INDIA को नहीं मिला डिप्टी स्पीकर, अब बिड़ला की कुर्सी भी जाएगी!

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की जमकर फजीहत हो रही है... विपक्ष लगातार बिड़ला पर सरकार के पक्ष में बात करने का आरोप लगा रहा है... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव के बाद तीसरी बार बैसाखी के सहारे बीजेपी की सरकार बन गई है… और नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए… जिसके बाद लोकसभा स्पीकर के पद को लेकर घमासान मचा हुआ था… वहीं वोटिंग के बाद एक बार फिर से ओम बिड़ला को लोकसभा स्पीकर बन गए… जिसके बाद से ओम बिड़ला की जमकर फजीहत हो रही है…आपको बता दें कि विपक्ष लगातार बिड़ला पर सरकार के पक्ष में बात करने का आरोप लगा रहा है… विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ओम बिड़ला को भरे सदन में मोदी के सामने झुकने की बात कही….और कहा कि आप मोदी के सामने झुकते हो… आप पूरे सदन के माननीय हो और सभी को आपका सम्मान करना है… आपको किसी का सम्मान नहीं करना है… सदन में आपके लिए सभी बराबर है… कोई वरिष्ठ और सीनियर नहीं है…. आपके नजर में सभी को समान होना चाहिए…. लेकिन आप मोदी के सामने झुकते हैं… जिसको बाद से ओम बिड़ला को लेकर विपक्ष के तमाम नेता पक्षपात का आरोप लगा रहे है… जबसे लोकसभा की कार्रवाई शुरू हुई है… तभी से ओम बिड़ला पर पक्षपात होने का आरोप लग रहा है…. लेकिन लोकसभा स्पीकर अपनी पार्टी का पक्ष लेने से नहीं चूक रहें है…

आपको बता दें कि अपनी तानाशाही चलाने के लिए ही बीजेपी ने अभी तक डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को नहीं दिया है… बता दें कि अगर डिप्टी स्पीकर विपक्ष का हुआ तो ओम बिड़ला की मनमानी नहीं चल पाएगी… और डिप्टी स्पीकर पक्षपात करने नहीं देगा… जिस डर से और अपनी कुर्सी बचाने के लिए मोदी किसी भी हद तक जा सकतें है…. लोकसभा में मानसून सत्र चल रहा है… वित्तमंत्री के बजट पेश करने के बाद से धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन मे चर्चा हो रही है… जिसको लेकर विपक्ष के नेता सदन में जमकर समाज में व्याप्त मुद्दों को सदन में उजागर कर रहें है… लेकिन सांसदों की जुबान को बंद करने का काम लोकसभा स्पीकर के द्वारा किया जा रहा है… वहीं जब सत्ता पक्ष के नेताओं का अभिभाषण होता है… तब स्पीकर को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है… बीजेपी के कोई भी नेता, मंत्री, सांसद और खुद मोदी अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों और विकास का जिक्र नहीं करते हैं…और जनता को अपने कार्यकाल की सफलता को नहीं बताते है… मोदी हमेशा पंडित नेहरू और आपातकाल की बात करते हैं… तब ओम बिड़ला को किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं होती है… वहीं जैसे विपक्ष का कोई नेता मोदी सरकार की नाकामी को उजगर करने लगता है… तुरंत ओम बिड़ला उसकी आवाज दबाने का काम करते हैं…

बता दें कि लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी…. और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला में तीखी नोकझोंक देखने को मिली…. दरअसल, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने चर्चा के दौरान दावा किया कि सदन में तीन कृषि कानूनों पर चर्चा नहीं की जिन्हें बाद में वापस ले लिया गया था…. वहीं अभिषेक बनर्जी के दावे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति जताई…. और कहा कि इस सदन में तीन कृषि कानूनों पर करीब साढ़े पांच घंटे तक चर्चा हुई…. बिरला की दावे पर अभिषेक ने जोर देकर कहा कि चर्चा नहीं हुई… तो स्पीकर बोले कि जब अध्यक्ष बोलते हैं… तो सही ही बोलते हैं और आपको रिकॉर्ड देखना चाहिए…. तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने लोकसभा में कहा कि कृषि विधेयकों को किसान, किसान संगठनों या विपक्षी दलों के परामर्श के बिना ही पारित कर दिया गया… अभिषेक बनर्जी के आरोपों पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आपको खुद को सही करने की जरूरत है…. वहीं चर्चा के दौरान अभिषेक बनर्जी ने दो हजार सोलह में की गई नोटबंदी का जिक्र किया… जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि माननीय सदस्य आप वर्तमान बजट पर बात करें… क्योंकि दो हजार सोलह के बाद तो काफी समय निकल गया…. इसके बाद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि कोई पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की बात बोलेगा तो आप कुछ नहीं कहेंगे… और मैं दो हजार सोलह की नोटबंदी की बात कर रहा हूं तो आप कह रहे हैं कि वर्तमान बजट पर बोलिए….. अभिषेक बनर्जी बोले कि ये पक्षपात नहीं चलेगा… क्योंकि जब कोई इमरजेंसी के मुद्दे को उठाता है तो आप चुप रहते हैं….

