मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता… राहुल गांधी का आरोप- आरएसएस कुछ धर्मों-भाषाओं को नीचा समझती है

नई दिल्ली। अमेरिका में छात्रों-शिक्षकों से बातचीत के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, भारत भाषाओं, परंपराओं और धर्मों का एक संघ है, जब भारतीय लोग अपने धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, तो वे अपने देवता के साथ विलीन हो जाते हैं। यह भारत की प्रकृति है। इस दौरान राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस की गलतफहमी यह है कि वे सोचते हैं कि भारत अलग-अलग चीजों का एक समूह है, मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता। कई मौकों पर मैं उनके साथ सहानुभूति रखता हूं।
वहीं राहुल गांधी ने आरएसएस के बहाने भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष किया और कहा कि सत्ताधारी पार्टी यह नहीं समझती कि देश सबके लिए है, जबकि नागपुर में मुख्यालय रखने वाले उनके लिए केवल एक विचारधारा महत्वपूर्ण है। वर्जीनिया के हर्नडन में एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता ने भारत की विविधता का उदाहरण देने के लिए भोजन की थाली में अलग-अलग व्यंजनों का जिक्र किया।
राहुल गांधी ने आगे आरोप लगाया कि आरएसएस का मानना है कि कुछ राज्य और समुदाय दूसरों से कमतर हैं। इसी बात को लेकर लड़ाई है। हमारा मानना है कि सभी का अपना इतिहास, परंपरा और भाषा है। उनमें से हर एक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कोई और। अगर कोई आपसे कहे कि आप तमिल नहीं बोल सकते तो आप क्या करेंगे? आपको कैसा लगेगा? आप कैसे प्रतिक्रिया देंगे? यही आरएसएस की विचारधारा है – कि तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी – सभी निम्न भाषाएं हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, लड़ाई इस बात पर है कि हम किस तरह का भारत चाहते हैं। क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां लोगों को वह मानने की अनुमति हो जो वे मानना चाहते हैं?… या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां केवल कुछ लोग ही तय कर सकें कि क्या होने वाला है।

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