गुजरात में कांग्रेस की चाल से बीजेपी चारो खाने चित, ‘अब आर-पार की लड़ाई होगी’

गुजरात में कांग्रेस का नया वार... अमित चावड़ा बने प्रदेश अध्यक्ष.... तुषार चौधरी को विधायक दल की कमान.... BJP की मुश्किलें बढ़ेंगी?

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है….. कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए बड़ा दांव खेला है…… पार्टी ने अमित चावड़ा को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है…… जबकि डॉ. तुषार चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है…… इस बदलाव ने गुजरात की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है…… वहीं अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह नई जोड़ी बीजेपी के लिए चुनौती बन पाएगी…… क्या कांग्रेस गुजरात में अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल कर पाएगी……  इस खबर में हम आपको बताएंगे कि इस बदलाव का गुजरात की सियासत पर क्या असर पड़ सकता है…..

अमित चावड़ा को गुजरात कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है……. ये कोई नया नाम नहीं हैं……. वे एक अनुभवी नेता हैं….. और गुजरात की राजनीति में उनकी गहरी पकड़ मानी जाती है……. चावड़ा पांच बार के विधायक हैं और आणंद जिले की अंकलाव सीट से विधानसभा में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहे हैं……. उनके परिवार का इस क्षेत्र में लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है…….. उनके दादा ईश्वरसिंह चावड़ा तीन बार आणंद लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं…….. जबकि उनके चचेरे भाई भरतसिंह सोलंकी दो बार सांसद…… और यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे …….

अमित चावड़ा पहले भी 2018 से 2021 तक गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं…… उस दौरान उन्होंने संगठन को मजबूत करने की कोशिश की…….. लेकिन 2021 के स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था…… वहीं अब एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान ने उन पर भरोसा जताया है……. पार्टी सूत्रों का कहना है कि चावड़ा की नियुक्ति के पीछे उनकी संगठनात्मक क्षमता…… और युवा जोश को फिर से सक्रिय करने की रणनीति है…….

वहीं चावड़ा का हिंदुत्व की ओर झुकाव भी हाल के दिनों में चर्चा में रहा है…… पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने गाय को ‘राज्यमाता’ घोषित करने के लिए विधानसभा में बिल लाने की बात कही थी…….. यह कदम गुजरात में हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को चुनौती देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है……. चावड़ा ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के ‘गौ माता राष्ट्र माता’ अभियान का समर्थन करते हुए यह ऐलान किया था कि कांग्रेस इस मुद्दे पर विधानसभा में बिल लाएगी……… उनकी यह रणनीति बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे को टक्कर देने…… और ग्रामीण मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है……

आपको बता दें कि कांग्रेस ने विधायक दल के नेता के रूप में डॉ. तुषार चौधरी को चुना है…… तुषार चौधरी एक वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं…… और गुजरात के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है…… वे साबरकांठा और बरडोली लोकसभा सीटों से सांसद रह चुके हैं…… और यूपीए सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं…… तुषार चौधरी का चयन कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है…….. जिसमें पार्टी आदिवासी समुदाय के बीच अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है…….. गुजरात में आदिवासी मतदाता एक अहम भूमिका निभाते हैं…… खासकर छोटा उदेपुर, डांग, और बरडोली जैसे क्षेत्रों में…… तुषार चौधरी का अनुभव और उनकी जमीनी पकड़ कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है…….

गुजरात में बीजेपी का दबदबा पिछले तीन दशकों से कायम है…… 1995 से सत्तारूढ़ बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 156 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की थी…… जबकि कांग्रेस केवल 17 सीटों पर सिमट गई थी……. इसके अलावा बीजेपी ने स्थानीय निकाय चुनावों में भी अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है……. 2021 के स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने सभी निगमों…… और जिला पंचायतों पर कब्जा किया…… जबकि कांग्रेस को केवल एक नगरपालिका और 18 तालुका पंचायतों में बहुमत मिला…… हालांकि, कांग्रेस का यह नया नेतृत्व बीजेपी के लिए चुनौती बन सकता है……. अमित चावड़ा और तुषार चौधरी की जोड़ी को पार्टी ने इसलिए चुना है……. क्योंकि दोनों ही अलग-अलग समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं……. चावड़ा पिछड़े वर्ग से आते हैं…… जबकि चौधरी आदिवासी समुदाय के नेता हैं……. यह रणनीति सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश है…… ताकि कांग्रेस विभिन्न समुदायों के बीच अपनी अपील को बढ़ा सके……

 

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