‘हेमंत सोरेन ने भी ऐसा ही किया था…’, पांचवीं बार ईडी के सामने पेश न होने पर भाजपा ने सीएम केजरीवाल पर साधा निशाना

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पांचवा समन जारी किया. लेकिन केजरीवाल जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए. इसे लेकर अब बीजेपी नेता हरीश खुराना ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सीएम केजरीवाल की तुलना झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कर दी, जिन्हें ईडी ने कथित भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था. हरीश ने कहा कि सोरेन ने भी ऐसा ही किया था जो अब केजरीवाल कर रहे हैं. खुराना के मुताबिक, अगर जांच एजेंसी केजरीवाल के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाती है तो वह प्रतिशोध की राजनीति करने की कोशिश करेंगे.
उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल को कई सवालों के जवाब देने होंगे. अगर समन अवैध है, तो वह अदालत का रुख क्यों नहीं कर रहे और इसे रद्द क्यों नहीं करा रहे हैं? उन्होंने कहा, हेमंत सोरेन ने भी ऐसा ही किया था, वह समन से बचते रहे, फिर अदालत गए और जब वह सफल नहीं हुए, तो उन्हें ईडी के सामने पेश होना पड़ा. मैं केजरीवाल से कहना चाहता हूं कि आप कितना भी बचिए. एक न एक दिन आपको ईडी के सामने पेश होना ही होगा.
हरीश खुराना ने आगे कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पहली बार 2 नवंबर को ईडी द्वारा तलब किया गया था. लेकिन उन्होंने सियासी साजिश का आरोप लगाते हुए इसे नजरअंदाज कर दिया था. वह ईडी के समक्ष पेश होने के बजाय एक राजनीतिक रैली को संबोधित करने के लिए मध्य प्रदेश के सिंगरौली चले गए. फिर जांच एजेंसी ने उन्हें 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था. उस समय केजरीवाल पंजाब के होशियारपुर जिले के एक केंद्र में 10 दिवसीय विपश्यना ध्यान पाठ्यक्रम के लिए चले गए थे. इस साल उन्हें दो बार बुलाया गया. एक बार 3 जनवरी को और फिर 18 जनवरी को. फिर भी वह ईड़ी के समक्ष पेश नहीं हुए.
दिल्ली सरकार 2021-22 में एक उत्पाद शुल्क नीति लेकर आई थी, जिसका लक्ष्य व्यापारियों के लिए लाइसेंस शुल्क के साथ बिक्री-मात्रा-आधारित व्यवस्था को प्रतिस्थापित करके शहर के प्रमुख शराब व्यवसाय को पुनर्जीवित करना था. हालांकि, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए नीति की सीबीआई जांच की मांग के बाद इसे रद्द कर दिया गया था.
ईडी के मुताबिक, आप को उत्पाद शुल्क नीति को अंतिम रूप देने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी और इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा पार्टी ने अपने गोवा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया था. केंद्रीय एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में कहा कि कथित अनियमितताओं में कुछ ‘साउथ ग्रुप’ की संलिप्तता थी. अब तक, जांच एजेंसी ने इस मामले में ्र्रक्क के कुछ शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया है. जिसमें, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह शामिल हैं.

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