तानाशाही फरमान को भारी चोट, 4PM पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश से पलटी सरकार

लिया बैन का आदेश वापस

  • वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के साथ मोहम्मद हैदर और तल्हा ने भी बहस की
  • भारत सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में दिया हलफनामा
  • 4PM नेशलन न्यूज चैलन को पूर्ण राहत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। आखिरकार भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर साफ कर दिया है कि उसने जो 4पीएम न्यूज यूट्यूब चैनल पर पाबंदी लगाई थी उसे हटा लिया है। गौरतलब है कि लाखों दिलों पर राज करने वाले 4पीएम न्यूज यूट्यूब चैनल को सरकार ने बिना किसी नोटिस और पूर्व सूचना के यूट्यूब से हटवा दिया था। संपादक संजय शर्मा ने इस जीत को हवा का ठंडा झोका बताया है और खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि जनहित के मुददों पर चैनल पूर्व स्टैंड पर डटा रहेगा और किसी भी उत्पीडऩात्मक कार्रवाई का डट कर मुकाबला करेगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि यूट्यूब चैनल 4पीएम नेशनल चैनल पर लगाई गई पाबंदी हटा ली गई है। सरकार की ओर से यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दी गई। इससे पहले 4पीएम नेशनल चैनल पर कुछ समय पहले प्रतिबंध लगाया गया था, जिसके खिलाफ याचिका दाखिल कर इस रोक को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया था कि यह कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि पुनर्विचार के बाद 4पीएम नेशनल चैनल पर से प्रतिबंध हटा लिया गया है, और अब फिर से 4पीएम नेशनल चैनल सक्रिय हो गया है।

कपिल सिब्बल का मिला साथ

संजय शर्मा ने कहा कि इसी हिम्मत के साथ मैं सुप्रीम कोर्ट चला गया। मेरे साथ देश के सबसे बड़े वकील कपिल सिब्बल खड़े हो गये। कपिल सिब्बल के साथ ने भक्तों का जैसे चैन छीन लिया। उनके पेट में बहुत ज़ोर से दर्द हुआ। वे सोशल मीडिया पर मुझे डिस्क्रेडिट करने में जुट गये कि मैं कपिल सिब्बल की फ़ीस कैसे चुका सकता हूं! भक्तों के अरमान हैं कि सरकार किसी पर कोई कार्रवाई करे और पीडि़त पक्ष कोर्ट तक न पहुंच पाये। लेकिन ऐसे पीडि़तों के साथ कपिल सिब्बल जैसे वकील को देख कर भक्तों की हालत बहुत ज़्यादा खऱाब हो जाती है।

4PM के बैन को पूरे देश ने बताया था गलत

देश के सबसे लोकप्रिय यूट्यूब चैनल 4 पीएम के बैन के दूसरे दिन भी उसके समर्थन में पूरे देश से आम लोगों के साथ खास ने भी आवाज बुलंद की। सपा, राजद, कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी जैसे राजनीतिक दलों के साथ कई वरिष्ठïïजनों, शिक्षाविदों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चैनल पर बैन को गलत बताया। पत्रकार जगत के पुण्य प्रसून बाजपेई, रवीश कुमार व अजित अंजुम ने भी सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाया था। जनता का मूड, जनता के मुद्दे और जनता की आवाज बन हमने संविधान प्रहरी का काम किया। 4पीएम की यही बात सरकार को अखर गयी और उसने आवाज पर ताला लागने की नीयत से चैनल को बंद कर दिया। बाहरहाल जनता का जनसमर्थन, सामाजिक संगठनों की आवाज और राजनीतिक व्यक्तियों का साथ 4पीएम की ऐसी ताकत बना कि सरकार को बैकफुट पर जाना ही पड़ा।

न्यायालय को अवगत कराया

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार ने 4पीएम नेशनल चैनल यूट्यूब चैनल के खिलाफ पारित रोक आदेश वापस ले लिया। चैनल के संपादक संजय शर्मा का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ को पूरे मामले के बारे में अवगत कराया। एक हफ्ते पहले जब 4पीएम न्यूज यूटयूब चैनल ने सुप्रीम कोर्ट में इस दमानात्मक कार्रवाई के विरूद्ध संघर्ष का बिगुल बजाया था तो विश्व के कोने—कोने से सोशल मीडिया के माध्यम से उसके पक्ष में आवाज बुलंद हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वकील कपिल सिब्बल ने 4पीएम न्यूज यूटयूब चैनल का पक्ष कोर्ट में रखा और दलीलें प्रस्तुत की। कोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने का एक हफ्ते का समय दिया था।

मैं तटस्थ रहा : संजय शर्मा

संपादक संजय शर्मा ने कहा कि सरकार ने यूट्यूब से कह कर 4पीएम को बैन करवा दिया। हमारे तमाम साथी परेशान हो गये लेकिन चूंकि ऐसी परिस्थितियां मेरी जिंदगी में बार-बार आती रही हैं, मैं तटस्थ रहा। साथियों को हौसला देता रहा कि क्योंकि हम सच की राह पर हैं, तो हमें घबराने की ज़रूरत नहीं है। 4पीएम नेशनल चैनल के बंद होने पर 4पीएम के रीजऩल चैनल्स पर हम सरकार की इस कार्रवाई को ललकारते रहे। दोगुनी आवाज़ में सवाल पूछते रहे। मैंने साफ़ कर दिया था कि हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं। भले चौराहे पर खड़े होकर ख़बर बतानी पड़े। भले 4पीएम के बाक़ी रीजऩल चैनल भी बैन कर दिए जाएं।

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