India-Russia Business Forum, आर्थिक और सामाजिक सहयोग पर जोर
भारत-रूस बिजनेस फोरम में दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग को गहरा करने पर जोर दिया। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर व्यापार और निवेश की नई संभावनाओं पर चर्चा की।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: भारत-रूस बिजनेस फोरम में दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग को गहरा करने पर जोर दिया। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर व्यापार और निवेश की नई संभावनाओं पर चर्चा की।
रूस के मैक्सिम ओरेश्किन ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और उसकी क्षमता की सराहना की। फिक्की के चेयरमैन अनंत गोयनका ने भी अपनी बात रखी और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। फोरम में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने निवेश और व्यापार के नए अवसर तलाशने और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बीच इंडिया-रूस बिजनेस फोरम में कई अहम मुद्दों पर बात हुई. इसमें केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, रूस के प्रेसिडेंट ऑफिस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मैक्सिम ओरेश्किन, फिक्की के चेयरमैन अनंत गोयनका ने अपनी बात रखी. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रूस के कंपनियों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया.
उन्होंने कहा कि भारत- रूस के बीच इस फोरम की बहुत बड़ी भूमिका है जो संबंधों को और गहरा, बेहतर बनाएगी. अनंत गोयनका ने कहा कि भारत-रूस संबंधों का सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि एक सामाजिक जुड़ाव भी है, जो हमारी क्षमताओं के आदान-प्रदान से भविष्य को बेहतर बनाएगा. फिक्की इस संबंध में एक सेतु का काम करेगा और इसे मजबूत बनाएगा.
मैकेसिम रेश्किन ने कहा, मैं दोनों देशों की कंपनियों के प्रतिनिधियों का स्वागत करता हूं. भारत दुनिया में एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, पिछले पांच साल में जिसकी जीडीपी का आंकड़ा 8 पर पहुंच गया है. भारत की टारगेटेड पॉलिसी से अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है जो वैश्विक स्तर पर अपनी अलग साख रखती है. टाटा मोटर्स जैसी कंपनी है, जिसने जगुआर में अपनी हिस्सेदारी की. विप्रो आईटी सर्विसेज में अंतरराष्ट्रीय स्तर की है.
उन्होंने कहा, भारत की आपूर्ति की क्षमता रूस के लिए बेहतरीन है. यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत अच्छी है. 100 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था 2030 तक बनेगी, जिस तरह की तेजी भारतीय अर्थव्यवस्था में है. भारत जिन क्षेत्रों में मजबूत है वो कंज्यूमर गुड्स, एग्रीकल्चर, टेलीफ़ोन इक्यूपमेंट समेत छह हैं. हम देखेंगे कि दोनों देशों में हॉरिजेंटल समझौते हों और रूस भारतीय उत्पादों का स्वागत करेगा.
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रूस के कंपनियों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भारत- रूस के बीच इस फोरम की बहुत बड़ी भूमिका है जो संबंधों को और गहरा, बेहतर बनाएगी. वैश्विक स्तर पर हो रहे बड़े बदलावों की बीच भारत रूस के संबंध और गहरे हुए हैं. हम उम्मीद करते हैं कि 2047 तक हम 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होंगे.
उन्होंने कहा कि 11 साल पहले अर्थव्यवस्था नाजुक थी जो अब दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था में से एक है. हमने कोविड जैसा कठिन समय इस दौर में पार किया है. हमने बहुत कड़े और बदलाव करने वाले फैसले लिए, जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ. नए लेबर कोड में 29 कानून हैं जो बेहतर वेतन, सुरक्षा समेत बेहतर रोज़गार प्रदान करने के मद्देनजर हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमने अंग्रेजी मानसिकता वाले कोई कानून खत्म किए और बदलाव किया. ईज ऑफ डूइंग जैसी सहूलियत लाए. रूस के बारे में जब कोई भारतीय सोचता है तो उसके दिमाग में ‘सुख–दुख का साथी‘ आता है. इस दौरान उन्होंने मेरा नाम जोकर फिल्म का उदाहरण दिया है. साथ ही कहा कि रूस में माइनस टू तापमान भले हो पर भारत से उसके संबंध हमेशा गर्मजोशी वाले हैं.
उन्होंने कहा, हमारे यहां लोग ज़रूरत हो तो सातों दिन काम करने को तैयार रहते हैं. भारत का युवा विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़कर रूस की जरूरतों में भी सहयोगी होगा. नई उपलब्धियों के साथ, नई चुनौतियां भी आती हैं लेकिन हम उनका हल मिलकर निकाल लेंगे. उन्होंने कहा कि हम मिलकर ट्रेड बैरियर्स हटाएंगे. रूस की व्यापारिक मांग बहुत है जो भारत पूरी कर सकता है. इसमें हैवी मशीनरी, वाहन, दवाओं समेत तमाम हैं.



