EVM से हुई छेड़छाड़? बिहार में हो रही खुलेआम वोट चोरी?
क्या बिहार में वोटिंग के बाद से वोट चोरी का खेल शुरू हो चुका है? क्या रात के अंधेरे में कैमरा बंद करके ईवीएम से छेड़छाड़ की जा रही है? क्या चुनाव के अधिकारी कोई बड़ी गड़बड़ी करने की फिराक में हैं?

4पीएम न्यूज नेटवर्क: क्या बिहार में वोटिंग के बाद से वोट चोरी का खेल शुरू हो चुका है? क्या रात के अंधेरे में कैमरा बंद करके ईवीएम से छेड़छाड़ की जा रही है?
क्या चुनाव के अधिकारी कोई बड़ी गड़बड़ी करने की फिराक में हैं? जब से बिहार चुनाव में पहले चरण की वोटिंग खत्म हुई है, वोट चोरी का खेल शुरू हो गया है। कभी अचानक स्ट्रॉग रूम का कैमरा बंद हो जाता है, तो कभी टीवी ही ब्लैक हो जाता, कभी अवैध गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाती है, तो कभी जमीन पर वीवीपैट से निकली सैकड़ों पर्चियां मिलती है। लेकिन अब तो हद ही हो गई है। क्योंकि एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें कुछ ऐसा देखने को मिला है जिससे विपक्षी पार्टियों के लिए खतरे की घंटी बज गई है।
जिसने चुनाव आयोग की मिलीभगत से वोट चोरी का शक और गहरा दिया है। तो ऐसा क्या सामने आया है इस सीसीटीवी फुटेज में और पिछले 72 घंटो में ऐसा क्या-क्या हुआ जिससे वोट चोकी का शक और बढ़ गया है , सब बताएंगे आपको इस वीडियो में। साथ ही आपको उस घटना के बारे में भी बताएंगें जिसको लेकर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना पड़ गया है और अपने अधिकारियों को सस्पेंड करके उनपर एफआईआर दर्ज करनी पड़ गई है। तो अंत तक बने रहिएगा हमीरे साथ।
तो दोस्तों आपने अब तक उस घटना के बारे में सुना ही होगा जहां पहले चरण की वोटिंग की पहली ही रात अचानक से स्ट्रॉग रूम का सीसीटीवी फुटेज ही टीवी पर दिखना बंद हो गया था। अगर नही सुनी तो आपको बता दें कि रातों रात वैशाली जिले के हाजीपुर स्थित स्ट्रांग रूम में बारी-बारी से विभिन्न विधानसभाओं का सीसीटीवी बंद करने का आरोप लगा था। इसको लेकर राजद के कार्यकर्ताओं ने एक वीडियो भी जारी किया था।
अब देखिए जैसे ही ये वीडियो सामने आई सारी विपक्षी पार्टियां एक्टिव हो गईं और चुनाव आयोग को टैग करके सवाल पूछने लगी। लेकिन ऐसा समझिये कि ये तो बस शुरूआत थी, अभी तो ऐसी कई और घटनाएं सामने आने वाली थी। इसके बाद खबर आई कि समस्तीपुर से जहाँ के स्ट्रॉंग रूम में CCTV कैमरा आधे घंटा बंद रहता है। सोचिए आधे घंटे में क्या क्या हो सकता है। वहां सीसीटीवी पर नजर गड़ाकर बैठने वाले एजेंटों ने जब हंगामा किया तो वहां मौजूद अधिकारी बहाने मारने लगे। कभी कहा गया कि बिजली कट गई है तो कभी बताया गया कि बैटरी डाउन हो गया है या TV स्लीप मोड में चला गया है। सोचिए लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए चुनाव आयोग से एक जेनरेटर की भी व्यवस्था नहीं कर पाया और बाते करता है वन नेशन वन इलेक्शन कराने की। अब देखिए ठीक ऐसा ही मामला सामने आया नालंदा जिले में जहां EVM के कैमरे आधे घंटे तक बंद रहे। जिसके बाद भारी हंगामा हुआ, तब जाके फिर से कैमरे चालू हो गए।
