राजीव शुक्ला का बड़ा बयान, कहा- तुर्की में डेस्टिनेशन वेडिंग क्यों?

वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था, पर लिखा कि “सच कहूँ तो हमें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि तुर्की सुरक्षित है या नहीं और तुर्की पर्यटकों का स्वागत करता है या नहीं.”

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत औऱ तुर्की के रिश्ते कभी भी गर्मजोशी वाले नहीं रहे हैं. पर हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान तुर्की ने जिस तरह से पाकिस्तान की मदद की या फिर उनसे हमदर्दी जताई, वो भारत में बहुत से लोगों को रास नहीं आया. आम से लेकर खास लोगों ने सोशल मीडिया पर तुर्की के खिलाफ जंग छेड़ दिया है.

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया. इसे ऑपरेशन सिंदूर कहा गया. भारतीय सशस्त्र बलों के साझा अभियान का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने जिन ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, वो तुर्की के थे. सिर्फ इतना ही नहीं, तुर्की ने इस पूरे तनाव के दौरान पाकिस्तान का कई मायनों में खुलकर साथ दिया. पहलगाम आतंकी हमले के बाद तुर्की के राष्ट्रपति ने भारत के आतंक से पीड़ित लोगों के बजाय आतंकी ठिकानों पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान से हमदर्दी दिखाई. कहा कि पाकिस्तान के लोग तुर्की के लिए भाई की तरह हैं और वे उनके लिए अल्लाह से दुआ करते हैं. इसके अलावा, टर्किश एयरफोर्स के सी-130 जेट का जंग के बीच पाकिस्तान आना भी भारत तो रास नहीं आया.

इसके बाद ही से सोशल मीडिया पर लोग तुर्की का विरोध कर रहे हैं. पर्यटन के वास्ते तुर्की जाने वालों को निशाना साधने से लेकर, दूसरे विकल्प तलाशने, तुर्की से व्यापार और दूसरे ताल्लुकात कम करने की बात लोग खुलकर कह रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था, पर लिखा कि “सच कहूँ तो हमें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि तुर्की सुरक्षित है या नहीं और तुर्की पर्यटकों का स्वागत करता है या नहीं.” वीर सांघवी ने तुर्की के एक पर्यटन से जुड़े विज्ञापन को अपने पोस्ट में साझा करते हुए कहा कि भारत के लोगों को ऐसे देश में बिल्कुल नहीं जाना चाहिए, जिसने पाकिस्तान को खुलेआम सैन्य समर्थन दिया और उसके ड्रोन ने भारतीयों का खून बहाया. वीर सांघवी ने कहा कि तुर्की पाकिस्तानी पर्यटकों को ही बुलाए.

 

वीर सांघवी ही की बात को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद और बीसीसीआई सेक्रेटरी राजीव शुक्ला ने लिखा कि हमें तुर्की में भारतीयों के डेस्टिनेशन वेडिंग के चलन को बंद करना चाहिए. भारत और तुर्की के बीच मतभेद का अंदाजा इस बात से भी लगाया जाना चाहिए कि अपने विदेशी दौरों के लिए चर्चा में रहने वाले प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली में सत्ता संभालने के बाद आज तलक एक दफा भी तुर्की की यात्रा पर नहीं गए. तुर्की के राष्ट्रपति आर्दोआन भी दिल्ली तभी आए जब मौका जी20 का था. यानी द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से तुर्की की भारत के विदेश नीति में कोई खास जगह नहीं है. इसके पीछे की वजह पाकिस्तान को समर्थन के साथ कश्मीर पर तुर्की का विवादित रुख रहा है.

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