केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ज्यूडिशियल कस्टडी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। केजरीवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और खुद की रिहाई की मांग की है। बुधवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो पहले केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखा और फिर, लंच के बाद ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट में दलीलें दी।
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच सुनवाई कर रही है। केजरीवाल के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि आम चुनाव आ गए हैं। इसलिए ऐसे समय में केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है, ताकि वो चुनावी अभियान का हिस्सा न बन सकें। न प्रचार कर सकें। उन्होंने कहा, कोर्ट को यह देखना होगा कि चुनाव में सभी पार्टियों को बराबर का मौका मिले। नवंबर में पहला समन दिया गया और मार्च में गिरफ्तार कर लिया गया।
पीएमएलए के तहत गिफ्तारी के लायक ईडी के पास कोई सबूत नहीं है। ईडी ने केजरीवाल की ओर से बहस कर रहे दो वकीलों की दलीलों पर आपत्ति जताई है। एएसजी का कहना है कि सिर्फ इसलिए कि आप प्रभावशाली हैं और इसलिए 3 वकीलों को बहस में शामिल कर सकते हैं, आप ऐसा नहीं कर सकते हैं। कोई भी आम आदमी एक से ज्यादा वकील का हकदार नहीं है। यह अपवाद क्यों? आप पावरफुल हो सकते हैं। आप आम आदमी होने का दावा कर सकते हैं, लेकिन आप ऐसा नहीं कर सकते।
एएसजी राजू ने कहा कि केजरीवाल के प्रति गवाहों के बयान हमारे पास हैं। इनके अलावा व्हाट्सएप चैट और हवाला ऑपरेटरों के बयान भी हैं। ऐसा नहीं है कि हम अंधेरे में तीर चला रहे हैं। हमारे पास आयकर विभाग का बहुत सारा डेटा भी है। एएसजी राजू ने कहा कि जब ऐसे प्रभावशाली लोग अपराध मे शामिल हों तो उनके खिलाफ सबूत जुटाना मुश्किल है, इसलिए कानून यह है कि जब ऐसे लोग शामिल हों तो सरकारी गवाहों पर भरोसा किया जा सकता है।
कल अगर हमें लगेगा कि इसके लिए अन्य लोग भी जिम्मेदार हैं, तो हम उन पर भी कार्रवाई करेंगे। एएसजी राजू ने आगे कहा कि संजय सिंह के मामले में हाईकोर्ट का आदेश अभी भी कायम है, जो उनकी अवैध गिरफ्तारी को लेकर दाखिल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। संजय सिंह को केवल मेरे द्वारा दी गई रियायत के आधार पर जमानत पर रिहा किया गया है।