पंजाब-हरियाणा में बाढ़ से त्राहिमाम मच गया सियासी संग्राम
पीएम केदौरे को लेकर आप-कांग्रेस-शिअद ने भाजपा को घेरा

पंजाब के लिए 60 हजार करोड़ और राहत पैकेज दे प्रधानमंत्री : संजय सिंह
बोले आप नेता- केंद्रीय कृषि मंत्री पंजाब आए और केवल फोटो खिंचवाकर लौट गए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पंजाब व हरियाणा में बाढ़ से हालात बदतर है। इस बीच पीएम के पंजाब दौरे को लेकर सियासी संग्राम भी मचा हुआ है। आप, कांग्रेस, शिअद ने भाजपा सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित पंजाब का दौरा करने जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ा राहत पैकेज जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ से बड़े स्तर पर फसलों, मकानों, दुकानों और मवेशियों का नुकसान हुआ है। ऐसे में केंद्र सरकार को पंजाब के लिए 60 हजार करोड़ रुपये और तत्काल 20 हजार करोड़ का राहत पैकेज जारी करना चाहिए। संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार, उसके मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता दिन-रात बाढ़ पीडि़तों की सेवा में जुटे हैं। लेकिन केंद्र का रवैया बेहद निराशाजनक है। केंद्रीय कृषि मंत्री पंजाब आए और केवल फोटो खिंचवाकर लौट गए। मदद देने के बजाय उन्होंने सिर्फ रिपोर्ट सौंपने की बात कही। अब जबकि प्रधानमंत्री मोदी खुद पंजाब आ रहे हैं, तो उम्मीद है कि यह दौरा सिर्फ औपचारिकता नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बीमार होने के बावजूद लगातार बाढ़ प्रभावितों के हालात पर नजर रखे हुए हैं और कैबिनेट मीटिंग कर राहत घोषणाएं की हैं। संजय सिंह ने कहा कि पंजाब के हक का जीएसटी और रूरल डेवलपमेंट फंड का 60 हजार करोड़ रुपये केंद्र के पास बकाया है। केंद्र की जिम्मेदारी है कि पंजाब को इस मुश्किल घड़ी में मदद दे। आप नेता ने कहा कि वे खुद अजनाला, पठानकोट, सुल्तानपुर और फाजिल्का जैसे इलाकों में बाढ़ का जायजा ले चुके हैं जहां हालात बेहद गंभीर हैं।संजय सिंह ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आपदा के समय किसी राज्य के साथ सौतेला व्यवहार लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है। प्रधानमंत्री को अब रिपोर्ट नहीं, बल्कि राहत पैकेज का एलान करना चाहिए।

पंजाब में त्रासदी, एनडीए सरकार ने मदद नहीं की
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है। पार्टी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि जब पंजाब इस त्रासदी से जूझ रहा है, देश में उपराष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है। पंजाब के लोग राज्य सरकार और केंद्र सरकार से बेहद परेशान और नाराज हैं, क्योंकि न तो पंजाब सरकार और न ही केंद्र सरकार उनकी मदद के लिए आगे आई है।
शिरोमणि अकाली दल पंजाब के लोगों की भावनाओं और आवाज का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए पार्टी ने उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। पंजाब और पंजाबी हमेशा राष्ट्र के साथ खड़े रहे हैं। जब भी और जहां भी कोई संकट आया है लेकिन आज पंजाबियों को अभूतपूर्व बाढ़ के कारण स्वयं एक बहुत ही गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। राज्य का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है और घर और फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल बठिंडा से शिअद की एकमात्र सांसद हैं। शिअद की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार पंजाबियों की किसी भी तरह से मदद के लिए आगे आई है। इस संकट से आम तौर पर पंजाबी और खासकर सिख, राज्य या केंद्र की किसी भी मदद के बिना लड़ रहे हैं। राज्य के ग्रामीण युवा गुरु साहिबान की कृपा और प्रेरणा से प्रेरित होकर धार्मिक समर्पण की भावना से बाढ़ के खिलाफ इस लड़ाई में सबसे आगे हैं।
सुरजेवाला ने नायब सैनी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल
रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा में बाढ़ और जलभराव के लिए नायब सैनी सरकार की अक्षमता व निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने दावा किया कि भारी मानसूनी बारिश की पूर्व चेतावनी के बावजूद सरकार समय पर कदम उठाने में विफल रही, जिससे व्यापक क्षति हुई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को कहा कि हरियाणा के कई हिस्सों में बाढ़ और जलभराव केवल प्रकृति के प्रकोप का नतीजा नहीं है, बल्कि इसके पीछे नायब सिंह सैनी सरकार की अक्षमता और निष्क्रियता भी है। उन्होंने दावा किया कि भारी मानसूनी बारिश के चलते पूर्व चेतावनी के बावजूद समय रहते कदम नहीं उठाए गए। पिछले कुछ दिनों में हरियाणा के कई बाढ़ प्रभावित और जलभराव वाले इलाकों का दौरा करने वाले सुरजेवाला ने कहा, बाढ़ और जलभराव का कारण केवल प्रकृति का प्रकोप नहीं है, बल्कि यह नायब सैनी सरकार की अक्षमता और निष्क्रियता का भी नतीजा है। उन्होंने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, हर साल मानसून आने से पहले बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठकें होती हैं, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेते हैं। जिलों में हर कोई जानता है कि नालों की स्थिति क्या है, कौन से इलाके जलभराव की चपेट में हैं और किन नदियों के किनारे किन तटबंधों को मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब हरियाणा के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं और 11 शहर तथा 72 कस्बे बाढ़ की चपेट में हैं, जबकि हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और फसलें नष्ट हो गई हैं। कांग्रेस महासचिव और हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा, ”तटबंधों को मजबूत नहीं किया गया, नालों, नहरों, नदियों की सफाई या गाद निकालने का काम नहीं किया गया, पंपिंग सेट की व्यवस्था नहीं की गई, जल निकासी प्रणालियों की सफाई नहीं की गई, कोई मॉक ड्रिल नहीं की गई…ÓÓ उन्होंने कहा, ”अब सरकार की अक्षमता और निष्क्रियता की वास्तविकता जनता के सामने है।
जनता के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे : केजरीवाल
जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक को अस्पताल की मांग करने पर गिरफ्तार किए जाने की कार्रवाई को पार्टी ने मोदी सरकार की तानाशाही करार दिया है। आप ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है। जनता की जायज मांग को दबाने के लिए विपक्षी नेताओं को टारगेट बना रही है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या जनता के लिए अस्पताल मांगना गुनाह है। जेल, धमकियां और साजिशें हमें कभी डरा नहीं सकतीं। हम जनता के हक की लड़ाई हमेशा लड़ेंगे। आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि सत्ता की भूख में डूबी मोदी-शाह सरकार की यह खुली तानाशाही है, जहां जनता के हक की आवाज उठाने वालों को खतरा समझा जा रहा है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मेहराज मालिक संघर्षशील नेता हैं और जनता की आवाज दबाने के लिए की गई यह कायराना कार्रवाई भाजपा सरकार का चेहरा उजागर करती है।
अपने ही पार्षद से नाराज हुर्ईं महापौर
नगर निगम सदन में कई प्रस्ताव पर हुई चर्चा
मोंटी का हंगामा, सदन से किया वॉक आउट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। महापौर सुषमा खर्कवाल और पार्षद के बीच जमकर बहस हुईं। महापौर पर भड़के पार्षद ने सदन से किया वॉक आउट कर दिया। पार्षद का कहना है उन्होंने तीन सवाल किए थे लेकिन उसका जवाब नहीं दिया गया भाजपा पार्षद मुकेश सिंह उर्फ मोंटी ने महापौर पर सदन में कई गंभीर आरोप लगाए । मोंटी का कहना है महापौर अपना पर्सनल काम कर रही हैं
वह कहती फिरती हैं की जनता का काम कर रहे हैं । लाइटों के टेंडर और नगर निगम की जमीनों को लेकर भी मोंटी ने बताया सब कुछ बेच दिया है जो कुछ बचा है नगर निगम में वो भी एक दिन बेच दिया जाएगा।
मौलवी गंज से बीजेपी के पार्षद हैं मुकेश सिंह मोंटी नगर निगम में वेतन मान और स्थायीकरण को लेकर जमकर हंगामा।
सदन में पार्षदों ने अधिकारियों के खिलाफ खोला मोर्चा बीजेपी पार्षदों ने कर्मचारियों के उत्पीडऩ पर अधिकारियों को घेरा 30 साल नौकरी करने वाले कर्मचारी रिटायर्ड हो गए लेकिन स्थायीकरण नही हुआ। सैनेट्री सुपरवाइजर बृजेश कुमार के स्थायीकरण न होने को लेकर पार्षद नाराज़ थे। महापौर ने बीजेपी पार्षदों के विरोध को देखते हुए जांच बिठाई है। पार्षदों का कहना है अधिकारी अपने चहेते कर्मचारियों का वेतन बढ़ा देते हैं लेकिन अन्य कर्मचारियों को नजऱ अंदाज किया जाता है पार्षदों का कहना है 18000 सामान्य वेतन अस्थायी कर्मियों का होना चाहिए।
