INS तमाल: भारतीय नौसेना को मिला तुशील श्रेणी का अत्याधुनिक स्टील्थ युद्धपोत
भारत अपनी सैन्य शक्ति को तीनों क्षेत्रों जल, थल और नभ में लगातार सशक्त बना रहा है और एक वैश्विक सुपरपावर बनने की दिशा में अग्रसर है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत अपनी सैन्य शक्ति को तीनों क्षेत्रों जल, थल और नभ में लगातार सशक्त बना रहा है और एक वैश्विक सुपरपावर बनने की दिशा में अग्रसर है। इसी क्रम में 1 जुलाई भारतीय नौसेना के इतिहास में एक तारीख बनने जा रही है। इस दिन भारत को रूस से एक अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट युद्धपोत मिलने जा रहा है, जिसे INS तमाल नाम दिया गया है।
INS तमाल, रूस से प्राप्त क्रिवाक श्रेणी के फ्रिगेट्स की श्रृंखला में आठवां और सबसे घातक युद्धपोत है। यह तुशील श्रेणी की दूसरी युद्धपोत है, जो भारतीय नौसेना की पहले से तैनात तलवार और तेग श्रेणी के जहाजों का आधुनिक संस्करण है। इस युद्धपोत को रूस के कैलिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में निर्मित किया गया है।
गोपनीयता और आधुनिक तकनीक से लैस
INS तमाल एक स्टील्थ युद्धपोत है, जो रडार से बच निकलने में सक्षम है और गोपनीय तरीके से दुश्मन पर सटीक हमला कर सकता है। इसकी डिज़ाइन में विशेष रूप से 26% स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे यह युद्धपोत भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों के उद्देश्यों के अनुरूप तैयार किया गया है।
सबसे पहले बात करते हैं INS तमाल की. इसमें 26 फीसदी उपकरण स्वदेशी हैं. इसका नाम तमाल रखा गया है, जो इंद्र की ओर से युद्ध के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पौराणिक तलवार का प्रतीक है. इस जहाज का शुभंकर अमर भालू राजा ‘जाम्बवंत’ और रूसी राष्ट्रीय पशु यूरेशियन भूरे भालू की समानता से प्रेरित है. इसके क्रू दल को ‘द ग्रेट बियर्स’ कहा जाता है. इसका आदर्श वाक्य, ‘सर्वदा सर्वत्र विजय’ यानी हर समय विजयी है.
INS तमाल की बड़ी बातें
तमाल में समुद्र और जमीन दोनों पर निशाना साधने के लिए लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी शामिल है.
जहाज से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात रहेंगी.
इस पर मॉडर्न 100 मिलीमीटर तोप, मानक 30 मिलीमीटर गन क्लोज-इन हथियार प्रणाली मौजूद रहेगी.
तमाल पर भार वाले टारपीडो, तत्काल हमला करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट और कई सर्विलांस व अग्नि नियंत्रण रडार मौजूद हैं.
इस जहाज पर हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा सकेंगे, जो इसके डेक से ऑपरेट हो सकते हैं.
जहाज की सहनशक्ति काफी ज्यादा है और इसकी स्पीड 30 नॉट से ज्यादा है.
ये 125 मीटर लंबा और 3900 टन वजनी है.
तमाल को पश्चिमी नौसेनिक के बेड़े में शामिल किया जाएगा.
क्या होता है युद्धपोत?
युद्धपोत नौसेना के जहाज की एक विशेष श्रेणी है. इस श्रेणी का इस्तेमाल मुख्य रूप से युद्ध के लिए किया जाता है. नौसेना और तटरक्षक आमतौर पर समुद्र में रक्षा के लिए इनका उपयोग करते हैं. युद्धपोतों के फीचर में चुस्ती, स्पीड, बेहतर गतिशीलता होती है. इनको गोला बारूद, मिसाइलें, लड़ाकू विमान और अन्य हथियारों से लैस किया जाता है. इनका उपयोग जरूरत के समय सैन्य वाहक के रूप में भी किया जाता है. युद्धपोतों के कुछ सामान्य प्रकार हैं, जिनमें फ्रिगेट, एयरक्राफ्ट कैरियर, विध्वंसक, कोरवेट, पनडुब्बी, एंफीबियस असॉल्ट शिप और क्रूजर जहाज शामिल होते हैं. INS तमाल एक फ्रिगेट जहाज है.
शिवालिक-क्लास सबसे पहला स्वदेशी स्टील्थ युद्धपोत
इस साल जनवरी 2025 में नीलगिरि श्रेणी का INS नीलगिरी युद्धपोत नौसेना को मिला. फ्रिगेट क्साल में नीलगिरि श्रेणी सबसे बड़ी है. आईएनएस नीलगिरि इस श्रेणी का प्रमुख जहाज है. इस क्लास का मुख्य उद्देश्य मौजूदा समय में सेवारत शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट की भरपाई करना है. शिवालिक-क्लास भारत की ओर से निर्मित पहला स्टील्थ युद्धपोत है. इस श्रेणी के सभी तीन जहाजों का निर्माण मुंबई में मझगांव डॉक लिमिटेड की ओर से 2000 से 2010 तक किया गया. तलवार श्रेणी से पहले ब्रह्मपुत्र श्रेणी के फ्रिगेट बनाए गए थे, जिन्हें कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने बनाया था. इस श्रेणी के तीन जहाज अभी भी भारतीय नौसेना की सेवा में हैं.
भारतीय नौसेना में 14 फ्रिगेट्स युद्धपोत?
शिवालिक क्लास: INS शिवालिक (एफ47), INS सतपुड़ा (एफ48), INS सह्याद्रि (एफ49)
तलवार क्लास: INS तलवार (एफ40), INS त्रिशूल (एफ43), INS तबर (एफ44), INS तेग (एफ45), INS तरकश (एफ50), INS त्रिकंद (एफ51), INS तुशील
ब्रह्मपुत्र क्लास: INS ब्रह्मपुत्र (एफ31), INS बेतवा (एफ39), INS ब्यास (एफ37)
नीलगिरि क्लास: INS ब्यास नीलगिरि (F33)
भारतीय नौसेना के पास 13 विध्वंसक
भारतीय नौसेना चार क्लास में 13 गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक जहाजों को ऑपरेट करती है. इसमें विशाखापत्तनम क्लास, कोलकाता क्लास, दिल्ली क्लास और राजपूत क्लास शामिल है. वहीं, छह पुराने विध्वंसक (तीन आर क्लास और तीन हंट क्लास) को सेवामुक्त कर चुकी है.
विशाखापत्तनम-क्लास: INS विशाखापत्तनम, INS मोरमुगाओ, INS इंफाल और INS सूरत.
कोलकाता-क्लास: INS कोलकाता, INS कोच्चि, INS चेन्नई.
दिल्ली-क्लास: INS दिल्ली (D61), INS मैसूर (D60) और INS मुंबई.
राजपूत-क्लास: INS राजपूत (D51), INS राणा (D52), INS रणवीर (D54) और INS रणविजय (D55).



