कर्नाटक चुनाव में भाजपा पर परिवारवाद हावी
नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 189 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। इस पहली लिस्ट में बीजेपी ने ऐसे कई उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जो किसी बड़े नेता के रिश्तेदार हैं। उधर, पहली लिस्ट जारी होते ही बीजेपी में रिजाइन देने का सिलसिला शुरू हो गया है। पूर्व डीप्टी सीएम और एमएलसी ने इस्तीफे देने का ऐलान किया है।
बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों पर मेहरबान बीजेपी ने पार्टी ने शिकारीपुरा से कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजेंद्र को टिकट दिया है। वहीं, विजयनगर से आनंद सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह को टिकट दिया गया है। इसके अलावा हुक्केरी से बीजेपी ने स्व। उमेश कट्टी के बेटे निखिल कट्टी को टिकट दिया। वहीं, सौंदत्ती यल्लमा से स्वर्गीय विश्वनाथ मामानी की पत्नी रत्ना ममानी को टिकट दिया गया है।
वहीं, अगर नजदीकी रिश्तेदारों की बात करें तो रमेश कट्टी और उनके भतीजे निखिल कट्टी चुनाव लड़ रहे हैं। रमेश जरकिहोली और उनके चचेरे भाई बालाचंद्र जरकिहिली चुनाव लड़ रहे हैं। अक्सर बीजेपी वंशवाद को लेकर विपक्षी पार्टियों को निशाना साधते रही है लेकिन इस बंटवारे के बाद वह खुद सवालों के घेरे में आ गई है। पहली लिस्ट में बीजेपी ने 52 नए चेहरों को टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने छह महिलाओं को भी टिकट दिया है। वहीं, कई ऐसे चेहरे भी, जिन्हें टिकट की उम्मीद थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
इसमें पहला नाम है पूर्व डिप्टी सीएम और एमएलसी लक्ष्मण सावदी का। अठानी विधानसभा सीट से टिकट न मिलने से नाराज सावदी ने बुधवार को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह 13 अप्रैल को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर फैसला करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि सावदी गुरुवार को किसी अन्य पार्टी का दामन थाम सकते हैं।
सावदी बीएस येदियुरप्पा के काफी करीबी माने जाते हैं। उन्हें येदियुरप्पा के बाद सबसे मजबूत लिंगायत नेताओं में से एक माना जाता था। वह 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार महेश कुमटहल्ली से हार गए थे।
बता दें कि 189 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में बीजेपी ने कई आईएएस-आईपीएस और पीएचडी होल्डर्स को टिकट दिया है। इसके अलावा बीजेपी ने ओबीसी समुदाय के 32, एसी समुदाय से 30, एसटी समुदाय से 16 उम्मीदवारों को टिकट दिया। वहीं, इस लिस्ट में 31 पीएचडी और 31 वो उम्मीदवार शामिल हैं, जो पोस्ट ग्रेजुएट हैं।