कांग्रेस पार्षद ने एनओसी का मुद्दा सदन में उठाया
लेट लतीफी को लेकर कांग्रेस पार्षद मुकेश चौहान ने मुद्दा उठाया। एलडीए वीसी के जारी पत्र पर भी जताई आपत्ति पत्र का हवाला देते हुए पार्षद मुकेश चौहान ने कहा एलडीए वीसी के पत्र के हिसाब से अब नगर निगम की सम्पत्ति की एनओसी नगर निगम से नही लेनी होगी।
कुल्लू में फिर अचानक भूस्खलन से बड़ी तबाही
शर्मानी गांव में 5 लोग लापता, शव बरामद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक बार फिर से भूस्खलन से भारी तबाही मची है. आनी विकास खंड निरमंड की ग्राम पंचायत घाटू के शर्मानी गांव में मंगलवार (9 सितंबर) की सुबह लगभग 2.00 बजे अचानक भूस्खलन हो गया।
ग्राम पंचायत प्रधान भोगा राम ने इसकी पुष्टि की है। अब तक मिल सकी जानकारी के अनुसार, इस हादसे में एक ही परिवार के 5 सदस्य लापता बताए जा रहे हैं, जबकि घटनास्थल से एक शव बरामद हुआ है। गांव में दहशत का माहौल है और लोग पूरी तरह सहमे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दी गई है और राहत बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हालात और भी गंभीर बने हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर शरण लें और सतर्क रहें। हादसा देर रात हुआ, जिस समय सब घरों में सो रहे थे। भूस्खलन के बाद कई लोग मलबे में दब गए, जिन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है। घायलों को नजदीकी निरमंड अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है. वहीं, अभी भी पांच लोग लापता हैं। उनकी तलाश में सर्च ऑपरेशन चल रहा है।
पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं।
नेपाल में और उग्र हुआ विद्रोह!
राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
सेना ने 6 मंत्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। मंगलवार (9 सितंबर) को केपी ओली सरकार के 9 मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इन मंत्रियों ने इस्तीफा देने का कारण सरकार की नीतियों और सोमवार को सोशल मीडिया बैन को लेकर हुई हिंसक जेन जेड-प्रदर्शन के दौरान सरकारी कार्रवाई को बताया है।
उधर, नेपाल के बीरगंज में नेपाल सरकार के कानून मंत्री अजय कुमार चौरसिया का भी घर जला दिया गया है। इससे पहल राष्ट्रपति भवन में आग लगाने की खबर है। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में मुख्य रूप से कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और सूचना मंत्रालय से जुड़े नाम शामिल हैं। उनका कहना है कि सरकार ने नागरिकों की आवाज को दबाने और लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान न करने के कारण ये कदम उठाया। साथ ही उप-प्रधानमंत्री ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा इस बात का संकेत है कि राजनीतिक असंतोष केवल कांग्रेस के भीतर ही नहीं, बल्कि सरकार के शीर्ष स्तर तक फैल गया है।
नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध को लेकर भड़के विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने सोमवार (8 सितंबर) को अपना फैसला वापस ले लिया।
भारत ने दी नेपाल को एहतियात बरतने की सलाह
भारत सरकार ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नेपाल को एहतियात बरतने की सलाह दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि नई दिल्ली ने हालातों पर बारीकी से नजर बना रखी है। हम नेपाल के सभी नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील करते हैं।
नेपाल के पीएम केपी ओली ने दिया इस्तीफा
नेपाल में सोशल मीडिया बैन और सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे त्रद्गठ्ठर्-ं प्रदर्शनकारियों के आगे सरकार झुक गई है। पहले नेपाल के गृह मंत्री, कृषि मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने इस्तीफा दिया और अब नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है।



