आईआईटी मद्रास के पीएचडी स्कॉलर ने की आत्महत्या

चेन्नई। इंडिया के टॉप एजुकेशन इंस्टीट्यूशन्स में सुसाइड के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अकेले आईआईटी मद्रास में शुरुआती तीन महीनों में ही तीन छात्रों की मौत हो चुकी है. ताजा मामला 31 मार्च का है, जब बंगाल के रहने वाले पीएचडी स्कॉलर ने अपने रूम में फांसी लगाकर जान दे दी. उसने जान देने से पहले वॉट्सऐप स्टेटस भी अपडेट किया था, उसका ये स्टेटस उसके मनोवैज्ञानिक दबाव में होने का इशारा करता है. जान देने वाले पीएचडी स्कॉलर की उम्र 32 साल थी.
सुसाइड करने वाले स्टूडेंट का नाम सचिन कुमार जैन बताया जा रहा है. वो मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से पीएचडी कर रहा था. उसके साथियों ने बताया कि वो कैंपस से लौटा था और परेशान लग रहा था. हालांकि साथियों को लगा कि वो परेशान है, तो अपने कमरे में आराम करने गया होगा. लेकिन जब उन्होंने उसका वॉट्सऐप स्टेटस देखा, तो उनके होश उड़ गए. साथी छात्र भागकर सचिन के कमरे में पहुंचे और उसे तुरंत एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
एक आंकड़े के मुताबिक, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी जैसे टॉप एजुकेशन इंस्टीट्यूशन्स में छात्रों की मौत के मामले तेजी से बढ़े हैं. आखिरी पांच सालों में ये आंकड़ा 61 छात्रों की मौत तक पहुंच गया है. इस साल के शुरुआती तीन महीनों में ही आईआईटी और एनआईटी के 6-7 छात्र अपनी जान दे चुके हैं.

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