राजोआना की दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
- केंद्र सरकार ने फैसला लेने के लिए मांगा समय
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 1995 की हत्या में दोषी ठहराए गए बब्बर खालसा समर्थक बलवंत सिंह राजोआना की लंबित दया याचिका पर फैसला करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया, हालांकि केंद्र ने इस पर रोक लगा दी। मुद्दे की संवेदनशीलता देखते हुए वर्तमान में स्थिति मामले को सुलझाने के लिए अनुकूल नहीं है। जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता की दलीलों के बाद राजोआना की याचिका पर सुनवाई टाल दी। कहा कि मामला संवेदनशील है।
मेहता ने पीठ से कहा कि कई एजेंसियों से परामर्श की आवश्यकता है। हमें कुछ और समय चाहिए। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने इन चिंताओं को दोहराते हुए कहा, स्थिति अभी भी निर्णय के लिए अनुकूल नहीं है। अदालत ने केंद्र की याचिका स्वीकार करते हुए मामले को चार सप्ताह के लिए टाल दिया। पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना को 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर आत्मघाती हमले में बैकअप हमलावर के रूप में उनकी भूमिका के लिए 2007 में मौत की सजा सुनाई गई थी। बम विस्फोट में बेअंत सिंह और 16 अन्य लोग मारे गए थे। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 2010 में मौत की सजा को बरकरार रखा। 2012 में राजोआना को फांसी दी जानी थी, लेकिन एसजीपीसी द्वारा उसकी ओर से दया याचिका दायर करने के बाद इस पर रोक लगा दी गई थी। वर्षों से, क्रमिक सरकारों ने याचिका पर निर्णय लेने में देरी के कारणों के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं और पंजाब में नाजुक राजनीतिक माहौल का हवाला दिया है।