हिंडनबर्ग का SEBI पर बड़ा आरोप, पूछा- गड़बड़ी के आरोपों पर माधबी पुरी बुच क्यों हैं चुप?

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बीच विवादित अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म...

4PM न्यूज नेटवर्क: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बीच विवादित अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने बाजार नियामक SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को बुधवार (11 सितंबर) को फिर से निशाने पर लिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बारे में सवाल उठाया है और पूछा है कि हाल-फिलहाल में गड़बड़ियों के कई आरोप लगने के बाद भी सेबी प्रमुख चुप क्यों हैं?

आपको बता दें कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच पर हिंडनबर्ग ने यह हमला ऐसे समय किया है, जब एक ही दिन पहले मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने नियामक की प्रमुख पर नए आरोप लगाए हैं। वहीं इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि माधबी पुरी बुच के द्वारा प्रमोटेड एक कंसल्टेंसी कंपनी को उस समय करोड़ों रुपये का भुगतान मिला है, जब वह सेबी के बोर्ड में पूर्णकालिक सदस्य बन चुकी थीं।

SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की बढ़ी मुश्किलें

कांग्रेस के आरोप के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा और डॉ रेड्डीज की ओर से बयान आ चुका है. दोनों कॉरपोरेट ने कांग्रेस पार्टी के आरोपों को भ्रामक बताया है और उनका सिरे से खंडन किया है। कांग्रेस इससे पहले सेबी प्रमुख के खिलाफ उनकी पूर्व नियोक्ता ICICI बैंक के द्वारा भुगतान करने में अनियमितता बरते जाने का भी आरोप लगाया था, जिसका आईसीआईसीआई बैंक ने खंडन किया था।

हिंडनबर्ग ने इन सब आरोपों के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। और लिखा है कि सामने आए नए आरोपों से पता चलता है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की 99 फीसदी शेयरहोल्डिंग वाली प्राइवेट कंसल्टिंग कंपनी उस समय कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट ले रही थी, जब वह सेबी की पूर्णकालिक मेंबर थीं। कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ रेड्डीज और पिडिलाइट शामिल हैं. ये आरोप बुच की भारतीय कंसल्टिंग कंपनी को लेकर हैं. उनकी सिंगापुर स्थित कंसल्टिंग कंपनी को लेकर कोई डिटेल सामने नहीं आई है. कई सप्ताह से ये मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन बुच पूरी चुप्पी साधे हुए हैं।

बुच ने  4 बड़ी कंपनियों से लिया पेमेंट

हिंडनबर्ग रिसर्च ने  गंभीर आरोप है कि SEBI चेयरपर्सन ने Whole-Time Member (WTM) के रूप में कार्यरत रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया। बुच की इस कंसल्टिंग फर्म में 99% हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग के मुताबिक बुच ने कुल 4 बड़ी और लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट लिया।

मिली जानकारी के अनुसार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिन कंपनियों के नाम सामने आए हैं, वह भारत के बड़े कॉरपोरेट्स हैं। ये सभी कंपनियां SEBI के रेगुलेशन के अंतर्गत आती हैं और SEBI चेयरपर्सन की कंसल्टिंग फर्म पर इन सभी से पेमेंट लेने का आरोप हैं।

वहीं माधबी पुरी बुच ने इन आरोपों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है और पिछले कई हफ्तों से लगातार लग रहे आरोपों को लेकर पूरी तरह मौन हैं। इससे पहले भी हिन्डनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के बीच SEBI चेयरपर्सन का नाम सामने आया था। ऐसे में भारतीय कंसल्टिंग फर्म पर लगे आरोपों ने निवेशकों में बड़ी हलचल मचा दी है।

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  • SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर जांच की धीमी गति और निष्पक्षता पर सवाल उठे थे।
  • इन आरोपों के बाद से SEBI की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
  • इसके अलावा SEBI अधिकारियों ने भी चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए थे।
  • टॉक्सिक वर्क कल्चर को लेकर भी मामला PAC के सामने पहुंचा है।
  • इन आरोपों ने SEBI की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा किया है।

 

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