वह जमीनी संपर्क में रहने वाले शख्स नहीं, शुभेंदु के बयान पर भडक़े भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष
नई दिल्ली। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बंगाल में हार देखनी पड़ी थी। इस हार से नाखुश नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने जो हमारे साथ हैं, हम उनके साथ हैं बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी। इस बयान पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। हालांकि, अब पार्टी के नेता ही शुभेंदु की आलोचना कर रहे हैं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि वह दूसरी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) से आए हैं। शख्स जहां से आता है, उसके अंदर वहां की संस्कृति हमेशा झलकती है।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास भाजपा की आत्मा है। हो सकता है कि शुभेंदु अधिकारी ने गलती से ऐसा कह दिया हो। वह पार्टी के पुराने कार्यकर्ता या जमीनी संपर्क में रहने वाले व्यक्ति नहीं हैं। वह दूसरी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) से आए हैं। व्यक्ति जहां से आता है उसके अंदर वहां की संस्कृति हमेशा झलकती है।
उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास भारतीय जनता पार्टी की आत्मा है, जैसे आत्मा के बिना शरीर बेकार है। इसी तरह, भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के बिना कुछ भी नहीं है। भाजपा का गठन सत्ता हासिल करने के लिए नहीं बल्कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों और उनकी विचारधारा (कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को ऊपर उठाने) को पूरा करने के लिए किया गया था। भाजपा का लक्ष्य समाज के सबसे पीडि़त, पीडि़त, वंचित और परेशान व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना है। यही भाजपा का उद्देश्य है और इसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रही है।
सिद्दीकी ने कहा, मुझे लगता है कि उन्होंने यह बयान हताशा में दिया है। सबका साथ, सबका विकास’ भाजपा की आत्मा है। हम यहां सत्ता के लिए नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम करने को आए हैं। हमारी विचारधारा जो हमारे साथ, हम उनके साथ के पूरी तरह खिलाफ है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा कहा है कि हम सिर्फ प्रचार के दौरान राजनीति करते हैं। मगर नतीजों के बाद हमारा एकमात्र उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास होता है।
महाराष्ट्र से आने वाले जमाल सिद्दीकी ने कहा कि यह देखकर निराशा हुई कि मुसलमानों ने हमें वोट नहीं दिया, लेकिन विकसित भारत के लिए सभी को साथ लेना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘हमारी नीति हर किसी के लिए काम करने की है, भले ही कोई व्यक्ति किसी भी जाति, पंथ या धर्म का हो। हम एक मजबूत राष्ट्र तभी बन सकते हैं जब हम एकजुट होंगे। मुझे भी बुरा लगता है कि मुसलमानों ने हमें वोट नहीं दिया। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चुनाव में कुछ लोग यह कहकर जहर उगलते हैं कि मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
भाजपा की बैठक के दौरान अधिकारी ने बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा को बंद करने का सुझाव दिया था। सिद्दीकी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, शुभेंदु अधिकारी को यह कहने का कोई अधिकार नहीं है, वह शीर्ष नेतृत्व से ऊपर नहीं हैं। वह पार्टी में नए हैं और मुझे लगता है कि वह भाजपा की विचारधारा से प्रभावित नहीं हैं।
गौरतलब है, पश्चिम बंगाल में हाल ही में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। इस दौरान शुभेंदु अधिकारी का गुस्सा फूट पडा। इसी बैठक में शुभेंदु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे सबका साथ, सबका विकास को बदलने की बात कही। उन्होंने ये भी कहा, राष्ट्रवादी मुस्लिम जैसा कुछ नहीं है। जो हमारे साथ, हम उनके साथ। अधिकारी ने पार्टी में अल्पसंख्यक मोर्चे को खत्म करने की बात भी कही थी।
उन्होंने कहा था, मैं राष्ट्रवादी मुस्लिमों की बात करता था और आपने भी नारा दिया था कि सबका साथ, सबका विकास’, लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कहूंगा। इसकी जगह मैं कहूंगा कि ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ। बंद करिए ये सबका साथ, सबका विकास का नारा। हमें अल्पसंख्यक मोर्चे की भी जरूरत नहीं है।
हालांकि, विवाद बढऩे पर उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह सबका साथ, सबका विकास के मंत्र का सच्ची भावना से पालन करते हैं।
शुभेंदु अधिकारी के बयान पर टीएमसी के प्रवक्ता रिजु दत्त ने तंज कसते हुए कहा था कि सुवेंदु का रुतबा पीएम मोदी से भी बड़ा नजर आ रहा है।
शुभेंदु अधिआरी पश्चिम बंगाल की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. वे पहले तृणमूल कांग्रेस में ही हुआ करते थे। लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने टीएमसी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। तब ममता बनर्जी ने शुभेंदु की सीट नंदीग्राम से चुनाव लड़ा, लेकिन वे जीत नहीं सकीं। इसका इनाम पार्टी ने शुभेंदु को नेता प्रतिपक्ष बनाकर दिया। हालांकि, लोकसभा चुनाव में हार के बाद शुभेंदु को इस पद से हटाने की चर्चा भी उठी थी।