CMO Haridatta Nemi के सामने झुकी Yogi Government, आदेश देना ही पड़ा
Yogi Government को झुकाने वाले कानपुर के CMO डॉ. हरिदत्त नेमी ने आज तीसरी बार पदभार संभाला है... जैसे ही सुबह 10 बजे वह ऑफिस...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः सरकार झुकती है…. बस झुकाने वाला होना चाहिए….. सरकार को भी कभी- कभी अपने आदेश वापस लेने पड़ जाते है….. जिससे पता चलता है कि संविधान ने हमे वो ताकत ही है….. जिसके सामने अच्छे- अच्छों को झुकना पड़ता है…… हम बात कर रहे हैं सीएमओ कानपुर की…… जिन्होंने सात महीने में तीसरी बार सीएमओ पद का कार्यभार ग्रहण किया है……. कानपुर के सीएमओ पद से हटाए जाने के बाद हरिदत्त नेमी ने सीधे कोर्ट का रूख किया…… आखिरकार योगी सरकार पीछे हटना पड़ा और सीएमओ को आदेश जारी करना ही पड़ा…… और सीएमओ ने आज एक बार फिर से अपनी कुर्सी संभाल ली……
दोस्तों यूपी सरकार को झुकाने वाले कानपुर CMO डॉ. हरिदत्त नेमी जैसे ही सुबह 10 बजे ऑफिस पहुंचे…… तो स्टाफ के कई लोगों ने पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया……. मीडिया से बातचीत में डॉ. नेमी ने कहा कि मैंने शासन के आदेशों का पालन किया है…….. और विवाद से जुड़े सवालों पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया…… दरअसल डॉ. हरिदत्त नेमी 16 दिसंबर 2024 को कानपुर CMO बनाए गए…….. 32 दिन पहले DM जितेंद्र प्रताप सिंह विवाद के बाद 16 जून को डॉ. हरिदत्त नेमी को सस्पेंड कर….. लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया गया था……
और डॉ. उदयनाथ को कानपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी…… इसके बाद डॉ. हरिदत्त नेमी इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए…….. हाईकोर्ट ने डॉ. हरिदत्त नेमी का सस्पेंशन रद्द कर दिया…… 8 जुलाई को दोबारा कार्यभार संभालने डॉ. हरिदत्त नेमी कानपुर ऑफिस पहुंचे…….. यहां CMO की कुर्सी पर बैठ गए……. दो दिनों तक जमकर ड्रामा चला……. फिर कानपुर पुलिस ने डॉ. हरिदत्त नेमी को ऑफिस से बाहर निकाल दिया था……. 14 जुलाई को डॉ. हरिदत्त नेमी ने फिर से निलंबन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अवमानना याचिका दायर की…….. कोर्ट ने 17 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की…….. इसके बाद राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई……. स्वास्थ्य विभाग के सचिव की तरफ से तबादला निरस्त करने का निर्देश जारी कर दिया गया…….. कानपुर से CMO डॉ. उदयनाथ को वापस श्रावस्ती CMO की जिम्मेदारी सौंप दी गई……
आपको बता दें कि डॉ. हरिदत्त नेमी ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सरकार के फैसले के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की……. इसमें कहा कि उनके तबादले पर हाईकोर्ट के स्टे आदेश के बावजूद उन्हें जबरन हटाया गया……. याचिका 14 जुलाई 2025 को दाखिल हुई और 15 जुलाई को दर्ज हो गई…… याचिकाकर्ता डॉ. हरिदत्त नेमी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, डीएम कानपुर, एडीएम, एसीपी, थाना चकेरी एसएचओ…… और वर्तमान CMO कानपुर को पार्टी बनाया था……. डॉ. नेमी के अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्रा ने कहा कि स्टे आदेश के बावजूद अधिकारियों ने तबादला लागू कराया…….. यह पूरी तरह से न्यायालय के आदेश की अवमानना है…….
