संसद सुरक्षा में चूक का मामला: आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है पुलिस, कोर्ट में दी अर्जी
नई दिल्ली। 13 दिसंबर को संसद में हुई सुरक्षा के चूक के मामले में जांच लगातार जारी है. दिल्ली पुलिस ने पांचों आरोपियों सागर शर्मा, नीलम आजाद
और अमोल शिंदे, ललित झा, मुकेश कुमावत, और मनोरंजन डी को पटियाला हाउस में पेश किया है, साथ ही आरोपियों के पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की अर्जी
दाखिल की है. इसके लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की पटियाला कोर्ट से इजाजत मांगी है. पटियाला हाउस कोर्ट में 2 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई
होनी है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सभी आरोपियों से पूछा जाए कि क्या वह पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हैं. फिलहाल सभी आरोपी 5 जनवरी तक
न्यायिक हिरासत में हैं.
कोर्ट का कहना है कि लीगल रिमांड काउंसिल से आरोपियों की बात करना जरूरी है, लेकिन वह अभी कोर्ट में उपलब्ध नहीं है. कोर्ट की इस बात पर दिल्ली
पुलिस ने भी जवाब दिया. जांच में हो रही देरी का हवाला देते हुए पुलिस ने कहा कि इस विषय में जल्द से जल्द एक्शन लेना होगा. इसी बीच आरोपियों
के लिए वकील लीगल रिमांड काउंसिल ने अर्जी की कॉपी की मांग की जिसपर कोर्ट ने कहा कि जब वह अदालत आएंगे तो अर्जी की कॉपी दे दी जाएगी.
साथ ही आरोपियों के अपने परिवार जनों से मिलने वाली बात पर कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी अपने परिवार के किसी सदस्य से बात करना चाहते हैं तो
उसके लिए उचित अर्जी दाखिल करें.
दरअसल, 13 फरवरी को संसद पर हमले की 22वीं बरसी थी. लोकसभा की कार्यवाही दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे. ये युवक नारेबाजी कर रहे
थे, तभी एक युवक ने अपने जूते से स्प्रे निकालकर पीले रंग की गैस का छिडक़ाव किया था. इस दौरान सदन में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी. सदन के
बाहर पुलिस ने नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए एक महिला नीलम देवी और एक युवक अमोल शिंदे को गिरफ्तार किया था. दोनों पीले रंग की गैस स्प्रे कर
रहे थे. इन चार आरोपियों के अलावा पुलिस ने दो और युवकों ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया था.
ललित झा संसद में सेंधमारी के वक्त सदन के बाहर ही था. उसने सदन के बाहर प्रदर्शन करने वाले आरोपियों का वीडियो बनाया था और इसे व्हाट्सऐप के
जरिए अपने एक साथी को भेजा था.