गुजरात मांग रहा परिवर्तन, AAP MLA चैतर वसावा की जनसभा में उमड़ा जनसैलाब

गुजरात में राजनीतिक माहौल गर्माता दिख रहा है... आदिवासी नेता और AAP विधायक चैतर वसावा की जनसभा में भारी भीड़ उमड़ी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात की धरती पर हवा का रुख बदल रहा है.. सालों से सत्ता की कुर्सी पर जमे रहने वाली भाजपा के खिलाफ.. अब आम आदमी की आवाज तेज हो रही है.. यह आवाज सिर्फ शोर नहीं, बल्कि एक तूफान की शुरुआत है.. नवंबर 2025 के आखिर तक गुजरात के आदिवासी इलाकों से लेकर शहरों तक.. लोग सड़कों पर उतर आए हैं.. इनकी मांग बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आदिवासी अधिकार है.. इस बदलाव की अगुवाई युवा आदिवासी नेता और आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा कर रहे हैं.. उनकी हालिया जनसभाओं में उमड़ा जनसैलाब देखकर लगता है कि गुजरात अब पुरानी राजनीति से तंग आ चुका है..

आपको बता दें कि 15 नवंबर को नेटरंग शहर में आयोजित एक जनसभा ने तो हद ही कर दी.. यहां बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर चैतर वसावा की अगुवाई में एक विशाल रैली निकाली गई.. जिसमें हजारों आदिवासी भाई-बहन सड़कों पर उतर आए.. झंडे लहराते हुए नारे लगाते हुए वे भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे थे.. यह रैली इतनी बड़ी थी कि इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.. कुछ लोग इसे बिहार के चुनावी प्रोटेस्ट से जोड़कर गलत तरीके से शेयर कर रहे थे.. लेकिन सच्चाई यही है कि यह गुजरात का अपना आंदोलन था.. नेटरंग के इस आयोजन में चैतर वसावा ने आदिवासी समाज के सालों के अन्याय पर जोरदार हमला बोला.. और उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को लूटा गया है.. अब समय आ गया है कि हम अपनी आवाज बुलंद करें.. यह रैली सिर्फ एक सभा नहीं.. बल्कि गुजरात में परिवर्तन की पहली चिंगारी थी..

चैतर वसावा गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा विधानसभा क्षेत्र से AAP के सबसे युवा विधायक है.. उनकी उम्र महज 30 साल के आसपास है.. लेकिन संघर्ष की कहानी लंबी है.. वे एक साधारण आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखते हैं.. बचपन से ही उन्होंने गरीबी और भेदभाव को देखा है.. शिक्षा पूरी करने के बाद वे सामाजिक कार्यकर्ता बने.. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के दिग्गज उम्मीदवार को हराकर इतिहास रचा.. डेडियापाड़ा जैसे आदिवासी बहुल इलाके में AAP की पहली जीत थी.. चैतर ने वादा किया था कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में बदलाव लाएंगे.. लेकिन सत्ता पक्ष ने उन्हें दबाने की कोशिश की..

जुलाई 2025 में चैतर वसावा को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया… उन पर आरोप था कि उन्होंने एक तहसील पंचायत अधिकारी पर हमला किया.. लेकिन AAP समर्थकों का कहना है कि यह राजनीतिक साजिश थी.. चैतर आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ रहे थे.. इसलिए भाजपा ने उन्हें जेल भेज दिया.. 63 दिनों तक जेल में रहने के बाद सितंबर में गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी.. कोर्ट ने शर्त रखी कि वे डेडियापाड़ा तहसील में नहीं घुसेंगे.. लेकिन जमानत मिलते ही चैतर मैदान में लौट आए.. उनकी गिरफ्तारी ने उल्टा AAP को मजबूत कर दिया.. आदिवासी समाज में वे हीरो बन गए.. AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने खुद कहा कि चैतर जेल में हैं क्योंकि वे आपके लिए लड़ रहे हैं..

