भगोड़े आईपीएस मणिलाल विजिलेंस जांच में दोषी, एफआईआर के आदेश

थानेदारों के जरिए वसूली रैकेट चलाता था पाटीदार


4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। महोबा के कारोबारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में फरार चल रहे 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार विजिलेंस जांच में भी दोषी पाए गये है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 सितंबर 2020 को महोबा कांड के बाद मणिलाल पाटीदार की चल-अचल संपत्तियों की जांच के आदेश विजिलेंस को दिए थे।
विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि पाटीदार थानेदारों के जरिए वसूली का रैकेट चलाता था, जिससे तमाम अवैध धन अर्जित करते हुए संपत्तियों में निवेश किया था। विजिलेंस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी जिसे सीएम योगी ने मंजूरी प्रदान कर दी है। विजिलेंस जांच में सामने आया कि महोबा में थानेदारों की पोस्टिंग में जमकर लेन-देन हुआ। वसूली को लेकर मणिलाल पाटीदार ने थानेदारों को कई बार हटाया और तैनात किया।
थाना प्रभारियों की तैनाती को लेकर डीजीपी मुख्यालय के निर्देशों तक का भी पालन नहीं किया गया। वहीं, पैसा देकर थानेदारों की पोस्टिंग होने के बाद जिले में मातहत पुलिसकर्मियों ने जमकर वसूली की और लोगों को प्रताडि़त किया। विजिलेंस ने आईपीएस मणिलाल पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने की शासन से मंजूरी मांगी थी, जिसे मुख्यमंत्री दफ्तर ने मंजूर कर लिया है। जल्द मणि लाल पाटीदार पर विजिलेंस की तरफ से एफआईआर दर्ज होगी।

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