दिल्ली कूच के लिए किसान जेसीबी-पोकलेन लाए, हरियाणा में चिंता; पंजाब के डीजीपी ने दिए रोकने के आदेश
नई दिल्ली। 21 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए किसानों ने शंभू सीमा पर तैयारी कर ली हैं। मंगलवार को पंजाब की ओर से युवा किसान जेसीबी और पोकलेन मशीन लेकर पहुंच गए हैं। ट्रैक्टर मार्च के बीच में इन मशीनों को लाया गया, जिससे कोई रास्ते में रोक न सके।
वहीं हरियाणा के डीजीपी द्वारा पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखने के बाद पंजाब के डीजीपी ने खनौरी और शंभू में पंजाब-हरियाणा सीमा की ओर जेसीबी, पोकलेन, टिपर, हाइड्रा और अन्य भारी मिट्टी हटाने वाले उपकरणों की आवाजाही को रोकने का आदेश दिया है।
डीजीपी पंजाब के निर्देशों पर किसानों को शंभू बॉर्डर की तरफ भारी वाहन और जेसीबी ले जाते समय रोकने के दौरान शंभू थाना के एसएचओ और एक अन्य अधिकारी जख्मी हो गए हैं। पटियाला शंभू थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर अमन पाल सिंह विर्क और मोहाली के एसपी जगविंदर सिंह चीमा जख्मी हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में दाखिल करवाया है। अधिकारियों ने शंभू बॉर्डर से करीब 5 किलोमीटर पहले नाकाबंदी की हुई थी, जहां पर यह वाक्या हुआ है। थाना प्रभारी अमनपाल सिंह विर्क के घुटनों पर चोट आई है।
केंद्र ने अनुमान लगाया है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों के अलावा छोटे वाहनों के साथ लगभग 14,000 लोग एकत्र हुए हैं और इसके लिए पंजाब सरकार को अपनी कड़ी आपत्ति से अवगत कराया गया है। पंजाब सरकार को भेजे एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति चिंता का विषय है और उसने कानून तोडऩे वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
इससे पहले डीजीपी हरियाणा ने पंजाब डीजीपी को पत्र लिखा था, इसमें किसान आंदोलन में पोकलेन मशीन और जेसीबी मशीनों को जब्त करने को कहा गया था। बेरिगेड पर तैनात फोर्स की सुरक्षा का हवाला दिया गया है।
किसान नेताओं ने सरकार को बुधवार 11 बजे तक का समय दिया है, अगर तब तक बात नहीं बनी तो किसान कूच करेंगे। युवाओं में दिल्ली कूच के लिए उत्साह नजर आ रहा है। एक तरफ जहां किसान शंभू सीमा पर बैरिकेडिंग तोडऩे की तैयारी कर रहे हैं वहीं, अन्य किसान शांतिपूर्ण तरीके से किसान नेताओं को सुनते नजर आए।
इतना ही नहीं किसान ऐसी मशीनें लेकर पहुंचे हैं, जो बख्तरबंद हैं। इन पर गोलियों और आंसू गैस के गोलों का कोई असर नहीं होगा। इन्हें पंक्चर भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि पोकलेन चेन से चलती है, जिसपर से टैंक चलते हैं।
हरियाणा की ओर से भी किसानों को एकत्रित होने की अपील की गई है। इसके लिए किसान नेताओं ने वीडियो भी जारी किया है। किसानों की तैयारियों के लिए पुलिस के पास इनपुट पहुंच गया है। किसानों की तैयारियों को फेल करने के लिए रात्रि को पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
जत्थेबंदियों ने दिल्ली कूच की स्थिति बनने पर पहले ही तैयारी की है। 50 युवाओं को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। जो बेरिकेडिंग तोडऩे की जिम्मेदारी संभालेंगे। सभी को अपनी-अपनी ड्यूटी दी गई है। इसमें कोई ट्रैक्टर चलाएगा तो कोई बैरिकेडिंग तोडऩे का काम करेगा। कोई रेत की बोरियों की ट्रालियों को आगे लेकर आएगा। इसी प्रकार आंसू गैस के गोलों का प्रभाव कम करने को युवाओं के हाथों में गीली बोरियां भी होंगे।
अभी तक जिस प्रकार की तैयारियां नजर आ रही हैं उससे संभावना बन रही है कि किसान घग्गर के पुल पर बने हरियाणा पुलिस के बैरिकेडिंग को पोकलेन से तोडऩे के बाद बोरियों को बैरिकेडिंग के ऊपर डालकर फिर आगे अंबाला की तरफ बढ़ सकते हैं। हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि घग्गर नदी का रास्ता भी खुला है।