जेल जाने की बात सुनकर ज्ञानेश के छुटे पसीने! बिहार चुनाव धांधली पर EC ने दी सफाई
बिहार में दूसरे फेज की वोटिंग के बीच... मतदाताओं की संख्या अचानक 3 लाख कैसे बढ़ गए... इस सवाल के जवाब पर चुनाव आयोग की सफाई आई है...विपक्ष के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गिड़गिड़ाने को मजबूर हो चुके हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार में दूसरे फेज की वोटिंग के बीच… मतदाताओं की संख्या अचानक 3 लाख कैसे बढ़ गए… इस सवाल के जवाब पर चुनाव आयोग की सफाई आई है…विपक्ष के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गिड़गिड़ाने को मजबूर हो चुके हैं…
क्योंकि दोस्तों… विपक्ष ने साफ कह दिया है कि अब ज्ञानेश कुमार का बचना मुश्किल है… अगर मोदी और शाह अपने सारे तंत्र लगा देंगे… तभी भी उनको जेल जाने से नहीं बचा पाएंगे… विपक्ष के पास पुख्ता सबूत है… जिसके आधार पर ज्ञानेश कुमार आज नहीं तो कल जेल जाएंगे… एक तरफ विपक्ष जेल भेजने की तैयारी कर रहा है… तो दूसरी तरफ संसद में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी लाने जा रहा है… जैसे ही ये खबर सामने आई… चुनाव आयोग हिल गया… मुख्य चुनाव आयुक्त के पसीने छुट गए…
चुनाव आयोग इतना घबराया हुआ कि विपक्ष के सारे आरोपों पर अपनी सफाई देने लगा…. लेकिन दोस्तों… सफाई ही ज्ञानेश कुमार पर भारी पड़ गयी है… चुनाव आयोग के जवाब में से ही कई सवाल खड़े हो गए… जिससे ज्ञानेश कुमार की मुश्किलें कम होने के बजाय और ज्यादा बढ़ गई है… तो क्या तर्कहीन चुनाव आयोग की तरफ से सफाई दी गई… जिसने उल्टा आयोग को फंसा दिया है… महाभियोग की तैयारी कहां तक पहुंची है… और क्या ज्ञानेश कुमार के जेल जाने की पटकथा लिखी जा चुकी है… सब आपको बताएंगे… लेकिन उससे पहले बिहार चुनाव में धांधली की बात करते हैं…
दोस्तों… जब बिहार में एसआईआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण की फाइनल लिस्ट जारी की गई तो लिस्ट में 7 करोड़ 42 लाख मतदाताओं की संख्या बताई गई… और यही बात चुनाव आयोग की तरफ से बिहार में पहले फेज की वोटिंग के बाद भी कही गई… लेकिन… दूसरे फेज की वोटिंग के बाद अचानक 3 लाख वोटर्स बढ़ गए… दोस्तों… ये आंकड़ा हम अपने मन से नहीं बता रहे हैं… बल्कि खुद ज्ञानेश कुमार ने बताया है…
सोचिए पहले फेज की वोटिंग तक 7 करोड़ 42 लाख मतदाता… और दूसरे फेज की वोटिंग में 7 करोड़ 45 लाख हो गए… यानी सिर्फ 5 दिन के अंदर 3 लाख वोटर्स लिस्ट में शामिल हो गए…विपक्ष सवाल उठने लगा कि आखिर ऐसा कैसे संभव हो सकता है… ऐसा तो सिर्फ हेराफेरी करके ही संभव है… इसलिए विपक्ष सबूत जुटने में लग गया… इसी बीच सांसद पप्पू यादव का एक बयान सामने आया… जिसने ज्ञानेश कुमार की नींद उड़ा दी… चुनाव आयोग को सफाई देने पर मजबूर कर दिया… लेकिन अब यही सफाई चुनाव आयोग के गले का फांस बन चुका है… पहले आप
दोस्तों… पप्पू यादव के इस बयान ने…. चुनाव आयोग के अंदर खलबली मचाकर रख दी… फिर चुनाव आयोग को नीतीश कुमार के…. शपथ ग्रहण से ठीक पहले सफाई पेश करनी पड़ी… सफाई सुनिए दोस्तों… कैसे आई है… चुनाव
30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद…. चुनाव की तारीखों की औपचारिक घोषणा होते ही… बड़ी संख्या में नए पात्र नागरिकों ने…. अपने नाम जुड़वाने के लिए आवेदन दिया… नियमों के अनुसार… नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख से… 10 दिन पहले तक कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची में नाम जोड़ने का अधिकार रखता है…