वहीं लोकसभा में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने बजट पर निशाना साधा…. और उन्होंने कहा कि अगर मैं बजट को एक लाइन में समझाऊं तो इसे मैं बिना किसी विजन वाला बजट कहूंगा…. और उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को खुश करने के लिए बजट पेश किया न कि देश के एक सौ चालीस करोड़ लोगों के लिए…. इस बजट में एक सौ चालीस करोड़ लोगों को की उम्मीदों को नजरअंदाज करके सिर्फ दो सहयोगियों के विश्वास को जीतने की कोशिश हुई…. वहीं अभिषेक बनर्जी ने संबोधन के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन का मतलब समन्यव होता है…. और कोई भी उसे मोदी 3.0 नहीं कह रहा…. वहीं इस सरकार को खुद बीजेपी के मंत्री भी मोदी 3.0 नहीं कर रहे हैं… ये सरकार काफी अनिश्चित और नाजुक है और कभी भी गिर सकती है… बता दें कि संबोधन के आखिरी में वो बोले कि सब्र रखिए और कुर्सी की पेटी भी बांध लीजिए क्योंकि मौसम बिगड़ने वाला है…. जिसके बाद से सियासी हलचल काफी तेज हो गया है… जिसके बाद से तमाम कयास लगाए जा रहें है….

वहीं एक बार फिर टीएमसी सांसद और लोकसभा स्पीकर के बीच तीखी बहस देखने को मिली…. दरअसल, बजट सत्र के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अपनी बात रख रही थी…. इसी दौरान बीजेपी के किसी एमपी ने ममता बनर्जी का नाम लेकर कुछ टिप्पणी कर दिया…. जिसके बाद लोकसभा में मौजूद टीएमसी सांसदों ने हो हल्ला… और चिल्लाना शुरु कर दिया…. इसी कड़ी में मोइत्रा ने डिमांड रख दी कि बीजेपी के एमपी को सस्पेंड किया जाए…. इस पर ओम बिरला गुस्से से लाल हो गए…. और उन्होंने कहा कि आप मुझे डायरेक्शन देंगी, नो, नो… ये मैं अलाऊ नहीं कर सकता…. इस बीच ममता के भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जो इस सदन का सदस्यऊ नहीं होता है…. उसका नाम नहीं लेना चाहिए…. ममता बनर्जी इस सदन की सदस्यह नहीं है…. उनका नाम भी लिया गया है…. इसपर सत्ता् पक्ष को भी माफी मांगनी चाहिए…. इसी बात को फिर महुआ ने दोहराया तो स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि आप मुझे डायरेक्शइन मत दीजिए, बोलना है तो बोलिए वरना रहने दीजिए… जिसके बाद से विपक्ष लोकसभा स्पीकर पर जमकर हमलावर है…

आपको बता दें कि 17वीं लोकसभा में मोदी सरकार ने डिप्टी स्पीकर का पद ख़ाली रखा था…. जबकि 16वीं लोकसभा में यह पद एआईएडीएमके के एम थंबीदुरई को मिला था… इस बार बीजेपी ने अब तक डिप्टी स्पीकर के पद लेकर चुप्पी साध रखी है…. बता दें कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं…. लेकिन तीसरा टर्म अपने दम पर नहीं है… बैसाखी के सहारे सरकार चल रही है…. वहीं कब तक बैसाखी मोदी का साथ देते हैं… यह तो आने वाला समय तय करेगा… इस बीच शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा दावा किया है….. और उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि पीएम मोदी ने चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बहुत बड़ी फिरौती देकर अपनी कुर्सी बचा रहे हैं…. वहीं चुनाव बजट में जिस तरह से इन दोनों को पैसा दिया है वो कुर्सी बचाने के लिए ही दिया गया है…. पीएम मोदी कहते हैं कि वे अजैविक हैं…. उसी तरह ये बजट अजैविक बजट है… और पूरा पैसा कुर्सी बचाने के लिए उनको दिया है…..

बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख हैं…. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू के प्रमुख हैं…. दोनों ही दलों का बीजेपी से गठबंधन है…. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में दोनों दलों की अहम भूमिका है…. विपक्षी दलों का कहना है कि गठबंधन कमजोर नहीं पड़े, इसलिए बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार को प्रमुखता मिली है… बजट पर चर्चा के दौरान लगातार विपक्षी पार्टियों के सांसद अपने-अपने राज्यों को नजरअंदाज करने के आरोप लगा रहे हैं….. बता दें कि केंद्रीय बजट में बिहार के लिए कई बड़े कदम उठाए जाने की घोषणा की गई….. इनमें राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के लिए साठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव किया गया है…. इनमें तीन एक्सप्रेसवे, एक बिजली संयंत्र, गलियारों, नए हवाई अड्डे और खेल बुनियादी ढांचे के लिए योजनाओं की रूपरेखा पेश की गई… वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार में तीन सड़क संपर्क परियोजनाओं पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे और बोधगया, राजगीर, वैशाली…. और दरभंगा एक्सप्रेसवे और बक्सर में गंगा नदी पर एक अतिरिक्त दो-लेन पुल के विकास के लिए केंद्र के समर्थन की घोषणा की…. जिसके बाद से सियासत तेज हो गई है… और विपक्ष सत्ता धारी बीजेपी और मोदी को जमकर सुना रहा है…

आपको बता दें कि बैसाखी के सहारे आने के बाद भी मोदी की तानाशाही कम होती नहीं दिख रही है… बस हार की चिंता मोदी के चेहरे पर दिखाई दे रही है… और अपनी कुर्सी की लालच में बजट के द्वारा दो राज्यों पर काफी मेहबानी देखने को मिली है… दो राज्यों को छोड़कर बाकी के सभी राज्यों, किसानों, युवाओं, महंगाई समेत समाज में व्याप्त सभी मुद्दों पर एक बार भी जिक्र नहीं किया गया है… जिसके बाद से विपक्ष मोदी सरकार पर जमकतर हमलावर है…

 

 

 

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