इस वीडियो को आरजेडी ने अपने ऑफिशयल एक्स हैंडल से शेयर करते हुए आरोप लगाया कि हर बार कैमरे बंद होने के पहले उस क्षेत्र में अवैध गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाती है। और हर बार इसी तरह के फालतू बहाने बनाए जाते हैं। इसको लेकर चुनाव आयोग से सवाल भी पूछा। अब देखिए एक ओर तो कैमरा बंद होने और अचानक से टीवी ब्लैंक होमे की खबरे सामने आ रही थीं उसी बीच स्ट्रॉग रूम का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया जिसमे विपक्षी पार्टियों कोहिला कर रख दिया। इस वीडियो में साफतौर पर कुछ संदिग्ध लोग स्ट्रॉग रूम के इर्द गिर्द घूमते दिखाई दे रहे हैं। ये वीडियो बिहार के समस्तीपुर की मोहिउद्दीन नगर विधानसभा के स्ट्रांग रूम का बताया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को आरजेडी प्रवक्ता प्रियंका भारती ने भी शेयर करते हुए दावा किया कुछ संदिग्ध लोग स्ट्रांग रूम में घुसते गुए दिखाई दे रहे हैं। इसको लेकर उन्होनें चुनाव आयोग से सवाल उठाते हुए कहा कि स्थिति स्पष्ट करे कि ब्रजगृह के अंदर ये संदिग्ध लोग कौन थे और क्या कर रहे थे? जिसके बाद समस्तीपुर जिला प्रशासन की तरफ से जवाब आया कि स्ट्रॉग रूम का चक्कर काटते ये लोग जिला एवं सूचना विज्ञान पदाधिकारी DIO NIC समस्तीपुर हैं, जिनके द्वारा मतगणना की तैयारी के मद्देनजर इंटरनेट जैसी सुविधाओं को लगाने के लिए निरीक्षण किया जा रहा था।
ऐसे में ये सवाल उठता हालांकि क्या इस निरीक्षण की जानकारी क्या पहले से वहां मौजूद एजेंटों को नहीं दी जा सकती थी। क्या इसको लेकर विपक्षी पार्टियों को सूचना नहीं दी जानी चाहिए ताकि उनका चुनाव आयोग के प्रति थोड़ा विश्वास बढ़े? अब सोचिए क्यों किसी का चुनाव आयोग के प्रति विश्वास पैदा होगा जब भारी संख्या में EVM से निकलने वाली VVPAT पर्चियां फेंकी हुई जमाीन पर मिलेगी। जी हां, सोचिए वोटिंग के दो दिन बाद समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर भारी संख्या में EVM से निकलने वाली VVPAT पर्चियां फेंकी हुई मिली थी, जिसको लेकर कई सवाल खड़े हुए।
इस घटना के सामने आने के बाद जब विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर दबाव बनाया तब जाकर मजबूरन चुनाव आयोग को एक्शन लेना पड़ा और उसे जांच के आदेश देने पड़े। जिसके बाद संबंधित सहायक निर्वाचन अधिकारी यानि एआरओ को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि चुनाव आयोग ने ये माना है कि उसके अधिकारियों ने लापरवाही की है।
अब सोचिए अगर विपक्ष इसको लेकर सवाल न उठाता या इसकी वीडियो सामने नहीं आती तो त्या चुनाव आयोग कोई कार्रावाई करता? क्या कैमरो का बार बार बंद हो जाना, बिना जानकारी के संदिग्ध लोगों का स्ट्रॉग रूम के आसपास घूमना, अवैध गाड़ियों की आवाजाही, VVPAT पर्चियों का ऐसा मिलना, क्या ये सब चुनाव आयोग की गलतियां हैं या फिर कोई सुनियोजित घटनाएं हैं? क्या इनसे चुनाव के नतीजों पर सीधा असर पड़ेगा या नहीं? सोचिए, आप अपने घर और दुकानों पर जो सीसीटीवी लगाते हैं वो तक चुनाव आयोग के इन कैमरों से अच्छे होते हैं जो 24*7 बिना किसी रुकावट के चलते हैं और आपके घरों और दुकानों की हिफाजत करते हैं । लेकिन यहां लोकतंत्र की हिफाजत में लगाये गए कैमरे हर थोड़ी देर में बंद हुए जा रहे हैं। सारी घटनाएं सिर्फ संयोग नहीं लगतीं बल्कि कोई गहरा खेल चल रहा है। ये सब मिलकर चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करते हैं।



