अमेरिका में तो कोई डेलीगेशन नहीं भेजा. जेलेंस्की और पुतिन ने भी कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा, तो हम क्या कर रहे हैं?”

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