पड़ोसियों संग अच्छे संबंध बनाए भारत- महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब युद्ध होता है तो लोग बेघर हो जाते हैं, अपनी जान गंवा देते हैं, बच्चे मारे जाते हैं, बच्चे अनाथ हो जाते हैं, इसलिए जंग किसी चीज का हल नहीं है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत पाकिस्तान के बीच शनिवार (10 मई) को सीजफायर करने का फैसला किया गया. हालांकि रात में पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर करने की खबरें सामने आईं, जिसके बाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि यह कोई युद्ध विराम नहीं है. श्रीनगर के मध्य में एयर डिफेंस यूनिट ने अभी अभी गोलीबारी शुरू की है. वहीं अब इस पर महबूबा मुफ्ती का बयान सामने आया है.
जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला की पोस्ट पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, “युद्धविराम में समय लगता है. जब दो देशों की सेनाएं आमने-सामने होती हैं तो तनाव कम होने में समय लगता है. थोड़ा धैर्य रखना चाहिए. हमें ऐसे लोगों में नहीं बदलना चाहिए जो हमेशा युद्ध लड़ने के लिए तैयार रहते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “जब युद्ध होता है, तो लोग अपना घर खो देते हैं, अपनी जान गंवा देते हैं, बच्चे मारे जाते हैं, वे अनाथ हो जाते हैं और अस्पताल भर जाते हैं. इसलिए, युद्ध किसी भी चीज का समाधान नहीं है. मुझे लगता है कि हमें धैर्य रखना चाहिए.”
#WATCH | Baramulla, J&K: On J&K CM Omar Abdullah's tweet, PDP chief Mehbooba Mufti says, "Ceasefire takes time. When the militaries of two countries are in eye-to-eye contact, it takes time to de-escalate. There should be some patience. We should not turn into people who are… pic.twitter.com/Jo1BtNi0As
— ANI (@ANI) May 11, 2025
इसके अलावा महबूबा मुफ्ती ने भारत-पाकिस्तान समझौते पर कहा, “मुझे उम्मीद है कि संघर्ष विराम को स्थायी बनाया जाएगा ताकि लोग अपने घरों में वापस जा सकें. हमारा देश बहुत बड़ा देश है, इसकी अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है, इसे बड़े भाई की भूमिका निभानी चाहिए, भारत सरकार को खुद पहल करनी चाहिए और राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए और देखना चाहिए कि पाकिस्तान के साथ क्या मुद्दा है. पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाने चाहिए.”
इससे पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का स्वागत किया था. उन्होंने कहा, “मैं भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम बहाली के बारे में भारत सरकार के प्रवक्ता द्वारा की गई घोषणा का तहे दिल से स्वागत करता हूं.” उन्होंने आगे कहा, “देर आए दुरुस्त आए, लेकिन यदि यह संघर्ष विराम दो या तीन दिन पहले हो जाता, तो शायद जो रक्तपात हमने देखा और जो बहुमूल्य जानें हमने गंवाईं, वे सुरक्षित होतीं.”



