यूपी में युवाओं के साथ हो रहा अन्याय : राहुल गांधी
- हाईकोर्ट्स में ओबीसी जजों की कमी के मुद्दे पर भी घेरा
- कांग्रेस दिलाएगी युवाओं को न्याय
- आज तकरीबन दो साल बाद अमेठी जाएंगे राहुल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रतापगढ़। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज 37वां दिन है। राहुल गांधी की यात्रा यूपी के प्रतापगढ़ से होते हुए आज अमेठी पहुंचेंगी। न्याय यात्रा आज शाम करीब 4 बजे अमेठी पहुंचेगी। जाहिर है कि राहुल गांधी 2 साल बाद अमेठी पहुंच रहे हैं। अमेठी के बाबूगंज में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
अमेठी पहुंचने से पहले प्रतापगढ़ में यात्रा के दौरान राहुल ने प्रतापगढ़ से केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि जब वे हाल ही में वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचे, तो पुलिसवालों ने सारे मोबाइल फोन रख लिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि राहुल गांधी शिव मंदिर में अंदर दिखें।
अपने सपने पूरे करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा युवा
कांग्रेस सांसद ने यूपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश का युवा अपने सपने पूरे करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। सुविधाओं के बिना हर रोज घंटों पढ़कर और मेहनत करने के बाद उन्हें क्या मिलता है? पेपरलीक। राहुल गांधी ने कहा कि हाल ही में लाखों युवाओं ने नौकरी पाने के लिए भर्ती परीक्षा दी और बाद में पता चला कि पेपर लीक हो गया। बीजेपी सरकार युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। इन युवाओं के न्याय मिलना ही चाहिए और हम सब इस लड़ाई में उनके साथ हैं।
जनता की सबसे बड़ी परेशानी है बेरोजगारी
मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए व सवाल करते हुए राहुल ने कहा कि देश के हाईकोर्ट्स में कितने लोग दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग से आते हैं? आप इस सवाल पर चुप हो गए। आप में दम नहीं है। आप सोए हुए हैं। राहुल गांधी ने आगे दावा किया कि 650 हाईकोर्ट्स के जज हैं। 73 फीसदी आप लोगों की आबादी है। 100 जज सिर्फ 73 फीसदी के पास और वे भी छोटे-छोटे। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में अन्याय के खिलाफ न्याय का युद्ध जारी है। हम जनता के आशीर्वाद और विश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं। मैं भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान हजारों लोगों से मिला जिनकी सिर्फ एक ही परेशानी है और वो है बेरोजगारी।
जनता का ध्यान भटकाकर जेब काट रही मोदी सरकार
राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार में आम जनता का ध्यान भटकाकर उनकी जेब से पैसा निकाला जा रहा है। उन्होंने एक शख्स को अपने पास बुलाकर कहा, मान लो लोगों ने मन बना लिया है कि इसकी जेब काटनी है। तो इससे कहेंगे कि उधर देखो पाकिस्तान, उधर देखो अमिताभ बच्चन, उधर देखो एश्वर्या राय और इसकी जेब काट ली जाएगी। जेब काटे वाले का नाम अडानी।
अब किसानों के पाले में गेंद, अगले फैसले पर निगाहें
- केंद्र ने चार और फसलों पर एमएसपी देने का रखा प्रस्ताव
- किसानों का कहना- सभी संगठनों से बात करने के बाद लेंगे फैसला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी समेत 12 मांगों को लेकर दिल्ली कूच के लिए निकले किसान अध्यादेश पर अड़ गए हैं। हालांकि, रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई चौथे दौर की बैठक में केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा। वहीं सरकार के झुकने के बाद अब गेंद पूरी तरह से किसानों के पाले में है। सरकार के फैसले के बाद अब किसानों का कहना है कि वो अपने सभी संगठनों से बात करके इस मामले पर आगे कोई फैसला लेंगे।
शंभू बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। शुरुआती दो दिनों के मुकाबले अभी माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है। अर्धसैनिक बलों ने रविवार को कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदर्शन कर रहे किसान भी आगे बढऩे की कोशिश नहीं कर रहे हैं। किसान नेताओं के बार-बार आग्रह के बाद हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग से 50 मीटर की दूरी पर लगी रस्सी के पीछे ही बैठे रहे। किसान नेताओं के मंच पर बड़ी तादाद में महिलाएं भी शंभू बॉर्डर पर किसानों का साथ देने पहुंचीं।
21 फरवरी को शांतिपूर्ण तरीके से बढ़ेंगे आगे : पंधेर
एमएसपी पर दालें, मक्का खरीदने के केंद्र के पांच साल के प्रस्ताव पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि केंद्रीय मंत्रियों ने अपना प्रस्ताव देश के सामने रखा है। हम इस पर चर्चा करेंगे। कल खनौरी में एक किसान की जान चली गई। हमारा नेतृत्व वहां जा रहा है। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर किसान नेता ने कहा कि अभी दिल्ली नहीं जा रहे हैं। 21 फरवरी को सुबह 11 बजे हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे। तब तक हम केंद्र के सामने अपनी बात रखने की कोशिश करेंगे।
सभी चीजों पर एमएसपी लागू करने से पहले सोचना पड़ता है : वीके सिंह
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से नहीं चल रहा है। किसान आंदोलन पंजाब से चल रहा है। 22 चीजों पर एमएसपी पहले से ही लागू है। सभी चीजों पर एमएसपी लागू करने से पहले सोचना पड़ता है। किसान सम्मान निधि और सब्सिडी मिला ली जाए तो रक्षा बजट से ज्यादा पैसा इसमें दिया जाता है।