बता दें कि यह विवाद 5 फरवरी 2025 से शुरू हुआ…….. जब कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने CMO ऑफिस में छापा मारा था…….. इस दौरान CMO डॉ. हरी दत्त नेमी समेत 34 अधिकारी-कर्मचारी गैरहाजिर मिले थे…….. डीएम ने CMO कार्यालय से ही एक वीडियो जारी किया………. कहा- रजिस्टर में नाम लिखे हैं…….. लेकिन 34 अधिकारी-कर्मचारी ऑफिस में नहीं मिले……… सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया गया था…… वहीं इस एक्शन के बाद डीएम और CMO के बीच खटास शुरू हुई…….. इससे पहले डीएम लगातार सीएचसी और पीएचसी पहुंचकर कमियां उजागर कर रहे थे…….. इस मामले ने तब और तूल पकड़ा…….. जब डीएम के कहने पर भी CMO ने लापरवाह अधिकारी-कर्मचारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया……..
जिसके बाद 15 अप्रैल 2025 को डीएम ने शासन को एक लेटर लिखा……. इसमें कानपुर CMO को हटाने के लिए कहा गया……. एडमिनिस्ट्रेशन सोर्स के मुताबिक 5 जून के बाद भी CMO को हटाने के लिए शासन को लेटर लिखा गया…….. इस बीच CMO भी अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए एक्टिव हो गए…… जिसके बाद CMO का एक वीडियो भी सामने आया……. इसमें उन्होंने कहा कि जेएम फार्मा का बिल पेमेंट होना था…….. मेरे ऊपर दबाव बनाया गया……. फर्म सीबीआई चार्जशीटेड थी…….. इसकी खामियों को लेकर 125 पेज की रिपोर्ट तैयार की…….. इसको अधिकारियों के पास भेजा गया……. सीनियर फाइनेंस अधिकारी वंदना सिंह ने डीएम को लेटर भी भेजा था……. अब मेरे खिलाफ साजिश हो रहा है…….
जिसके बाद सारे मामले पर यहीं से सियासत शुरू हुई…… CMO ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मुलाकात की…… और कहा कि BJP सांसद, विधायकों के सुझाव मैंने हमेशा माने……. मरीजों को अच्छा इलाज दिलाया……. फिर भी मेरे ट्रांसफर की संस्तुति की गई है…… इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को 11 जून को लेटर लिखा कि CMO साहब का व्यवहार आम जनता को लेकर ठीक है…….. ऐसे में इनका ट्रांसफर रोकने पर विचार किया जा सकता है……. इसके बाद 2 और BJP विधायक CMO के सपोर्ट में आ गए…… और उन्होंने भी डिप्टी सीएम को लेटर भेजे……. MLC अरुण पाठक ने 14 जून को और विधायक सुरेंद्र मैथानी ने 15 जून को लेटर लिखा……
वहीं BJP में दो फाड़ तब शुरू हुई…….. जब 16 जून को बिठूर विधानसभा से BJP विधायक अभिजीत सिंह ने CMO को भ्रष्टाचारी बताते हुए सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया……… फिर BJP विधायक महेश त्रिवेदी ने भी CMO के खिलाफ लेटर लिख दिया……. वहीं इस सियासत के बीच CMO के ड्राइवर सूरज का ऑडियो वायरल हुआ…….. ड्राइवर ने डीएम को भ्रष्टाचारी बताया……… इसके बाद 13 जून को CMO का एक और ऑडियो वायरल हुआ……. इसमें CMO ने कहा कि डीएम ढोल ज्यादा बजा रहा है……… किसी दिन कोई महिला अधिकारी बदतमीजी कर देगी…….
इसके बाद 14 जून को कानपुर DM ने सीएम डैशबोर्ड की समीक्षा बैठक से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बाहर कर दिया……. CMO का दावा है कि डीएम ने मीटिंग में मुझसे कहा- CMO साहब आप तो AI हो गए थे…….. लेकिन आप तो जिंदा हो और यहां बैठे हो…….. फिर डीएम ने मुझसे पूछा कि CMO साहब यह सब क्या हो रहा है…….. मैंने कहा कि यह ऑडियो मेरा नहीं है……. किसी ने AI से बनाकर इसको वायरल किया है……. फिर डीएम ने कहा कि आप इसकी जांच करें……. पता करें कि किसने इस फेक ऑडियो को बनाया है……. इसे वायरल किया है……… जाकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं………. फिर डीएम ने मेरा हाथ पकड़कर बाहर जाने को कहा……. मैं बैठक से बाहर चला गया……