इसके आगे चुनाव आयोग अपने पल्ला झाड़ते हुए बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद 30 सितंबर को जारी सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज थे… लेकिन 1 अक्टूबर से नियम अनुसार मिले आवेदनों की जांच–पड़ताल के बाद…. सभी पात्र मतदाताओं के नाम शामिल कर दिए गए… इसी प्रक्रिया के कारण मतदाताओं की संख्या में लगभग 3 लाख की वृद्धि हुई…. मतदान के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में इसी संशोधित आंकड़े का ज़िक्र किया गया है…
दोस्तों… ये सफाई चुनाव आयोग की है… यहां पर बताया जा रहा है कि 3 लाख मतदाता 30 सिंतबर के बाद शामिल हुए… लेकिन… चुनाव आयोग के जवाब से सवाल उठ रहा है कि पहले फेज की वोटिंग में 3 लाख वोटर बढ़ने की बात क्यों नहीं बताई गई… 6 नवंबर के मतदान तक 7 करोड़ 42 लाख मतदाताओं की बात हो रही थी… लेकिन दूसरे फेज की वोटिंग के बाद… 3 लाख कैसे जुड़ गए… अगर जोड़ा गया था… तो ज्ञानेश कुमार ने अपनी पीसी में उस वक्त क्यों नहीं बताया.. इसको भी इग्नोर कर दीजिए…
दूसरे फेज की वोटिंग हुए आज 9 दिन हो गए… मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शपथ ले चुके हैं… नई सरकार बन गई… जब विपक्ष दावा करने लगा कि ज्ञानेश कुमार के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं… उनका जेल जाना तय है… और उधर कांग्रेस महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है… तब चुनाव आयोग की नींद खुली… और अब सफाई पेश की गई है… मगर इस सफाई के अंदर से कई सवाल अपने आप खड़े हो चुके हैं…
ऐसा लग रहा है कि ज्ञानेश कुमार को हटाने की कांग्रेस ने कसम खा ली है… कांग्रेस ने कमान संभाली है… खबर है कि बिहार की हार पच नहीं रही! CEC ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में कांग्रेस
विपक्षी INDIA गठबंधन और कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने पर चर्चा तेज कर दी है…. पार्टी सूत्रों के अनुसार ये मुद्दा पिछली संसद सत्र में भी उठा था…. लेकिन अब शीतकालीन सत्र से पहले…. विपक्ष के भीतर नई विमर्श शुरू हो गया है…. कांग्रेस का कहना है कि चुनावी प्रक्रियाओं… ईवीएम, मतदाता सूची और विशेष गहन पुनरीक्षण से जुड़े सवालों के जवाब…. लंबे समय से नहीं मिल रहे…. इस कारण वो संवैधानिक तौर पर उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रही है….
यानी दोस्तों… मानसून सत्र में ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की चर्चा हुई थी… और अब 3 दिसबंर से शुरु हो रहे शीतकालीन सत्र में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है… यानी दोस्तों… चुनाव आयोग भले ही विपक्ष के आरोपों पर कितनी सफाई पेश कर दें… लेकिन अब ज्ञानेश कुमार की मुश्किलें कम होने की जगह बढ़ती जा रही है… विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग इतने आरोपों से घिरा हुआ है… लेकिन उसके बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है… आज चुनाव आयोग भाजपा के लिए जुगाड़ आयोग बनकर काम कर रहा है…भाजपा को जीताने के लिए पूरा का पूरा चुनाव हाईजैक कर लिया जाता है…
चाहे वो महाराष्ट्र या हरियाणा या फिर बिहार… हर जगह चुनाव आयोग भाजपा के लिए बी टीम बनकर काम किया है… इसलिए अब विपक्ष ने कसम खा ली है कि किसी भी कीमत पर वो पीछे नहीं हटेंगे… बल्कि ये लड़ाई और तेज होगी… देखने वाली बात होगी कि जब ज्ञानेश कुमार के खिलाफ विपक्ष संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाएगा… उसके बाद संसद में क्या बवाल मचता है… लेकिन एक चीज तो साफ है कि ज्ञानेश की मुश्किलें कही से कम नहीं दिख रही है… क्या यही मुश्किलें उनके इस्तीफे का कारण बन सकता है…



