भारत कूटनीतिक रूप से अलग-थलग हुआ- CWC
प्रस्ताव में कहा गया है कि संविधान पर BJP-RSS के हमले लगातार जारी हैं. हमारे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को ईंट-दर-ईंट ध्वस्त किया जा रहा है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः आजादी के बाद यह पहली बार था जब पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई. करीब 5 घंटे चली इस बैठक में कांग्रेस ने दो प्रमुख प्रस्ताव पास किए. इसमें बीजेपी-आरएसएस पर हमला बोला गया. ‘वोट चोरी’ और SIR को लेकर बात रखी गई. वोटी चोरी को लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी बताई गई.
बिहार की राजधानी पटना में करीब पांच घंटे CWC की बैठक चली. कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें एक राजनीतिक और दूसरा बिहार से संबंधित है. इसमें बिहार के मतदाताओं से अपील की गई है. प्रस्ताव में कहा गया है कि संविधान पर BJP-RSS के हमले लगातार जारी हैं. हमारे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को ईंट-दर-ईंट ध्वस्त किया जा रहा है.
बीजेपी के शासन में सामाजिक न्याय को कुचला जा रहा है. निजीकरण के माध्यम से आरक्षण को नियमित रूप से खत्म किया जा रहा है. ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूची में अनियमितताओं ने हमारे लोकतंत्र की बुनियाद में जनता का विश्वास हिला दिया है. बिहार में मतदाता सूची में पुनरीक्षण, मतदाता सूची में हेरफेर कर सत्ता में काबिज रहने के लिए भाजपा के ‘टूलकिट’ की एक और गंदी चाल है.
प्रस्ताव में कहा गया कि सरकार उदासीन है क्योंकि उसे पता है कि वह सेवा के बल पर नहीं बल्कि छल-कपट और भय के बल पर सत्ता में बनी रह सकती है. वोट चोरी को संविधान, समाजिक न्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा पर हो रहे हमलों से अलग नहीं किया जा सकता है. दलितों और आदिवासियों को लगातार बढ़ती हुई हिंसा का सामना करना पड़ रहा है.
कांग्रेस कार्यसमिति के प्रस्ताव में ये भी कहा गया कि भारत की विदेश नीति का ध्वस्त होना बेहद चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए व्यापार को सौदेबाजी के तौर पर इस्तेमाल किया. सरकार ने इस दावे पर जवाब देने से इनकार कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी की ‘हगलोमेसी’ (गले लगाने की नीति) उलटी पड़ गई है.
इससे भारत कूटनीतिक रूप से अलग-थलग हुआ, अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने में असमर्थ हो गया है. राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार युद्ध रोकने का दावा कर रहे हैं. H1B वीजा के कारण अमेरिका में लाखों भारतीय नागरिकों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. 85 साल बाद पटना में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक हुई है. आजादी के बाद यह पहली बार था जब यहां सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई. पटना में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक इससे पहले 1912, 1922 और 1940 में हुई थी.



