गृह मंत्रालय बना बीजेपी के गले की फांस, शिंदे ने कर दिया महायुति छोड़ने का ऐलान!
अपनों से बगावत करके सम्मान पाने के लिए बीजेपी के साथ गए एकनाथ शिंदे की पार्टी पर खतरा मंडराने लगा है....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः अपनों से बगावत करके सम्मान पाने के लिए बीजेपी के साथ गए एकनाथ शिंदे की पार्टी पर खतरा मंडराने लगा है…. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद से एकनाथ शिंदे को बीजेपी के द्वारा लगातार एक के बाद एक बड़ा झटका मिल रहा है…. पहले बीजेपी ने एकनाथ शिंदे से सीएम की कुर्सी छीन ली…. उसके बाद गृह मंत्रालय भी ले लिया…. इस तरह से सम्मान पाने गए बीजेपी के साथ गए शिंदे को लगातार अपमानित किया जा रहा है…. वहीं शिंदे के सहयोगी विधायकों के द्वारा लगातार मांग की जा रही थी… कि एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया जाए…. जिसके बाद बीजेपी के साथ एकनाथ शिंदे की गृह मंत्रालय को लेकर डील हुई थी…. तब जाकर करीब पंद्रह दिनों बाद एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम बनने का फैसला लिया था… वहीं एकनाथ शिंदे के मान जाने के बाद और देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने के बाद बीजेपी एकनाथ शिंदे से किए गए डील को भुल गई…. और देवेंद्र फडणवीस ने गृह मंत्रालय अपने पास रखने का मन बना लिया… और शिंदे को चार विभाग देकर उसमें से विभाग चुनने का ऑप्शन दे दिया…. जिसके बाद से शिंदे ने महायुति छोड़ने का मन बना लिया है….
आपको बता दें कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक सौ बत्तीस सीटें जीतकर बड़ी पार्टी बनकर उभऱी है…. और उसको सरकार चलाने के लिए सोलह विधायकों की आवश्यता है…. वहीं अजित पवार बीजेपी के साथ पूरी तरह खड़े हैं… ऐसे में बीजेपी एकनाथ शिंदे को ज्यादा भाव नहीं दे रही है… वहीं अजित पवार बीजेपी पर इसलिए इतना मेहरबान है कि क्योंकि बीजेपी ने अजित पवार को सौ करोड़ के घोटाले में क्लीन चिट दिलवा दी है…. और अजित पवार के हाथों में राज्य का वित्त विभाग सौंपने का ऐलान कर दिया है…. और एकनाथ शिंदे को किनारे लगा दिया है…
वहीं अपनों से किए गए बगावत का परिणाम दो साल बाद शिंदे को दिखाई दे रहा है…. बता दें कि मराठाओं में बीजेपी के प्रति गहरी नाराजगी है… जिसके चलते एकनाथ शिंदे को साथ लेकर चलना बीजेपी के लिए मजबूरी है… लेकिन जरूरत नहीं है…. जिसके चलते अब एकनाथ शिंदे कोई फैसला नहीं ले पा रहें हैं…. और उनकी स्थिति दो धारी तलवार की तरह हो गई है… क्योंकि उनको बीजेपी की सरकार में कोई भी मनचाहा विभाग तक नहीं मिल पा रहा है…. अपनो से बगावत करके बीजेपी के साथ गए शिंदे के साथ बीजेपी ने दो साल बाद ही अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है….
बता दें कि महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों ने सत्ता का खेल ही पूरी तरह से पलट दिया है….. ढाई साल तक सीएम रहे एकनाथ शिंदे भले ही अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने… और उद्धव ठाकरे से शिवसेना की विरासत जीतने में कामयाब रहे हों….. लेकिन महायुति में बीजेपी के बड़े भाई की भूमिका में आने के बाद…. उन्हें पावर गेम में एक के बाद एक झटका लग रहा है….. शिंदे ने पहले सीएम की कुर्सी गंवाई…. और अब गृह मंत्री बनने की मुराद भी पूरी होती नहीं दिख रही है…. जबकि अजित पवार के खाते में वित्त विभाग जाना लगभग तय माना जा रहा….. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी फ्रंटफुट पर खेल रही है….. सत्ता की बागडोर ही नहीं बल्कि सियासी पावर को भी बीजेपी अपने हाथ में रखना चाहती है…. शिवसेना की गृह मंत्रालय की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं है….. ऐसे में बीजेपी ने शिंदे खेमा को गृह के बजाय राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग में से कोई भी विभाग चुनने का विकल्प दिया है…. जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने शिवसेना को स्पष्ट कर दिया है…. कि वह गृह मंत्रालय नहीं दे सकती है…. इसके बदले में उन्हें दूसरे अन्य विभाग देने को तैयार है…..
