महाराष्ट्र में फिर राजनीति गरमाई, सरकार तक आई

  • राउत के बयान से एनसीपी मेंं संग्राम
  • भाजपा पर लगा साजिश का आरोप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आजकल महाराष्ट्र के राजनीति में पवार की पार्टी में सबकुछ ठीक नही चल रहा है। राउत के बयान के बाद मचे घमासान के बाद शरद पवार को आगे आकर कहना पड़ा कि उनके भतीजे अजित पवार के भाजपा में जाने की खबरे के वल मीडिया की कयासबाजी है। उनका भतीजा कहीं नहीं जाएगा वही भतीजे ने भी कहा वह एनसीपी में हमेशा रहेगा। इन सबके बीच शिवसेना व सीएम एकनाथ शिंदे केे करीबी नेता ने यह कहा है कि अगर एनसीपी के विधायक बीजेपी में आते हैं तो वह सरकार में नहीं रहेगी इसके बाद बीच सियासी माहौल गरमाया हुआ हैं।
ज्ञात हो शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने अपने एक बयान से ये साफ कर दिया कि ठाकरे सेना अजित पवार को लेकर काफी सख्त लहजे में पेश आ रही है। संजय राउत ने कहा कि अगर मैंने सच कहा है इसीलिए मुझे कोई टारगेट करता है तो मैं मानता हूं कि मैं सच बोलता रहूंगा। अगर कोई मुझे टारगेट करता है तो भी मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं। राउत ने कहा कि मैं किसी के बाप से डरता नहीं हूं।

मै हमेशा सच लिखता हूं : राउत

संजय राउत ने कहा कि सामना (शिवसेना का मुखपत्र) हमेशा सच लिखता है और बोलता है। जाकर पूछो हसन मुश्रीफ से कि उन पर दबाव है या नहीं। अनिल देशमुख, जितेंद्र आव्हाड, प्रफुल पटेल से पूछों उनपर दबाव है या नहीं मैं और कितने नाम आपको बताऊं। केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष के नेताओं को तोडऩे की कोशिश की जा रही है। उस पर अगर हम कुछ कहते हैं तो बीजेपी को गुस्सा होना चाहिए ना की किसी अन्य नेता (अजित पवार) को। संजय राउत ने कहा कि (अजित पवार) वो क्या मेरी विश्वनियता पर सवाल खड़े कर सकते हैं। शरद पवार जरूर कर सकते हैं, मैं उनकी (शरद पवार) ही बात मानूंगा। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में विपक्ष को तोडऩे की कोशिश हो रही है। यह बात सच है या नहीं यह अजित पवार बताएं। क्या शिवसेना को नहीं तोड़ा गया। क्या एनसीपी पर हमले नहीं हो रहे हैं। यह बात शरद पवार खुद बोल रहे हैं। इस तरह का पत्र उन्होंने अमित शाह और मोदी जी को लिखा है। अगर मैं यह सच सामने रखता हूं तो दिक्कत क्या है। संजय राउत ने कहा, मैं बोलता रहूंगा, लिखता रहूंगा। मैंने सच लिखा है और अगर इस सच से किसी को चुभन होती है तो मैं क्या करूं। महाविकास आघाडी का नेतृत्व सामूहिक नेतृत्व कर रहा है। उद्धव ठाकरे बड़े नेता हैं और शिवसेना के प्रमुख हैं। उनकी पद और प्रतिष्ठा बहुत ऊपर है। (हमारे खुलासे से) बीजेपी बैकफुट पर चली गई है। उनका नकाब हमने उतार दिया है। राउत ने आगे कहा कि विपक्ष को तोडऩे के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में हो रहा है। हम सब इसके खिलाफ मिलकर लड़ेंगे।

बगावत की बातें सिर्फ मीडिया का कयास : पवार

राउत के बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में मची उठा-पटक के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार बगावत संबंधी अटकलों को खारिज करते हुए इसे मीडिया की उपज बताया है। ज्ञात हो महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार की काफी समय से एनसीपी से बगावत की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब इस मुद्दे पर शरद पवार का बयान सामने आया है। एनसीपी प्रमुख ने अजित पवार की कथित बगावत की अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि अजीत चुनाव संबंधी कामों में व्यस्त हैं। यह सारी बातें सिर्फ मीडिया में हैं।

अजित पवार भाजपा में तो हम सरकार में नहीं होंगे : शिरसाट

मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर अजित पवार भाजपा में शामिल होते हैं तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार का हिस्सा नहीं होगी। शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा है कि अजित पवार अगर एनसीपी नेताओं के समूह के साथ भाजपा में शामिल होते हैं तो हम महाराष्ट्र में सरकार का हिस्सा नहीं होंगे। संजय शिरसाट ने कहा कि उन्हें लगता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सीधे भाजपा के साथ नहीं जाएगी। हमारी नीति इसके बारे में स्पष्ट है। एनसीपी एक ऐसी पार्टी है जो विश्वासघात करती है। हम सत्ता में भी एनसीपी के साथ नहीं होंगे। अगर बीजेपी एनसीपी को अपने साथ ले जाती है, तो महाराष्ट्र इसे पसंद नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के साथ जाना पसंद नहीं आया था।

पार्टी के लिए हमेशा हूं समर्पित : अजीत पवार

राउत के इस बयान को इसलिए महत्व दिया गया, क्योंकि कुछ समय से शरद पवार और अजीत पवार के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं। इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि अजीत भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। हालांकि, अजीत ने इन अटकलों को निराधार बताया। राउत ने सामना में लिखे अपने एक लेख में कहा कि शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से उनकी बैठक के दौरान कहा कि कोई भी नेता दल नहीं बदलना चाहता, लेकिन जिस तरह से परिवार को निशाना बनाया जा रहा है, उससे अगर कोई पार्टी छोडऩे का निर्णय लेता है, तो यह उसका व्यक्तिगत मामला होगा। एक पार्टी के रूप में हम भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।

 

 

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