वहीं अब बात करते हैं उन जनसभाओं की.. जहां जनता ने अपना गुस्सा दिखाया.. नेटरंग रैली के बाद चैतर की सभाएं गुजरात भर में फैल गईं.. 27 अक्टूबर को छोटा उदयपुर में एक जनसभा हुई.. यहां कोई बड़ा मंच नहीं, कोई महंगा टेंट नहीं.. सिर्फ सादा सा आयोजन.. लेकिन हजारों की संख्या में लोग पैदल चलकर आए.. आपको बता दें कि वीडियो में दिख रहा है कि सड़कें लोगों से पट गईं है.. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सब चैतर के नाम का जाप कर रहे थे.. जिसको लेकर AAP के प्रदेश महासचिव मनोज सोरठिया ने कहा कि गुजरात परिवर्तन के लिए तैयार है.. इस सभा में चैतर ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे आदिवासियों की जमीनें उद्योगपतियों को बेच रहे हैं.. हमारी जंग सत्ता के लिए नहीं, सम्मान के लिए है.. जिसको जनता ने तालियां बजाकर समर्थन दिया..

बता दें कि 9 नवंबर को गुजरात के विभिन्न इलाकों में चैतर की कई सार्वजनिक सभाएं हुईं.. लोग कंधों पर झंडे लहरा रहे थे.. महिलाओं का एक बड़ा समूह था.. जो शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की मांग कर रही थी.. जिसको लेकर AAP कार्यकर्ता कोमल ने लिखा कि गुजरात के लोगों को क्रांतिकारी बदलाव का मौका मिला है.. इन सभाओं में चैतर ने दिल्ली मॉडल की बात की.. और उन्होंने वादा किया कि दिल्ली में मुफ्त बिजली, पानी, अच्छे स्कूल है.. यही हम गुजरात लाएंगे.. जिसके बाद जनता का जोश देखते ही बन रहा था.. कोई बसें नहीं लगाई गईं, कोई पैसे नहीं बांटे गए.. लोग खुद आए.. क्योंकि वे पुरानी व्यवस्था से थक चुके हैं..

नेटरंग रैली बिरसा मुंडा की जयंती पर थी.. बिरसा मुंडा आदिवासी नायक थे.. जिन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ाई लड़ी.. चैतर ने उन्हें याद करते हुए कहा कि आज हम भाजपा के राज के खिलाफ लड़ रहे हैं.. रैली में हजारों लोग शामिल हुए.. वीडियो में साफ दिख रहा है कि लोग नाच-गाने कर रहे हैं, नारे लगा रहे हैं.. वहीं यह वीडियो इतना वायरल हुआ कि फैक्ट-चेक साइट्स को सफाई देनी पड़ी.. चैतर ने भाषण में आदिवासी समाज के अन्याय पर जोर दिया.. और कहा कि सालों से हमें लूटा गया.. वहीं AAP के प्रवक्ता ने बताया कि यह रैली आदिवासी एकता का प्रतीक बनी..

इन सभाओं के पीछे मुख्य मुद्दा आदिवासी अधिकार है.. बता दें कि गुजरात में 15 प्रतिशत आबादी आदिवासी है.. लेकिन उन्हें जमीन, जंगल, पानी से वंचित रखा गया.. चैतर कहते हैं कि PESA एक्ट का पालन नहीं हो रहा है.. PESA मतलब पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरिया.. यह कानून आदिवासियों को अपनी जमीन पर अधिकार देता है.. लेकिन BJP सरकार इसे लागू नहीं कर रही.. आदिवासी बच्चों के स्कूलों में टीचर नहीं है बिल्डिंग नहीं है.. चैतर ने वादा किया कि AAP सत्ता में आई तो दिल्ली जैसा मॉडल लाएंगे…

वहीं नर्मदा जिले के अस्पतालों में डॉक्टर गायब है.. COVID के समय यह साफ दिखा.. चैतर ने जेल से ही आवाज उठाई.. युवा नौकरी के लिए शहर भाग रहे हैं.. जिसको लेकर AAP का प्लान है कि स्थानीय स्तर पर फैक्टरियां लगाई जाए.. चैतर की सभाओं में लोग इन मुद्दों पर बोलते हैं..

 

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