बता दें कि चुनाव परिणाम आने के बाद से एकनाथ शिंदे बहुत परेशान दिखाई दे रहे हैं…. उनके चेहरे की चमक गायब है…. उनको सीएम पद जाने का अफसोस है… सीएम कुर्सी जाने के बाद से वो परेशान चल रहे हैं… जिसके चलते उनको अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा था… वहीं काफी मान मनौव्वल के बाद एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम का पद मंजूर कर लिया और डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली… जिसके बाद गृह मंत्रालय की मांग कर दी…. लेकिन लोकसभा चुनाव में बड़ी हार मिलने के बाद वापसी करते हुए…. बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक सौ बत्तीस सीट जीत कर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है…. जिसके चलते बीजेपी सारा रोल अपने पास रखना चाहती है…. और राज्य के सभी बड़े मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है…. और अपने सहयोगियों को झुनझुना थमा रही है…. जिसको देखते हुए महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है… और एकनाथ शिंदे ने महायुति छोड़ने का मन बना लिय़ा है…. और बीजेपी से बगावत कर दी है….
वहीं शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने का दबाव बनाया जा रहा है….. गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, भरत गुगवले समेत कई शिवेसना नेता शिंदे को गृह मंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं….. लेकिन इस पर बीजेपी तैयार नहीं है…. देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सरकार है….. केंद्रीय गृह मंत्रालय बीजेपी (अमित शाह) के पास है…. ऐसे में गृह मंत्रालय का पद सत्ता की बागडोर संभालने वाली पार्टी के पास होने से समन्वय आसान हो जाता है….. देवेंद्र फडणवीस ने दो हजार चौदह से दो हजार उन्नीस तक मुख्यमंत्री रहते हुए गृह मंत्रालय अपने पास रखा था….. इस दौरान उन्होंने कई अहम और सुधार भरे कदम उठाए थे….. फडणवीस सरकार द्वारा की गई पहल से पुलिस बल को एकजुट करने में मदद मिली थी….. शिंदे के ढाई साल के दौरान भी गृह मंत्रालय फडणवीस के पास था…. यही वजह है कि फडणवीस हर हाल में इस विभाग को अपने पास रखना चाहते हैं…. इसके लिए अन्य महत्वपूर्ण विभाग का विकल्प शिवसेना को दिया है….. लेकिन शिंदे खेमा गृह मंत्रालय की मांग पर अड़ा है…. ऐसे में बीजेपी शिंदे को राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण जैसे विभाग का ऑफर दे रही….
महाराष्ट्र में उन्नीस सौ पंचानबे से पहले ज्यादातर समय गृह विभाग मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा…. उन्नीस सौ पंचानबे में जब राज्य में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनी तो पहले मनोहर जोशी फिर नारायण राणे सीएम बने थे….. ऐसी स्थिति में गृह विभाग का जिम्मा बीजेपी को मिला था…. गोपीनाथ मुंडे गृह मंत्री थे…. इसके बाद जब राज्य के सीएम विलासराव देशमुख बने तो कांग्रेस ने गृह विभाग एनसीपी को दिया और छगन भुजबल ने गृह विभाग संभाला…. कांग्रेस से सुशील कुमार शिंदे और विलासराव सीएम रहे तो एनसीपी नेता आर आर पाटिल गृह मंत्री बने थे…. अशोक चव्हाण के सीएम रहते हुए एनसीपी नेता जयंत पाटिल और फिर पृथ्वीराज चव्हाण के कार्यकाल में फिर आरआर पाटिल गृह मंत्री रहे….. दो हजार चौदह से दो हजार उन्नीस तक फडणवीस ने सीएम रहते गृह विभाग अपने पास रखा….. उद्धव ठाकरे के सीएम बनने से पहले यह विभाग एनसीपी के पास गया…. और पहले अनिल देशमुख और बाद में दिलीप वलसे पाटिल ने गृह विभाग संभाला था….. महाराष्ट्र में जब शिंदे मुख्यमंत्री बने तो बीजेपी को यह विभाग मिला…. और फडणवीस ने बतौर डिप्टी सीएम इसे संभाला…. महायुति में अजित पवार की एंट्री के बाद उन्होंने वित्त विभाग उन्हें दिया…. अब जब पावर रोल रिवर्स हुआ है तो एकनाथ शिंदे बदले में गृह विभाग चाहते हैं….
आपको बता दें कि फडणवीस कैबिनेट में मंत्री पद का बंटवारा सीटों की ताकत के हिसाब से ही होगा….. एकनाथ शिंदे की शिवसेना लगातार होम मिनिस्ट्री की डिमांड कर रही है…. ऐसे में बीजेपी गृह मंत्रालय के बदले ज्यादा मंत्री पद और अन्य मलाईदार विभाग सौंप सकती है…. बीजेपी गृह विभाग के अलावा ऊर्जा, जल संसाधन, आदिवासी कल्याण, आवास, ग्रामीण विकास, ओबीसी कल्याण और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभागों को अपने पास रखना चाहती है…. वहीं शिंदे सरकार के दौरान बीजेपी के पास राजस्व और लोक निर्माण विभाग भी था…. शिवसेना शहरी विकास को अपने पास रखती है….. तो राजस्व/लोक निर्माण विभाग बीजेपी के पास वापस आ जाएगा…. हालांकि, शिवसेना को उद्योग, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और स्वच्छता, लोक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रम), अल्पसंख्यक विकास और वक्फ बोर्ड विकास, अपने पास रखती है… तो उसको मराठी भाषा पर प्राथमिकता मिलेगी, जो पिछली सरकार में उसके पास थी….